NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
प्रदर्शनों के दौरान इज़रायली सुरक्षा बलों की कार्रवाई में सैकड़ों फ़िलिस्तीनी घायल
इस सप्ताह की शुरूआत में उच्च सुरक्षा वाले जेल से छह क़ैदियों के भागने के बाद इज़रायल द्वारा क़ैदियों के बढ़ते दमन और उनके परिवारों के उत्पीड़न का फ़िलिस्तीनी विरोध कर रहे थे।
पीपल्स डिस्पैच
10 Sep 2021
प्रदर्शनों के दौरान इज़रायली सुरक्षा बलों की कार्रवाई में सैकड़ों फ़िलिस्तीनी घायल

उच्च सुरक्षा वाले जेल से छह कैदियों के भागने के बाद जेल के अधिकारियों द्वारा अन्य फिलिस्तीनी कैदियों को परेशान करने के मद्देनजर इन कैदियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए गुरुवार 9 सितंबर को कब्जे वाले पश्चिमी बैंक और पूर्वी येरुशेलम में किए गए फिलिस्तीनियों के प्रदर्शन पर इजरायली सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की जिसमें सैंकड़ों फिलिस्तीनी घायल हो गए।

सामूहिक सजा के रूप में और मानवीय कानूनों के स्पष्ट उल्लंघन करते हुए इज़रायल ने कई अमानवीय प्रतिबंध लगाए हैं, जैसे कि सितंबर के अंत तक परिवार को मिलने पर प्रतिबंध, उनकी जेल की कोठरियों पर हिंसक छापेमारी, भागने वाले कैदियों के परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करना, कैदियों को कैंटीन में या जेल की यार्ड में कुछ समय बिताने के लिए आवंटित समय से इनकार करना और कथित रूप से फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद से संबद्ध कैदियों को स्थानांतरित करना।

फिलिस्तीन के कई शहरों और कस्बों में इन प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। इनमें नब्लुस, बेता, जेनिन, कल्किल्या, बेथलहम, येरुशेलम, हेब्रोन (अल-खलील) सहित कई अन्य स्थान शामिल हैं। इजरायली बलों ने प्रदर्शन को दबाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, स्टन ग्रेनेड, रबर के कवर वाली मेटल की गोलियों का इस्तेमाल किया साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।

फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने बाद में कहा कि उसने कई जगहों पर 100 से अधिक लोगों का इलाज किया साथ ही तीन पत्रकारों सहित कुछ घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया था। इजरायली बलों ने कथित तौर पर वेस्ट बैंक में अतिरिक्त चौकियों और सुरक्षा जांच को बढ़ा दिया है, साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस, सुरक्षा और खुफिया बलों, ड्रोन की संख्या को भागे हुए कैदियों को ट्रैक करने और पकड़ने के लिए बढ़ा दिया गया है। इजरायली सेना के एक बयान में कहा गया है कि वह शुक्रवार की आधी रात तक वेस्ट बैंक के "सामान्य बंद" का विस्तार कर रही है जो कि "स्थितिजन्य आंकलन के आधार" पर है।

नेगेव, रेमन, ओफर और गिल्बोआ जैसे कई इज़रायली जेलों में फ़िलिस्तीनी कैदी भी विरोध करने लगे और इज़रायली हिंसा और दमन का विरोध किया। कैदियों के सेल में हिंसक छापेमारी के दौरान कैदियों और जेल के गार्ड के बीच कई झड़पों की सूचना मिली। फिलीस्तीनी प्रिजनर्स सोसाइटी (पीपीएस) ने एक बयान में विभिन्न जेलों में बंद कैदियों द्वारा बड़े पैमाने पर सामूहिक भूख हड़ताल पर जाने की योजना की घोषणा की है यदि उनके खिलाफ दुर्व्यवहार और उल्लंघन जारी रहता है।

Israel
Palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License