NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
विज्ञान
5700 साल पुरानी च्वींग गम से निकाला गया DNA
''हड्डियों के अलावा किसी दूसरे हिस्से से डीएनए जीनोम मिलना अपने आप में ख़ास है।''
संदीपन तालुकदार
20 Dec 2019
Human DNA Extracted
Image courtesy:Science

अभी तक पुराने इंसानों का जो जीनोम मिलता था, वो आमतौर पर जीवाश्म या दांतों के अवशेषों से निकाला जाता था। लेकिन अब एक अध्ययन में नया खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक़, 5700 साल पहले की एक च्वींग गम से भी डीएनए निकाला जा सकता है। यह च्वींग गम ''सनोबर पेड़'' की छाल से बनी थी। इस बात का खुलासा ''नेचर कम्यूनिकेशन'' में किया गया है। डेनमार्क से मिली 5700 साल पुरानी च्वींग गम के एक गट्ठे का विश्लेषण करने पर वैज्ञानिक यह जीनोम खोजने में कामयाब रहे हैं। शोधार्थियों ने यह भी पाया कि जीनोम महिला का है, जिसकी नीली आँखें, गहरी त्वचा और गहरे रंग के बाल होने की संभावना है।

संभावना यह भी है कि पुराने इंसानों ने इस छाल को चबाया होगा। इसे लचीला और नरम करने के लिए उन्होंने गर्म किया होगा। इस प्रक्रिया में मुंह की कुछ सुचारू कोशिकाएं चिपचिपे पदार्थ में गहराई तक धंस गई होगी। सनोबर का यह पेड़ डेनमार्क के इलाके में उपलब्ध है और इसकी छाल ख़ूब चिपचिपी होती है। पुराने लोगों को इसके बारे में पता था, उन्होंने इसे चबाने योग्य पदार्थ में बदल लिया। इससे यह भी पता चलता है कि च्वींग गम कोई आधुनिक खोज नहीं है। बल्कि इसका अतीत से जुड़ाव है। सनोबर की यह छाल आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस और पानी की प्रतिरोधी होती है। इसके चलते मुंह का डीएनए इसमें सुरक्षित रह पाया होगा।

यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोपेनहेगन में ग्लोब इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैन्स स्क्रोऐडर के मुताबिक़, ''यह आश्चर्यजनक है कि हम हड्डियों के अलावा किसी दूसरी जगह से जीनोम खोजने में कामयाब रहे। ऊपर से हमें डीएनए ओरल माइक्रोब्स और कुछ अहम पाथोजेन्स से मिला है। ऐसे वक़्त में जब हमारे पास कोई मानव अवशेष नहीं बचा है, तो यह डीएनए का अहम स्त्रोत हो जाता है।''

ग्लोब इंस्टीट्यूट में पोस्ट डॉक्टरेट करने वाले थिएस जेनसन ने बताया, ''सिल्थॉम पूरी तरह अनूठा है। लगभग सबकुछ मिट्टी में सना हुआ है। जिसका मतलब है कि इसका आर्गेनिक पदार्थ पूरी तरह सुरक्षित है। यह डेनमार्क में पाषाणकाल की सबसे बड़ी पुरातत्व खोज की जगह है। खुदाई से पता चला है कि जो लोग यहां रहते थे, वो संसाधनों का नवपाषाणकाल में ही ख़ूब दोहन करते थे। यह उस दौर की बात है जब दक्षिण स्कैनडिनेविया में पहली बार पशुपालन और कृषि शुरू हुई थी। जेनसेन ने पीएचडी की पढ़ाई की है और सिलथॉम में खुदाई में भी शामिल रहे हैं।''

रिसर्चर ने महिला के मुंह में रहने वाले डीएनए माइक्रोब्स को भी खोज निकाला है। इन माइक्रोब्स में एप्सटीन बार वायरस का एक पुराना वर्ज़न भी शामिल है, जिससे ''मोननक्लियोसिस बैक्टीरिया'' बन सकता है। इस बैक्टीरिया से न्यूमोनिया या अन्य बीमारियां हो सकती हैं। 

हैन्स स्क्रोएडर के मुताबिक़, ''संरक्षण काफ़ी अच्छा है। हमने कई तरह के बैक्टीरियल स्पेशीज़ को खोज निकाला है, जो ओरल माइक्रोबायोम से जुड़ी हुई हैं। हमारे पुरखे एक अलग तरह के माहौल में रहते थे और उनकी जीवनशैली, खानपान अलग थी। इसलिए माइक्रोबॉयोम में इसका क्या असर पड़ता है, वो देखने लायक होगा। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे पैथोजन्स का निर्माण हुआ और वे फैलते गए। क्यों वे एक माहौल में विषैले हो जाते हैं। ठीक इसी वक़्त हम यह तय कर पाएंगे कि पैथोजन भविष्य में कैसे व्यवहार करेगा। कैसे इसे बचाया जाए या ख़त्म किया जा सकता है।''

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Human DNA Extracted from 5700 Year Old Chewing Gum

Ancient Human DNA
5700 Year old DNA from Chewing Gum
Ancient Human Genome

Related Stories


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License