NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मानवाधिकार संगठनों ने म्यांमार की जेल में बंद छात्र कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की
देश के रखाइन और चिन प्रांतों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोध में म्यांमार के अधिकारियों द्वारा हाल ही में कई कार्यकर्ताओं और छात्रों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से कई ऑल बर्मा फेडरेशन ऑफ स्टूडेंट यूनियंस के सदस्य हैं।
पीपल्स डिस्पैच
24 Nov 2020
म्यांमार

सोमवार 23 नवंबर को दस प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने म्यांमार सरकार से आह्वान करते हुए देश के रखाइन और चिन प्रांतों में मानव अधिकारों के उल्लंघन के ख़िलाफ़ शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने वाले जेल में बंद कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए एक संयुक्त बयान जारी किया। हस्ताक्षर करने वाले संगठनों में सिविल राइट्स डिफेंडर, बर्मा ह्यूमन राइट्स नेटवर्क, एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच शामिल हैं। ऑल बर्मा फेडरेशन ऑफ स्टूडेंट यूनियन्स के कई कार्यकर्ताओं और छात्रों को म्यांमार के अधिकारियों ने हाल ही में जुलाई 2019 के बाद से मुख्य रूप से रखाइन और चिन में इंटरनेट प्रतिबंध के विरोध में गिरफ्तार किया है।

इन संगठनों ने उन छात्रों को लेकर आंग सुन सू की की अगुवाई वाली सरकार की निंदा की है जिन्होंने "शायद ही विभिन्न सार्वजनिक स्थानों तक हस्ताक्षर वाले पत्र व विज्ञापन पुस्तिका भेजे थे।" इस बयान के अनुसार अधिकारियों ने "मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने और शांति के लिए आह्वान करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं के मनमाने ढंग से निशाना बनाने में शामिल है।"

9 सितंबर को रखाइन प्रांत की राजधानी सिटवे में छात्रों ने पिछले साल से सरकार द्वारा लगाए गए इंटरनेट एक्सेस पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने COVID-19 महामारी के कथित आधार का इस्तेमाल करते हुए देश के प्राकृतिक आपदा प्रबंधन क़ानून लगाकर तीन कार्यकर्ताओं टो टो ऑंग, क्याओ नैंग ह्ते और ओउ थान नैंग को गिरफ्तार किया। हालांकि इन आरोपों को बाद में हटा दिया गया था फिर भी इन कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण सभा और शांतिपूर्ण जुलूस क़ानून की धारा 19 के तहत रखा गया है।

अगले कुछ दिनों में छात्रों ने रखाइन और चिन प्रांतों में मानवीय स्थिति को उजागर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया जिसे यांगून, मंडालेय और अन्य शहरों में देखा गया। 10 सितंबर को यांगून में छात्रों ने एक स्टीकर अभियान का आयोजन किया।

मंडालेय विरोध प्रदर्शनों के आयोजक क्याओ थिहा ये क्याओ और सोए ह्ला को पहले ही सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि उनके ख़िलाफ़ अन्य मामले अदालतों में लंबित हैं।

इस संबंध में संगठनों ने संयुक्त बयान में "अधिकारियों से हाल में छात्र विरोध के संबंध में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों और साथ ही अन्य व्यक्तियों को अपने अधिकारों के शांतिपूर्ण कार्य के लिए क़ैद किए गए लोगों को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया गया; और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए निशाना बनाए गए सभी छात्रों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले को समाप्त करने का आह्वान किया गया।"

Myanmar
Human rights organizations
human rights violations
COVID-19

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?


बाकी खबरें

  • सौरभ शर्मा
    'नथिंग विल बी फॉरगॉटन' : जामिया छात्रों के संघर्ष की बात करती किताब
    09 May 2022
    वह जिनमें निराशा भर गई है, उनके लिए इस नई किताब ने उम्मीद जगाने का काम किया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  
    09 May 2022
    राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़ी हैं। वह अपनी याचिका वापस लेने की तैयारी में है। इसको लेकर उन्होंने अर्जी डाल दी है, जिसे लेकर हड़कंप है। इसके अलावा कमिश्नर बदलने की याचिका पर सिविल जज (…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक ब्यूरो
    क्या हिंदी को लेकर हठ देश की विविधता के विपरीत है ?
    08 May 2022
    पिछले महीने देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया कि अलग प्रदेशों के लोगों को भी एक दूसरे से हिंदी में बात करनी चाहिए। इसके बाद देश में हिंदी को लेकर विवाद फिर एक बार सामने आ गया है। कई विपक्ष के…
  • farmers
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग
    08 May 2022
    किसान संगठनों ने 9 मई को प्रदेशभर में सिवनी हत्याकांड और इसके साथ ही एमएसपी को लेकर अभियान शुरू करने का आह्वान किया।
  • kavita
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : माँओं के नाम कविताएं
    08 May 2022
    मदर्स डे के मौक़े पर हम पेश कर रहे हैं माँओं के नाम और माँओं की जानिब से लिखी कविताएं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License