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स्वास्थ्य
भारत
केरल में बुजुर्ग दंपत्ति का कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होना उम्मीद की किरण : विशेषज्ञ
कुछ विशेषज्ञ इसे ‘‘दुर्लभतम से भी दुर्लभ मामलों में से एक बता रहे हैं’’, वहीं कुछ अन्य इसका श्रेय केरल की बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली को दे रहे हैं।
भाषा
31 Mar 2020
कोविड-19
Image Courtesy: Hindustan Times

दिल्ली: पूरी दुनिया में बुजुर्गों के लिए हद से ज्यादा जानलेवा साबित हो रहे कोरोना वायरस संक्रमण से केरल के 93 और 88 साल उम्र के बुजुर्ग दंपत्ति का स्वस्थ होना दूसरे मरीजों के लिए बड़ी ही सुखदायी सूचना है। कुछ विशेषज्ञ इसे ‘दुर्लभतम से भी दुर्लभ’ मामला बता रहे हैं।

दरअसल पूरी दुनिया में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा संख्या बुजुर्गों की है, ऐसे में दोनों का स्वस्थ होना अच्छी खबर है। मरने वालों में ऐसे लोगों की भी संख्या ज्यादा है जो पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं।

मध्य ट्रावणकोर क्षेत्र में पथनमथिट्टा नगर निगम क्षेत्र के रानी इलाके के रहने वाले थॉमस और उनकी पत्नी मरियम्मा के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। दोनों की हालत कई दिनों तक गंभीर बनी रही थी और इलाज के बाद दोनों पूरी तरह से संक्रमण मुक्त हो गए हैं।

कुछ विशेषज्ञ इसे ‘‘दुर्लभतम से भी दुर्लभ मामलों में से एक बता रहे हैं’’, वहीं कुछ अन्य इसका श्रेय केरल की बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली को दे रहे हैं।

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नीरज गुप्ता ने बताया, ‘‘बुजुर्गों, खास तौर से 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में मृत्यु दर को ध्यान में रखते हुए यह दुर्लभतम से भी दुर्लभ मामलों में से एक है। यह चमत्कार जैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बीमारी से लड़ रहे चिकित्सा कर्मियों और उससे जूझ रहे बुजुर्गों के लिए आशा की किरण लेकर आया है कि स्वस्थ होना संभव है।’’

सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने वाली टीम में शामिल डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि संभवत: इस दंपत्ति के शरीर की रोगों की लड़ने की क्षमता ऐसी थी कि वह इस वायरस संक्रमण से लड़ सकी और वे स्वस्थ हो सके, ‘‘यह हमारे लिए आशा की किरण लेकर आया है।’’

वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित विकसित देशों चीन, इटली, अमेरिका और स्पेन में 60 से ज्यादा उम्र के लोगों की वायरस संक्रमण से बड़ी संख्या मे मौत हुई है।

भारत में अभी तक 1,250 से ज्यादा लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और कम से कम 32 लोग इस संक्रमण से मरे हें। दुनिया भर में इस वायरस से सात लाख से ज्यादा लो संक्रमित हुए हैं और 35 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

एक अधिकारी का कहना है कि केरल के दंपत्ति के स्वस्थ होने की सूचना से इस वायरस से लड़ रहे मरीजों और डॉक्टरों दोनों का मनोबल बढ़ा है।

दंपत्ति का बेटा, पत्नी और बेटे के साथ इटली गया था और लौटने पर महीने की शुरूआत में उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी।

केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि दंपत्ति बेटे के संपर्क में आकर संक्रमित हुए, उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद उन्हें कोट्टायम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उन्होंने बताया कि थॉमस और मरियम्मा दोनों ही बढ़ती उम्र की अन्य समस्याओं से भी जूझ रहे थे और इलाज के पहले चरण में उनकी हालत गंभीर थी, लेकिन अब दोनों ही संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को जारी एक परामर्श में कहा था कि यह वायरस बुजुर्गों के लिए ज्यादा परेशानी खड़ी करने वाला है, जिसके कारण उनमें मृत्यु दर भी ज्यादा है। उसमें बुजुर्गों के बीच संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ‘‘क्या करें, क्या ना करें’’ की सूची भी दी गयी थी।

सर गंगा राम अस्पताल में फेंफड़ों के सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि जहां तक कोरोना वायरस से संक्रमण की बात है, बुजुर्गों में मौत का खतरा बहुत ज्यादा है लेकिन ‘‘मैं इसे दुर्लभतम से दुर्लभ मामला नहीं कहूंगा।’’

उन्होंने पीटीआई..भाषा से कहा, ‘‘इसका श्रेय केरल की बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली को दिया जाना चाहिए। स्वस्थ होने का दर बढ़ जाता है, अगर स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली बेहतर है और उसपर बोझ नहीं है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘इटली में भी 80 वर्ष से ज्यादा आयुवर्ग के लोगों में मृत्यु दर करीब 14 प्रतिशत है। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली कैसी है और उसपर कितना बोझ है, इससे बहुत फर्क पड़ता है।’’

एम्स में बुजुर्गों की बीमारी से जुड़े विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर, डब्ल्यूएचओ, एसईएआरओ में कंस्लटेंट डॉक्टर प्रसून चटर्जी का कहना है कि सभी बुजुर्ग लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम नहीं होती है और कोविड-19 की गंभीरता व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है।

COVID-19
Coronavirus
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