NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हरियाणा : माकपा नेता वृंदा करात ने आसिफ़ हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर को लिखा पत्र
वृंदा करात ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नूंह ज़िले में 16 मई को की गई आसिफ़ की हत्या के दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई और आसिफ़ के परिवार को आर्थिक मदद दिए जाने की भी मांग उठाई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Jun 2021
वृंदा करात

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद वृंदा करात ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर नूंह जिला के खेड़ा खलीलपुर  गांव में 16 मई को की गई आसिफ़ की हत्या के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और आसिफ़ के परिवार को आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की है।

शुक्रवार को हरियाणा पार्टी राज्य सचिव सुरेन्द्र सिंह ने यह पत्र मीडिया को जारी करते हुए बताया कि 9 जून को सीपीआई (एम) और सीपीआई के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने वृंदा करात और अमरजीत कौर के नेतृत्व में आसिफ़ के गांव का दौरा किया था और जिला उपायुक्त से भी मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री को यह पत्र उस दौरे से मिली जानकारी के बाद ही लिखा गया है।

पत्र में बताया गया है कि आसिफ़ की हत्या गांव व आसपास के अपराधी तत्वों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से की गई। आसिफ़ गांव के सभी जातियों व धर्मों के जरूरतमंद लोगों की मदद करता था तथा अपराधी तत्वों की गतिविधियों का विरोध करता था। इसलिए उसे निशाना बनाया गया। जिन लोगों ने उसकी हत्या की उनके खिलाफ पहले भी पुलिस में कई मुकदमे दर्ज हैं। हमले के वक्त आसिफ़ के साथ राशिद भी मौजूद था, जिसे अपराधी मरा हुआ मानकर छोड़ गए। जबकि वह जिंदा था और वह अब मौके का गवाह है। उसकी जान को भी अब खतरा है।

वृंदा करात ने लिखा है कि पहले पुलिस ने कारवाई करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया था जिससे परिवार को हौसला मिला था। परंतु 30 मई को हालात बदल गए जब कोविड संक्रमण के कारण एक महीने से लगी धारा 144 का खुला उल्लंघन करके इंडरी गांव में एक तथाकथित ‘हिन्दू महापंचायत’ की गई। यह महापंचायत करणी सेना के अध्यक्ष सूरजपाल अम्मु के नेतृत्व में हुई तथा इसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस महापंचायत में बहुत ही भड़काने वाले और हत्या की घटना को साम्प्रदायिक रूप देने व अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के भाषण हुए। सोशल मीडिया में इसके प्रचार के लिए चल रहा नारा था ‘पहले धर्म बचाओ-जाति अपने आप बच जाएगी’। इस महापंचायत का उद्देश्य अपराधियों को बचाना, घटना का साम्प्रदायिकरण, साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना और लोगों को आपस में बांटना था। काननू के अनुसार ये सभी आपराधिक कृत्य हैं।

इस पत्र में यह भी कहा गया है कि जुनैद की हत्या का मुख्य आरोपी नरेश कुमार भी, जो अभी जमानत पर है, ने भी इस पंचायत में बहुत ही भडक़ाऊ भाषण दिया। शासक पार्टी के स्थानीय नेता भी पंचायत में शामिल हुए। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने स्थानीय भाजपा विधायक के रवैये पर प्रश्नचिह्न लगाए और लिखा कि भाजपा के स्थानीय विधायक ने इस महापंचायत के साम्प्रदायिक व भड़काने वाली बातों का संज्ञान लेने की बजाय इसे लोगों द्वारा अपनी मांगें उठाने का अधिकार बताते हुए सही ठहराने की कोशिश की है। जब एक चुना हुआ प्रतिनिधि ऐसी भाषा बोलता है तो स्वाभाविक है कि अल्पसंख्यकों में डर और बढ़ जाता है।

इस महापंचायत के कुछ ही दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 12 आरोपियों में से 4 को  छोड़ दिया गया। यह सीधा-सीधा महापंचायत के दबाव में ही किया गया है।

वृंदा करात ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि धारा 144 लगी होने के बावजूद महापंचायत की इजाजत क्यों दी गई? जिन्होंने भडक़ाऊ भाषण दिए उनमें से किसी को भी गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? जुनैद की हत्या के आरोपी नरेश कुमार की जमानत खारिज करने के लिए पुलिस ने कारवाई क्यों नहीं की? घायल राशिद द्वारा पहचाने गए हत्यारों को पहचानने के बावजूद केस  से क्यों निकाला गया? जब दो दर्जन लोग हत्या में शामिल थो तो बाकी अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए हैं?

उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए आशा की है कि सभी नामजद अपराधी गिरफ्तार किए जाएंगे, हिन्दू महापंचायत के आयोजकों और भडक़ाऊ भाषण देने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा और नरेश कुमार की जमानत रद्द करने के लिए कोर्ट में अपील दायर की जाएगी।

मुख्यमंत्री से यह भी अपील की गई है कि आसिफ़ के पीछे उसकी पत्नी व तीन बच्चे रह गए हैं जिनमें से एक तो मात्र कुछ महीनों का ही है। इसलिए परिवार को मुआवजा व आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।

वृंदा का यह पत्र अंग्रेज़ी में लिखा गया है जिसे माकपा के वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। पूरा पत्र इस लिंक पर जाकर पढ़ा जा सकता है। 

Haryana
Asif murder case
CPIM
Brinda Karat
Manohar Lal khattar

Related Stories

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम


बाकी खबरें

  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,568 नए मामले, 97 मरीज़ों की मौत 
    15 Mar 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.08 फ़ीसदी यानी 33 हज़ार 917 हो गयी है।
  • tree
    श्रुति एमडी
    तमिलनाडु के चाय बागान श्रमिकों को अच्छी चाय का एक प्याला भी मयस्सर नहीं
    15 Mar 2022
    मामूली वेतन, वन्यजीवों के हमलों, ख़राब स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य कारणों ने बड़ी संख्या में चाय बागान श्रमिकों को काम छोड़ने और मैदानी इलाक़ों में पलायन करने पर मजबूर कर दिया है।
  • नतालिया मार्क्वेस
    अमेरिका में रूस विरोधी उन्माद: किसका हित सध रहा है?
    15 Mar 2022
    संयुक्त राज्य अमेरिका का अपनी कार्रवाइयों के सिलसिले में सहमति बनाने को लेकर युद्ध उन्माद की आड़ में चालू पूर्वाग्रहों को बढ़ाने का एक लंबा इतिहास रहा है।
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    डिजिटल फाइनेंस: कैशलेस होती दुनिया में बढ़ते फ़्रॉड, मुश्किलें भी आसानी भी..
    15 Mar 2022
    हर साल 15 मार्च के दिन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष कंज़्यूमर इंटरनेशनल के 100 देशों में फैले हुए 200 कंज़्यूमर समूहों ने "फेयर डिजिटल फाइनेंस" को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम…
  •  Scheme Workers
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्यों आंदोलन की राह पर हैं स्कीम वर्कर्स?
    14 Mar 2022
    हज़ारों की संख्या में स्कीम वर्कर्स 15 मार्च यानि कल संसद मार्च करेंगी। आखिर क्यों हैं वे आंदोलनरत ? जानने के लिए न्यूज़क्लिक ने बात की AR Sindhu से।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License