NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
COVID-19 मामलों में ताज़ा वृद्धि के बीच फ़्रांस में स्वास्थ्य कर्मियों का विरोध प्रदर्शन
पेरिस में हेल्थ एमेर्जेंसी की घोषणा कर दी गई है। स्वास्थ्य कर्मी इस महामारी से लड़ाई लड़ने के लिए कर्मचारियों की संख्या और संसाधनों में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
16 Oct 2020
france

COVID-19 के नए मामलों में वृ्द्धि के बीच फ्रांस में स्वास्थ्यकर्मियों ने गुरुवार 15 अक्टूबर को पेरिस स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों ने भर्ती करके रोज़गार बढ़ाने, सभी कर्मचारियों के लिए वेतन में बढ़ोतरी करने और काम करने की स्थिति में सुधार करने की मांग की।

पिछले सप्ताह से COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने बुधवार को पेरिस में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की। देश भर के विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में भी विरोध प्रदर्शन हुए।

रप्टली के अनुसार,"अप्रैल महीने में फ्रांसीसी सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को मार्च 2021 तक प्रति माह 160 यूरो की वृद्धि का भुगतान करने के लिए श्रमिक संघों के साथ सहमति व्यक्त की थी। तब से कर्मचारी बेहतर भर्ती स्कीम और सामान्य वेतन नवीनीकरण की मांग कर रहे हैं। "

स्वास्थ्य कर्मचारियों और जनरल कन्फेड्रेशन ऑफ लेबर (सीजीटी) सहित ट्रेड यूनियनों ने सोशल मीडिया पर # JeSuisÉpuiséE (मैं शक्तिहीन हूं) अभियान शुरू किया है। इंटर-होपिटौक्स कलेक्टिफ़ ने सोशल सिक्योरिटी फाइनेंस बिल 2021 (पीएलएफएसएस) को अंतिम रूप देने के संबंध में सार्वजनिक अस्पतालों को बचाने के लिए एक नई कठोर योजना तैयार करने के लिए देश के सांसदों से आग्रह किया।

कलेक्टिफ़ इंटर-अर्जेंस ने कहा कि "साल-दर-साल, स्वास्थ्य क्षेत्र को आवंटित बजट में काफी कमी आई है, जिससे अस्पताल के हज़ारों बिस्तर समाप्त हो गए हैं, सेवा बंद हो गई है और भर्ती के बिना सेवनिवृत्ति से कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है। पुराने और खराब होने वाले उपकरणों को बदला नहीं गया है। इन सब से इलाज की गुणवत्ता में गिरावट आई जो भयावह होता जा रहा है जिससे रोगी मुख्य रुप से शिकार होते हैं।"

फ्रांस के लगभग 250 अस्पतालों के एक्सिडेंट और एमर्जेंसी (ए एंड ई) विभागों में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारी साल 2019 से हड़ताल पर हैं। वे बेहतर मज़दूरी, बेहतर काम की स्थिति और अस्पतालों के लिए फंड में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

चूंकि पेरिस और देश के अन्य हिस्सों में COVID-19 के नए मामलों में वृद्धि सामने आई है ऐसे में अधिकारियों ने रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कर्फ्यू की घोषणा की है। 17 अक्टूबर से कम से कम चार हफ्तों के लिए इले-डी-फ्रांस, ग्रेनोबले, लिले, लियोन, ऐक्स-मार्सिले, सेंट एटिएने और टूलूज़ सहित कई क्षेत्रों में पाबंदी लागू किए जाएंगे।

France
COVID 19
french healthworkers
protests in france
covid 19 in france

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

क्या कोविड के पुराने वेरिएंट से बने टीके अब भी कारगर हैं?

बिहार के बाद बंगाल के तीन अस्पतालों में 100 से अधिक डॉक्टर कोरोना पॉज़िटिव

कोविड-19 : दक्षिण अफ़्रीका ने बनाया अपना कोरोना वायरस टीका

स्कूलों को वक़्त से पहले खोलने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए

वैक्सीन नीति पर बीजेपी के दावों का तथ्य, बिहार में बाढ़ से हज़ारों बेघर और अन्य ख़बरें

कोरोना की वैक्सीन BJP की निजी जागीर नहीं

वैक्सीन रणनीति को तबाह करता भारत का 'पश्चिमीवाद'

कोविड-19 से सबक़: आपदाओं से बचने के लिए भारत को कम से कम जोखिम वाली नीति अपनानी चाहिए

यूनियन ने कहा यूपी में चुनाव ड्यूटी पर 1621 की मौत, तेलंगाना में किसानों का प्रदर्शन और अन्य ख़बरें


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License