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हैदराबाद इन्फोटेक ग्रुप समेत सिंगापुर और हांगकांग के इन्वेस्टर पर अमेरिका में ठगी और धोखाधड़ी के आरोप
पेन्सिलवेनिया की एक अदालत  हैदराबाद के एक समूह, इस समूह के प्रमोटरों, सहयोगियों और भारतीयों द्वारा नियंत्रित सिंगापुर और हांगकांग के एक प्रमुख निवेशक के ख़िलाफ़ 35 मिलियन डॉलर के धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों के आरोपों पर जल्द ही फ़ैसला सुनाएगी। न्यूज़क्लिक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
परंजॉय गुहा ठाकुरता, सौरोदिप्तो सान्याल
23 Mar 2020
Corporate fraud

धोखाधड़ी और ठगी के आरोपों पर यह क़ानूनी खींचतान एक दशक पहले शुरू हुआ था। इसमें शामिल व्यक्ति और कॉर्पोरेट प्रतिष्ठान दुनिया भर के विभिन्न देशों में स्थित हैं।

जिन देशों और शहरों में ये ठगी करने वाले ये नाटकीय लोग स्थित हैं, या जहां से ये अपने कार्य को अंजाम देते रहे हैं, उनमें शामिल हैं:

•   भारत का हैदराबाद;

•   अमेरिका के पिट्सबर्ग, वाशिंगटन और डेलावेर;

•   कनाडा का टोरंटो;

•   बहामाज़ और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (अत्यंत कम कर वाले देश);

•   सिंगापुर; और

•  हॉगकॉग।


 यह अंतरराष्ट्रीय विवाद अभी ख़त्म तो नहीं होगा। लेकिन,सार्वजनिक दस्तावेज़ों और अदालती फ़ाइलों में पहले ही जो खुलासे किये जा चुके हैं,उनमें भारतीय इन्फोटेक कंपनी के प्रमोटर और उनके सहयोगियों, जिनमें सिंगापुर और हांगकांग स्थित निवेशक भी शामिल हैं, शक के दायरे में दिखते हैं। उनसे प्रतिक्रियायें प्राप्त करने के हमारे प्रयास इस लेख के प्रकाशित होते समय तक सफल नहीं हो पाये थे।

न्यायाधीश विलियम एस.स्टिकमैन IV द्वारा 10 मार्च को दिये गये 84-पृष्ठ के लंबे-मेमोरेंडम ओपिनियन ’में पेंसिल्वेनिया स्थित अमेरिकी ज़िला अदालत ने फ़ैसला सुनाया है कि 35 मिलियन डॉलर (260 करोड़ रुपये) के धोखाधड़ी के आरोपों की जांच उनके अधिकार क्षेत्र में आती है,जिसमें पृथ्वी सूचना समाधान लिमिटेड (PISL), हैदराबाद स्थित आईटी 'परामर्श और समाधान कंपनी' और हांगकांग स्थित परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म SSG कैपिटल मैनेजमेंट शामिल है।

न्यायाधीश ने फ़ैसला सुनाया है कि कनाडा और बहामास स्थित क्रमश: दो वित्त कंपनियों-काइको ग्लोबल इंक और काइको ग्लोबल GmbH, द्वारा दो पेंसिल्वेनिया ज़िला अदालतों में 2018 के बाद से मुकदमा दायर करने के लिए वित्तीय कचादार और धोखधड़ी आरोपों की जांच किये जाने को लेकर पर्याप्त आधार है।

अमेरिका में भ्रष्टाचार और ठग-व्यापार ?

काइको कंपनियां 35 मिलियन डॉलर मूल्य के चुराये गये बॉन्ड फ़ंड से जुड़ी साज़िश को लेकर अमेरिका के धोखाधड़ी प्रभावित और भ्रष्ट संगठन (RICO) अधिनियम के अंतर्गत एक दीवानी फ़ैसला चाहती हैं।

इस मामले में शामिल राशि से कहीं अधिक दिलचस्प बात दुनिया भर के विभिन्न न्यायालयों के क्षेत्राधिकार में आने वाले इस वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिये जाने के तरीक़ों को लेकर है।

दिलचस्प बात यह है कि इस ज्ञापन में कहा गया है कि "चोरी किये गये बॉंड फ़ंड को लूटने की असंबद्ध साज़िश" के ख़िलाफ़  हैदराबाद स्थित पृथ्वी समूह की संस्थाओं और कर्मचारियों के ख़िलाफ़ अमेरिका स्थित वाशिंगटन राज्य की एक ज़िला अदालत में एक आपराधिक अभियोग लंबित है, जिस पर रिको अधिनियम के तहत एक ही वादी (काइको कंपनियों) द्वारा फ़ैसले की मांग की गयी है।

इस मामले में शामिल खिलाड़ियों पर नज़र डालने से पहले, अमेरिकी संघीय अधिनियम, रिको का एक संक्षिप्त विवरण पर नज़र डालना उपयोगी होगा। यह क़ानून किसी ‘आपराधिक संगठन’ द्वारा किये गये कृत्यों के लिए विस्तारित आपराधिक दंड और कार्रवाई के एक नागरिक 'कार्रवाई के कारण'  का प्रावधान देता है।

यह अधिनियम किसी ’सिंडिकेट’ के ’नेताओं’ को उन किये जाने वाले अपराधों के लिए प्रयास करने की अनुमति देता है,जो वे दूसरों को करने का आदेश देते हैं, जिसे इस अमेरिकी क़ानून की एक ख़ामी के रूप में देखा जाता था, जिसमें उस व्यक्ति को अनुमति थी,जो किसी और को इसके लिए निर्देश देता था,उदाहरण के लिए, उस हत्या में कोई मुकदमे से छूट पा लेता था,क्योंकि वह वास्तव में व्यक्तिगत रूप से अपराध नहीं करता है।

RICO को 1970 के संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के एक अनुच्छेद द्वारा लागू किया गया था और उस दशक में व्यापक रूप से इसका उपयोग जुआ, शराब के अवैध व्यापार और वेश्यावृत्ति सहित संगठित अपराध में लिप्त माफ़िया गिरोहों के सदस्यों पर मुकदमा चलाने के लिए किया गया था। इसके बाद, विभिन्न वित्तीय धोखाधड़ी को शामिल करने वाले इस क़ानून का उपयोग अधिक व्यापक हो गया।

 अमेरिकी संघीय सरकार, आपराधिक संगठनों का मुक़ाबला करने के लिए रीको अधिनियम का उपयोग करती है, इस क़ानून में एक दीवानी घटक भी है,जो ज़िला न्यायालय में दायर किये जाने के बावजूद व्यापार के विवादों से सम्बन्धित मामलों को संघीय मामलों में परिवर्तित करना संभव बनाता है। यहीं पर पृथ्वी कंपनियों से सम्बन्धित मामला आता है।

पृथ्वी, एसएसजी और काइको कंपनियों के बीच का विवाद

पृथ्वी इन्फ़ॉर्मेशन सॉल्यूशन लिमिटेड (PISL) की स्थापना 1998 में की गयी थी और 2005 में भारत में सार्वजनिक रूप से यह एक सूचीबद्ध कंपनी बन गयी। 2008-09 में इस कंपनी का वार्षिक कारोबार 1,950 करोड़ रुपये था।

PISL के प्रमोटर,माधवी वुप्पलपति और उनके भाई सतीश वुप्पलपति हैं। CNBC TV18 चैनल ने बताया कि माधवी एक अमेरिकी नागरिक हैं और सतीश के पास भारतीय नागरिकता है।

2016 में, काइको ग्लोबल और काइको ग्लोबल GmbH ने अमेरिका के वाशिंगटन स्थित पश्चिमी ज़िले का अमेरिकी ज़िला न्यायालय में RICO अधिनियम के तहत एक दीवानी फ़ैसला हासिल किया था, जो पृथ्वी के ‘व्यवसाय परिवार’ से जुड़े कर्मचारियों और संस्थाओं द्वारा की गयी धोखाधड़ी-व्यापार योजना से सम्बन्धित है। यदि किसी अदालत में यह उल्लंघन साबित हो जाता है, तो वादी (इस मामले में,काइको कंपनियों) को वक़ीलों की फ़ीस के साथ नुकसान के तिगुने राशि की भरपाई की जायेगी।

न्यायाधीश स्टिकमैन द्वारा जारी ज्ञापन पेंसिल्वेनिया अदालत में SSG समूह और PISL के संस्थापकों द्वारा किये गये उस दावों के जवाब में था,जिसमें कहा गया था कि यह मामला उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है और यह भी कि उसमें मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार नहीं बनता है।

निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं ने इस मामले को न्यायिक आधार पर ख़ारिज किये जाने के लिए एक प्रस्ताव दिया था:

•   हैदराबाद स्थित  PISL,

•   PISL के हांगकांग सहयोगी पृथ्वी एशिया सॉल्यूशंस लिमिटेड (PASL),

•   SSG कैपिटल मैनेजमेंट,

•   SSG कैपिटल पार्टनर्स,

•   SSG कैपिटल पार्टनर्स 1,

•    माधवी वुप्पलपति,

•    सिंगापुर स्थित भारतीय नागरिक श्याम माहेश्वरी, SSG हांगकांग के सह-संस्थापक,

•   दिनेश गोयल, सिंगापुर में स्थित एक और भारतीय नागरिक,जो SSG हांगकांग के प्रबंध निदेशक हैं, और

•  वोंग चिंग हिम (एड्विन वोंग के रूप में भी जाना जाता है), वैल्यू टीम कॉर्पोरेशन (VTC) के निदेशक और शेयरधारक, SSG कैपिटल के मूल कार्यालय द्वारा नियंत्रित एक ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स इकाई है, जो SSG हांगकांग के सीईओ भी है।


अन्य व्यक्ति, जो प्रतिवादी के रूप में हैं, वे हैं-ईरा सैयवित्री नूर (उर्फ़ ईरा नूर वोरलौमिस), VTC के निदेशक और एंड्रियास वोरलौमिस, VTC के एक अन्य निदेशक और शेयरधारक, और SSG हांगकांग की सलाहकार समिति के पार्टनर और सदस्य हैं।

न्यायाधीश स्टिकमैन के अनुसार,न्यायिक आधार पर इस मामले को ख़ारिज किये जाने का एक और प्रस्ताव, माधवी वुप्पलपति के पति आनंदन जयरामन द्वारा दायर किया गया था, जो कि एक भारतीय नागरिक और हैदराबाद के मौजूदा निवासी हैं।

इस ज्ञापन में कहा गया है कि आनंदन के साथ माधवी पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में 2010 से 2014 तक 2014 के कथित कार्रवाई योग्य आचरण के दौरान रह रही थीं।

SSG के प्रबंध निदेशक और सामान्य परामर्शदाता रिचर्ड यी ने एक ईमेल में अमेरिकी दैनिक द फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर को बताया: “SSG न्यायाधीश स्टिकमैन के हालिया प्रक्रियात्मक फ़ैसले से सम्मानपूर्वक सहमत नहीं हैं… हालांकि, इस बात का ज़िक्र करना महत्वपूर्ण है कि उनका हालिया फ़ैसला सिर्फ़ प्रक्रियात्मक था, न कि मुकदमों के चलाये जाने के पर्याप्त आधार पर था। SSG, अदालत में इन आधारहीन दावों के ख़िलाफ़ दृढ़ता से अपना बचाव करना जारी रखेगा।”

कथित धोखाधड़ी का इतिहास

फ़रवरी 2007 में PISL और उसकी सहायक पृथ्वी सॉल्यूशंस इंक (PSI) के बीच एक समझौते को अंजाम दिया गया था, ताकि बाद में यूएस में कारोबार करने के लिए बॉन्ड जारी करने के माध्यम से फ़ंड जुटाया जा सके। इसके तुरंत बाद, फ़रवरी 2012 में PISL ने 50 मिलियन डॉलर मूल्य देय के कूपन बॉन्ड जारी किये, जो कि कंपनी के शेयरों के लिए परिवर्तनीय थे। कूपन बॉन्ड एक ऋण देनदारी होता है,जिसके साथ कूपन संलग्न होता है, जो अर्ध-वार्षिक ब्याज़ भुगतान का प्रतिनिधित्व करता है।

इस समय प्रचलन से बाहर हो चुकी वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी, लेमैन ब्रदर्स ने किंगफिशर कैपिटल CLO लिमिटेड के माध्यम से बॉन्ड में निवेश किया और पूरी राशि यूको बैंक की हांगकांग शाखा (पूर्व में संयुक्त वाणिज्यिक बैंक, भारत सरकार के स्वामित्व वाली बैंक) के एस्क्रो खाते में रख दी गयी। 50 मिलियन डॉलर में से लगभग 15 मिलियन डॉलर यूको बैंक द्वारा PSL को बॉन्ड फ़ंड प्रदान करने के उद्देश्य से PISL को हस्तांतरित कर दिये गये,ताकि इसे अमेरिका में चलाया जा सके।

15 सितंबर 2008 को लेमैन ब्रदर्स ने दिवालियापन की घोषणा कर दी। अगस्त 2010 में, PISL बॉन्ड्स में ब्याज लगभग $ 15.5 मिलियन में SSG कैपिटल पार्टनर्स और उस VTC, SSG कैपिटल के मूल कार्यालय द्वारा नियंत्रित ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स इकाई को बेच दिया गया।

यह आरोप 2010 और 2014 के बीच UCO बैंक, हांगकांग के हैंग सेंग बैंक, वाशिंगटन के की बैंक और पिट्सबर्ग के पीएनसी बैंक के माध्यम से वायर ट्रांसफ़र के ज़रिये बॉन्ड फ़ंड की काले धन को वैध बनाने से सम्बन्धित हैं।

PISL पर बांडों के पुनर्गठन द्वारा धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए VTC और SSG कैपिटल के साथ दो ‘नक़ली' समझौता ज्ञापन (MoUs) बनाये का आरोप लगाया गया है।

6 सितंबर 2010 को, PISL ने बॉन्ड्स के पुनर्गठन के लिए SSG कैपिटल मैनेजमेंट के फ्लैगशिप फंड SSG कैपिटल पार्टनर्स और VTC के साथ दो अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किये। दो दिनों के बाद, 8 सितंबर को SSG कैपिटल पार्टनर्स के साथ समझौते के एक परिशिष्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसे SSG कैपिटल पार्टनर्स की पुनर्गठन प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि के रूप में $ 4 मिलियन नॉन-रिफंडेबल जमा की आवश्यकता थी।

दिलचस्प बात यह है कि SSG कैपिटल पार्टनर्स और SSG हांगकांग का भी PISL के बराबर ही बकाया है। पीएएसएल ने हांगकांग के डीबीएस बैंक वाले SSG कैपिटल पार्टनर्स के बैंक खाते में $ 4 मिलियन स्थानांतरित किये। इस राशि को तब PISL, PASL, SSG कैपिटल मैनेजमेंट, माधवी वुप्पलपति और अन्य के बीच कथित रूप से वितरित किया गया था।

PISL और VTC के बीच इसी तरह के एक ऐसे समझौते को अंजाम दिया गया था, जिस पर उन दोनों के बीच हस्ताक्षर किये गये थे, जिसके अंतर्गत इस कंपनी को PISL के साथ $ 16.20 मिलियन जमा करना था। इस समझौते के तहत VTC का PSI पर $ 18.9 मिलियन राशि का बकाया है। यह आरोप लगाया जाता है कि इस कंपनी ने 17 जून, 2011 तक 18.9 मिलियन डॉलर के बॉन्ड फ़ंड को वैध बनाने के लिए SSG कैपिटल पार्टनर्स के उसी तरीक़े का इस्तेमाल किया।

माधवी पर इन धोखाधड़ी वाले लेनदेन के पीछे मुख्य साज़िशकर्ता होने का आरोप लगाया गया है, जिसे कथित रूप से धन के वायर ट्रांसफ़र का उपयोग करके अंजाम दिया गया था। वह PISL की अध्यक्ष थीं और उस समय PSI की एकमात्र शेयरधारक भी थीं।जिस समय ये लेन-देन हो रहे थे, उसी समय PISL ने हांगकांग में PASL भी बनाया।

पेचीदे और घुमावदार लेनदेन ?

जिस तरह से ये फ़ंड अलग-अलग प्रतिष्ठानों के बीच आते-जाते रहे,इससे बीतते समय के साथ अवैध या काले धन के कथित ‘लॉन्ड्रिंग’ के ज़रिये क़ानूनी या सफ़ेद धन में बदले जाने को लेकर संदेह पैदा हुआ। 10 मार्च के मेमोरेंडम ओपिनियन में जज स्टिकमैन द्वारा दिये गये विवरण इस प्रकार हैं;

29 अक्टूबर, 2010 को लगभग 35 मिलियन डॉलर के बॉन्ड फंड को हांगकांग के PISL के यूको बैंक एस्क्रो खाते से पीआईएसएल के वाशिंगटन के मुख्य बैंक खाते में स्थानांतरित किया गया था। एक हफ़्ते से भी कम समय के बाद, 2 नवंबर को इस मुख्य बैंक खाते से पिट्सबर्ग के PSI के PNC बैंक खाते में साथ इस राशि को स्थानांतरित कर दिया गया।

इसके तुरंत बाद, PSI ने वाशिंगटन स्थित पृथअवी इन्फ़ॉर्मेशन सोल्यूशन LLC नाम की इकाई को लगभग $ 8 मिलियन अंतरित कर दिया गया।

लगभग उसी समय, PSI ने अज्ञात खाते में PISL को लगभग $ 7 मिलियन वापस कर दिये। PSI ने हांगकांग स्थित PASL के हैंग सेंग बैंक खाते में $ 20.4 मिलियन भी स्थानांतरित किये।

और 12 नवंबर 2010 को $ 20.4 मिलियन में से $ 4 मिलियन हैंग सेंग बैंक से हांगकांग स्थित SSG कैपिटल पार्टनर्स के DBS बैंक में स्थानांतरित कर दिये गये थे। फिर,12 नवंबर और 23 नवंबर को PASL ने बॉंड फ़ंडों में $ 20.4 मिलियन में से $ 16.4 मिलियन का स्थानांतरण किया, जो मूल रूप से सिंगापुर स्थित PSI से VTC के UBS AG बैंक खाते में प्राप्त हुआ था।

2011 में, पीआईएसएल ने PSI से कंपनी के पिट्सबर्ग स्थित PNC बैंक खाते में $ 7 मिलियन में से $ 2.5 मिलियन वापस हस्तांतरित कर दिया गया। आख़िरकार, PSI ने अपने PNC बैंक खाते से पिट्सबर्ग स्थित PASL के हैंग सेंग बैंक खाते के बॉंड फंड में $ 2.5 मिलियन का हस्तांतरण कर दिया।

17 जून, 2011 को या इस तारीख़ के आसपास, PASL ने सिंगापुर स्थित VTC के UBS AG बैंक खाते में प्राप्त $ 2.5 मिलियन का हस्तांतरण किया। एक साल से भी अधिक समय बाद, 23 जनवरी, 2013 को PASL ने अपने बैंक से 10,000 डॉलर की राशि सिंगापुर स्थित VTC के UBS AG बैंक खाते में भेज दी। फिर,9 अक्टूबर 2014 को PASL ने हैंग सेंग बैंक से $ 28,000 निकाल लिये।

इस पर न्यायाधीश स्टिकमैन कहते हैं,“ प्रतिवादियों ने अपनी ठगी की साज़िश को कई तरीक़ों से कथित तौर पर छुपाया। SSG कैपिटल पार्टनर्स, VTC, और PISL ने PLLL के पुनर्गठन के दिखावे के लिए उन्होंने MOU और सम्बन्धित परिशिष्टों का उपयोग किया,जो सही मायने में चोरी और लूट थी। उन्होंने PSI के खाते में प्राप्य फ़र्ज़ी खाते बनाकर अपनी योजना को छिपाने की कोशिश की, और इस कदाचार की कोशिश में PSI से SSG कैपिटल पार्टनर्स, SSG हांगकांग और VTC को ऋण के रूप में वायर ट्रांसफर किया गया।”

2008-09 में PISL का सालाना कारोबार लगभग 2,000 करोड़ रुपये का था। एक दशक बाद, अगस्त 2018 में, कंपनी का असूचीबद्ध कर दिया गया।

इस दाग़दार हैदराबाद कंपनी के लिए मुसीबतें होती नहीं दिख रही है,जो कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और विशेष रूप से अमेरिका में बड़ा बनाना चाहती थी। गुरुवार, 19 मार्च, 2020 की दोपहर, हमने पृथ्वी इन्फ़ॉर्मेशन सोल्यूशन लिमिटेड को info@prithvisolutions.com और SSG कैपिटल मैनेजमेंट को info@ssgasia.com पर ईमेल किया।

प्रकाशन के समय तक, दोनों कंपनियों में से किसी के भी प्रतिनिधि की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। इस सम्बन्ध में जब भी प्रतिक्रियायें आयेंगी,इस लेख को अपडेट कर दिया जायेगा।

 लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Hyderabad Infotech Group, with Singapore & Hong Kong Investor, Accused of Fraud and Racketeering in US

Pennsylvania Court
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Hyderabad IT Company
Kyko Compnaies
Madhavi Vuppalapati
Satish Vuppalapati
RICO Act
Corporate Fraud

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License