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बैंकाक में भूख हड़ताल कर रहे बंदियों की रिहाई की मांग करते हुए सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन
पिछले सप्ताह अधिकारियों द्वारा हिरासत में भूख हड़ताल कर रहे एक्टिविस्टों में से एक एक्टिविस्ट को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद ये प्रदर्शन हुआ।
पीपल्स डिस्पैच
03 May 2021
बैंकाक में भूख हड़ताल कर रहे बंदियों की रिहाई की मांग करते हुए सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

रविवार 2 मई को बैंकाक में आपराधिक न्यायालय के बाहर सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए और एक्टिविस्टों के निरंतर हिरासत में रखने का विरोध किया। इस प्रदर्शन का आह्वान युवा-नेतृत्व वाले रिडेम (REDEM -रिस्टार्ट डेमोक्रेसी) द्वारा किया गया था और राजनीतिक सुधारों की मांग करते हुए पिछले साल हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने को लेकर कैद सभी एक्टिविस्टों को रिहा करने के लिए बढ़ती मांग का हिस्सा है।

पिछले हफ्ते भूख हड़ताल पर बंद दो एक्टिविस्टों में से एक के अस्पताल में भर्ती होने को लेकर यह प्रदर्शन किया गया था। परित "पेंगुइन" चिवाराक का आज 48 दिनों का लंबा भूख हड़ताल पूरा हो गया, जबकि अन्य एक्टिविस्ट पनुसाया "रंग" सिथिजिरावट्टनकुल अप्रैल की शुरुआत से ही हड़ताल कर रहे हैं।

दस एक्टिविस्टों में से दो एक्टिविस्ट लंबे समय से प्री ट्रायल डिटेंशन में हैं क्योंकि वे राजद्रोह और साइबर अपराध के आरोपों के साथ साथ देश के लेसे मैजेस्टे लॉ का सामना कर रहे हैं। पिछले दो हफ्तों से पारित और पनुसया की तबीयत बिगड़ने की खबरों ने परिवार और उनके समर्थकों को काफी चिंता में डाल दिया है।

जेल अधिकारियों ने शुक्रवार 30 अप्रैल को स्वीकार किया 16 मार्च को भूख हड़ताल शुरू करने वाले परित को जेल चिकित्सा परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। उनका 13 किलोग्राम वजन कम हुआ है और सलाइन ड्रिप के दौरान दर्द की शिकायत की है।

बैंकॉक पोस्ट के अनुसार, अधिकारियों को यह भी डर था कि इसे आघात पहुंच सकता है और उसे शुक्रवार को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। एक्टिविस्ट समूह के अनुसार पनुसाया को भी इसी तरह की स्वास्थ्य समस्या थी। उनके सेहत बदतर होने के बावजूद अदालत ने उन दोनों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।

शुक्रवार 30 अप्रैल को परित की मां सुरीरत चिवारक ने अदालत परिसर के बाहर विरोध में अपना सिर मुंडवा लिया। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने अदालत भवन पर लाल पेंट और अंडे फेंके और न्यायाधीश चानाथिप मुआनपॉन्ग के इस्तीफे की मांगी की जिन्होंने कैदियों की जमानत याचिका की सुनवाई की है।

इस बीच एक श्रमिक कार्यकर्ता पटचानी खम्मक ने भी जेल में बंद भूख हड़ताल करने वालों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भूख हड़ताल करने का संकल्प लिया। प्रदर्शनकारियों ने अदालत परिसर के बाहर आपराधिक अदालत के बोर्ड पर प्रधानमंत्री प्रयुत चन-ओ-चा के खिलाफ प्रदर्शनकारी पोस्टर और बैनर भी लगाए।

Thailand
Bangkok
hunger strike
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