NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
हमास और फ़तह ने समझौते के साथ फ़िलिस्तीनी चुनावों की घोषणा की
दोनों समूहों के प्रतिनिधि ने तुर्की में मुलाकात की और साल 2006 के बाद फ़िलिस्तीनी चुनाव करने को लेकर इस समझौते को अंतिम रूप दिया।
पीपल्स डिस्पैच
25 Sep 2020
हमास और फ़तह ने समझौते के साथ फ़िलिस्तीनी चुनावों की घोषणा की

दो मुख्य फिलिस्तीनी समूहों हमास और फतह ने घोषणा की कि उन्होंने लगभग 15 वर्षों में पहली बार फिलिस्तीनी चुनाव कराने के लिए 24 सितंबर गुरुवार को एक समझौता किया है। फतह मूवमेंट के महासचिव जिब्रील रजौब ने रामल्ला में इस समझौते की घोषणा की और कहा कि चुनाव अगले 6 महीनों के भीतर होंगे।

फिलिस्तीनी गुट इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तुर्की की राजधानी अंकारा में पिछले कुछ दिनों से बैठक कर रहे थे जो इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति महमूद अब्बास और हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया के बीच पहली बार हुआ था।

फिलिस्तीनी गुटों के बीच विभाजन के कारण कमजोर हुए आंदोलन पर सहमति व्यक्त करते हुए रजौब ने घोषणा की कि, "राष्ट्रीय एकता का निर्माण इस समझौते का एक रणनीतिक लक्ष्य है और चुनावों के लिए हमारा रास्ता है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया ही हमारी राजनीतिक व्यवस्था के निर्माण का एकमात्र तरीका है।" इसे फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने रिपोर्ट किया है।

पूर्वी येरुशलम सहित सभी क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में मतदान होगा। सोमवार से अंकारा में मिले प्रतिनिधिमंडल में फतह के जिब्रील रजौब और हमास के सालेह अउरी शामिल थें। बुधवार को जो समझौता हुआ वह अनुमोदन के लिए 1 अक्टूबर को आयोजित होने वाले फिलिस्तीनी गुटों के प्रमुखों की अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

दो मुख्य गुटों के बीच असहमति फिलिस्तीनी चुनावों में हमास की 2006 की आश्चर्यजनक जीत के बाद उभरी थी। साल 2007 से हमास गाजा पर स्वतंत्र रूप से शासन कर रहा है, जबकि फिलिस्तीनी प्राधिकरण फतह के नियंत्रण में था। सुलह के पहले के कई प्रयास विफल हो गए थे। क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों के औपचारिक एनेक्सेशन की हाल में इज़रायल की घोषणा और यूएई और बहरीन की इजरायल के साथ रिश्तों को "सामान्य" करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की हालिया इजरायल घोषणा ने इन गुटों को अपनी असहमति समाप्त करने और क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।

Turkey
Fatah
Hamas
United Arab Emirates
UAE
Palestine
Palestinian Election

Related Stories

खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

क्या अमेरिका और यूरोप के करीब आ रहा है तुर्की?


बाकी खबरें

  • अनीस ज़रगर
    जम्मू-कश्मीर: अधिकारियों ने जामिया मस्जिद में महत्वपूर्ण रमज़ान की नमाज़ को रोक दिया
    29 Apr 2022
    प्रशासन का कहना है कि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जामिया में इबादत गुजारों के लिए व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद सामूहिक इबादत को रोकने का ये निर्णय लिया गया है।
  • लाल बहादुर सिंह
    किधर जाएगा भारत— फ़ासीवाद या लोकतंत्र : रोज़गार-संकट से जूझते युवाओं की भूमिका अहम
    29 Apr 2022
    गहराता रोज़गार संकट और कठिन होती जीवन-स्थितियां भारत में फ़ासीवाद के राज्यारोहण का सबसे पक्का नुस्खा है। लेकिन तमाम फ़ासीवाद-विरोधी ताकतें एकताबद्ध प्रतिरोध में उतर पड़ें तो यही संकट समाज को रैडिकल…
  • ज़ाहिद खान
    इरफ़ान ख़ान : अदाकारी की इब्तिदा और इंतिहा
    29 Apr 2022
    29 अप्रैल 2020 को हमसे जिस्मानी तौर पर जुदा हुए इरफ़ान ख़ान अपनी लासानी अदाकारी से अपने चाहने वालों के दिलो ज़ेहन में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    क्यों धार्मिक जुलूस विदेशी भूमि को फ़तह करने वाले सैनिकों जैसे लगते हैं
    29 Apr 2022
    इस तरह के जुलूस, मुसलमानों पर हिंदुओं का मनोवैज्ञानिक प्रभुत्व स्थापित करने और उन्हें अपने अधीन करने के मक़सद से निकाले जा रहे हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 3,377 नए मामले, 60 मरीज़ों की मौत
    29 Apr 2022
    दिल्ली में आज फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,490 नए मामले दर्ज़ किए गए |
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License