NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
होंडा मानेसर :स्थायी कर्मचारियों की वापसी लेकिन अस्थायी कर्मचारियों की हड़ताल जारी
होंडा की मानेसर की यूनिट में मोटरसाइकिल और स्कूटर का उत्पादन 25 नवंबर से फिर से शुरू हो गया है। स्थायी कर्मचारी काम पर किस्तों में लौंटेंगे लेकिन अस्थायी कर्मचारियों को अभी काम पर वापस नहीं बुलाया गया है और इनका प्रदर्शन जारी है।
मुकुंद झा
25 Nov 2019
honda manesar
Image courtesy: Twitter

होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) की मानेसर की यूनिट में मोटरसाइकिल और स्कूटर का उत्पादन 25 नवंबर से फिर से शुरू हो गया है। दोबारा काम शुरू करने से पहले प्रबंधन ने अपने स्थायी कर्मचरियों को नोटिस जारी किया कि वह फिर काम पर लौट आएं। लेकिन नोटिस में यह भी लिखा  था कि सभी कर्मचारी कम्पनी में एकसाथ काम करना न शुरू करे। इस कम्पनी में  मौजूदा समय में 1900 कर्मचारी हैं। इन सभी कर्मचारियों की जॉइनिंग को चार भागों में बाँट दिया गया है। यानी सभी कर्मचारियों को चार हिस्सों में बांटकर अलग - अलग समयों पर कम्पनी को ज्वाइन करने करने के लिए कहा गया  है।  

कंपनी परिसर में वापस से प्रवेश करने के लिए, श्रमिकों को एक 'अच्छा काम / आचरण उपक्रम' भरना जरूरी हैं। इस नोटिस में 5 नवंबर से प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संविदा कर्मचारियों - कार्यकर्ताओं के शामिल होने का कोई भी जिक्र नहीं है।

आज पहले क़िस्त में 295 लोग काम पर फिर से वापस लौटे। बाकी आगे के दिनों पर काम पर लौटेंगे।  

होंडा मानेसर ने 16 नवंबर को छह यूनियन अध्यक्ष समेत छह यूनियन नेताओ को निलंबित किया था,उनको भी काम पर वापस नहीं लिया गया। सोमवार को नियमति कर्मचारी का पहला बैच कंपनी के अंदर तो गया।

लागतार 21 दिन से मजदूर हड़ताल पर हैं और 21 दिन के बाद भी अशांति बनी हुईं हैं। मज़दूरों का कहना हैं कि लेबर कमिश्नर हरियाणा को अब ख़ुद आगे आना चाहिए क्योंकि उनके अधीनस्थ समझौता कराने में फ़ेल हो चुके हैं। उनके समन नोटिस पर भी प्रबंधक मजदूरों के साथ समझौता वार्ता में नहीं आ रहे और गैरकानूनी कार्यवाही कर रही हैं। क़ानूनों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्ज़ी से ग़लत कार्यवाहियाँ को आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे कारण मजदूर में असंतोष बढ़ रहा है।

सोमवार को भी धरना जारी रहा। धरने को AITUC के रामकुमार , AITUC महासचिव अनिल पवार कर्मचारीयूनियन के अध्यक्ष ,सुरेश गौड़ , पूर्व प्रधान होण्डा अशोक यादव , रमेश समोटा पूर्व प्रधान होण्डा, पंकज अहिरे, हरजीत ग्रोवर, रमेश प्रधान महासचिव होण्डा, बालकिशिन्न शर्मा, राकेश शर्मा, रामनिवास यादव, मनोज कुमार, राजपाल, आदि ने सम्बोधित किया।

न्यूज़क्लिक के साथ बात करते हुए  एचएमएसआई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुरेश गौड़ ने होंडा प्रबंधन के फैसलों को "अवैध" करार दिया है।
image 11.JPG
गौड़ ने कहा, "यह प्रबंधन था जिसने पहले उत्पादन को स्थगित कर दिया था और अब एक अंडर टेकिंग(वचन पत्र) पर हस्ताक्षर करने की शर्त के साथ कह रहा है कि वह कर्मचारियों को 7 नवंबर से काम के बदले कोई भुगतान नहीं देगा।"

अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए गौड़ ने प्रबंधन के 7 नवंबर की अधिसूचना का उदाहरण दिया जिसमें 8 नवंबर और 9 को छुट्टियों के रूप में घोषित किया गया था। अगले दिन रविवार को श्रमिकों को एक अन्य नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया कि मानेसर प्लांट में उत्पादन अगली सूचना तक निलंबित है।

"22 नवंबर के नोटिस में भी, प्रबंधन ने उत्पादन को निलंबित करने की बात स्वीकार की है, हालांकि, स्थायी कर्मचारियों को इसका कारण माना जा रहा है,"  गौड़ ने न्यूज़क्लिक को बताया कि प्रबंधन ने जो दावा किया है, उसके विपरीत है, "स्थायी कर्मचारियों के पास विरोध करने वाले संविदा कर्मियों में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि प्लांट उत्पादन के लिए बंद था ”।

उन्होंने कहा यह संविदात्मक कर्मचारियों और प्रबंधनके बीच एक झगड़ा है इस तरह यूनियन और उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का कोई आधार नहीं है और "अनुचित" हैं।

करीब 2,500 संविदा कर्मचारी होंडा प्रबंधन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं । अगस्त महीने में लगभग 700 ठेका श्रमिकों को पहले ही बंद कर दिया गया था और अन्य 200 को 5 नवंबर को वापस ले लिया गया था, जिसके कारण मजदूरों में हड़कंप मच गया था।

शुक्रवार को एक बयान में, एचएमएसआई ने आरोप लगाया कि यूनियन की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है, ठेकेदार और संविदा कर्मचारियों के बीच बातचीत की प्रक्रिया में वो केवल हस्तक्षेप कर रहा है।

शुक्रवार को होंडा श्रमिकों का लॉन्ग मार्च

वार्ता प्रक्रिया की बात करते हुए संविदाकर्मियों के एक वर्ग से शुक्रवार को न्यूज़क्लिक ने संपर्क किया था, उनके निजी ठेकेदारों ने "दबाव" बनाकर कर्मचारियों से विरोध से अपना समर्थन वापस लेने और काम में फिर से शामिल होने के लिए कहा है ।

सूत्रों के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को कॉन्ट्रैक्टर से अपना क्लीयरेंस सर्टिफिकेट इकट्ठा करने के लिए कहा गया और फिर भारत में कई औद्योगिक इकाइयों में प्रचलित एक नए कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करके पुनः काम पर लौटन का ऑफर दिया गया है।

अपनी मांगों के लिए दबाव डालते हुए, ठेका श्रमिकों ने होंडा मानेसर की सुविधा पर कब्जा कर लिया। 14 दिनों के बाद, ट्रेड यूनियन काउंसिल (टीयूसी) जिसमें सीटू और एटक के केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उनके नेताओं द्वारा एक आश्वासन के बाद श्रमिकों ने प्लांट  को खाली करने का फैसला किया । टीयूसी के लिए अपने स्वयं के शब्दों के खिलाफ जा रहा है, हालांकि प्रबंधन, निर्धारित सुलह बैठकों से अनुपस्थित रहा।

ऑटोमोबाइल संविदा कर्मचारी यूनियन के नेता श्याम मूर्ति ने कहा कि "कई श्रमिकों को अब लगता है कि उन्हें प्लांट से बहार नहीं आना चाहिए था क्योंकि ऐसा करने से कंपनी इस मुद्दे को हल किए बिना उत्पादन फिर से शुरू करने की अनुमति मिलती है," ।

न्यूज़क्लिक  होंडा के कंपनी के प्रबंधन से संपर्क किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जबाब नहीं मिला।

हालांकि प्रबंधन ने उत्पादन को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है, मज़दूरों ने कहा कि धरना जारी रहेगा और ट्रेड यूनियन काउन्सिल जो सभी मज़दूर यूनियनों का एक संयुक्त मंच है ,वो जो फैसला करेगी हम सभी उसे मानेंगे और प्रबंधन के इन सभी फैसलों के खिलाफ 27 तारीख रैली होगी । उसमे ही हम अपने आगे की रणनीति को तैयार करेंगे।

Honda Plant
Manesar plant
Automobile Industry Contract Workers Union
CITU
AITUC
workers protest
Workers Struggle
Honda Motorcycle and Scooter India

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License