NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नफ़रती भाषण: कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को ‘बेहतर हलफ़नामा’ दाख़िल करने का दिया निर्देश
दिल्ली की ‘धर्म संसद’ में कोई हेट स्पीच नहीं हुई, पुलिस के इस हलफ़नामे पर देश की सुप्रीम कोर्ट में एकबार फिर दिल्ली पुलिस की किरकिरी हुई है, लेकिन पुलिस इससे कोई सबक़ लेगी, नहीं लगता।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
23 Apr 2022
Supreme Court

देश की सुप्रीम कोर्ट में एकबार फिर दिल्ली पुलिस की किरकिरी हुई है। कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व में राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हेट स्पीच (नफ़रती भाषणों) के संबंध में दिल्ली पुलिस के हलफनामे पर निराशा जतायी और उसे ''बेहतर हलफनामा'' दाखिल करने का निर्देश दिया।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा कि 19 दिसंबर 2021 को आयोजित दिल्ली धर्म संसद में कोई नफ़रती भाषण नहीं दिया गया। जिसके बाद से क़ानून के जानकर और पूर्व पुलिस अधिकारी इस पर सवाल उठा रहे थे। पूर्व आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने तो न्यूज़क्लिक से बातचीत में इसे दुर्भाग्यपूर्ण तक बताया। उन्होंने पुलिस के रवैये पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि पुलिस नफ़रती भाषण देने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही है।

वीएन राय ने कहा कि इस धर्म संसद में काफी ख़राब भाषण दिए गये था परन्तु पता नहीं कैसे दिल्ली पुलिस को इसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं लगा। खैर अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है वो खुद इस मामले को देखेगा और सब सामने आ जाएगा कि ये भाषण कितने खतरनाक थे और इसके बाद पुलिस कार्रवाई करने से नहीं बच पाएगी।

पूर्व आईपीएस जो कह रहे थे, कोर्ट ने अपनी अगली ही सुनवाई में यही किया। 22 अप्रैल को न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज को निर्देश प्राप्त करने और चार मई तक ‘‘बेहतर हलफनामा’’ दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हलफनामा पुलिस उपायुक्त द्वारा दाखिल किया गया है। हमें उम्मीद है कि वह बारीकियों को समझ गए हैं। क्या उन्होंने केवल जांच रिपोर्ट फिर से पेश कर दी या दिमाग लगाया है। क्या आपका भी यही रुख है या उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी की जांच रिपोर्ट फिर से पेश करना है?’’

पीठ ने कहा, ‘‘एएसजी ने बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा है...दो सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया गया है। इस मामले को 9 मई को सूचीबद्ध करें। बेहतर हो, हलफनामा 4 मई को या उससे पहले दायर किया जाए।’’

दरअसल वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट की रिटायर्ड जज एवं सीनियर अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने दिल्ली और उत्तराखंड में हुई कथित धर्म संसंद में दिए गए नफ़रती भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई है। जिसपर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। याचिका में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ जांच एवं कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही नफ़रती भाषण की घटनाओं की एसआईटी द्वारा ‘‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’’ के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

दिल्ली पुलिस ने हलफनामे में कहा है कि 19 दिसंबर 2021 को 'हिंदू युवा वाहिनी' की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में नफरत भरे भाषण दिए जाने का आरोप लगाते हुए कुछ शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। इसके आधार पर सभी शिकायतों की जांच शुरू की गई थी। जिसमें पाया गया कि धर्म संसद में कोई नफ़रती भाषण नहीं दिया गया। इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई के लिए निर्धारित है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ।)

Supreme Court
delhi police
Hate Speech
dharm sansad

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा


बाकी खबरें

  • पीपुल्स डिस्पैच
    द.अफ्रीकाः स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना बाद की कटौती का विरोध कर रहे हैं
    16 Apr 2022
    दक्षिण अफ्रीका के कई प्रांतों में स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने वाले श्रमिकों ने अपने रोजगारों के नुकसान और सेवाओं के पुनर्गठन के खतरों का सामना करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और औद्योगिक…
  • सोनिया यादव
    यूपी: अब झांसी में अवैध खनन की रिपोर्टिंग करने गए पत्रकार पर हमला, कहां है कानून व्यवस्था? 
    16 Apr 2022
    प्रदेश में पत्रकारों के ख़िलाफ़ जिस तरह से मार-पीट और मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं उससे तो यही लगता है कि आने वाले दिनों में राज्य में पत्रकारिता और पत्रकारों की दशा और खराब हो सकती है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: ये बुलडोजरिस्तान हमारा, हम को प्राणों से है प्यारा!
    16 Apr 2022
    सच तो यह है कि बुलडोजर, मोदी जी के नये भारत की निशानी है। दिखाने में सेक्युलर और घर-दुकान गिराने में, छांट-छांटकर चलने वाला। बाबा का, मामा का या और किसी भी भगवाधारी का बुलडोजर जब चलता है, पुराना…
  • रमा तेलतुंबड़े आंबेडकर
    दो साल से कैद आनंद तेलतुंबड़े के जीवन के सबसे मार्मिक पल
    16 Apr 2022
    आनंद ने न्यायपालिका से अपने खिलाफ़ लगाए गए घृणित और गलत आरोपों को रद्द करने की गुहार लगाई है।
  • सत्यम् तिवारी
    देश भर में निकाली गई हनुमान जयंती की शोभायात्रा, रामनवमी जुलूस में झुलसे घरों की किसी को नहीं याद?
    16 Apr 2022
    एक धार्मिक जुलूस से पैदा हुई दहशत और घायल लोगों की चीख़-पुकार अभी फ़िज़ा में मौजूद है कि राजधानी दिल्ली सहित देश भर में एक और त्योहार के जुलूस निकाले गए। और वह भी बाक़ायदा सरकारी आयोजन की तरह। सवाल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License