NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छात्रों द्वारा फ़ैज़ की नज़्म गाये जाने के मामले में आईआईटी कानपुर ने समिति गठित की
आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदिकर ने मीडिया में आयी उन खबरों की आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में आया है कि आईआईटी कानपुर ने यह तय करने के लिए समिति बनायी है कि फैज की कविता हिन्दू विरोधी है अथवा नहीं। ये पूर्णतया गुमराह करने वाली रिपोर्ट हैं।
भाषा
02 Jan 2020
IIT kanpur

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थिति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए परिसर में 17 दिसंबर को मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कविता 'हम देखेंगे' गाये जाने के प्रकरण में जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

यह जानकारी आईआईटी कानपुर के उपनिदेशक मनिंद्र अग्रवाल ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि आईआईटी के लगभग 300 छात्रों ने परिसर के भीतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था क्योंकि उन्हें धारा 144 लागू होने के चलते बाहर जाने की इजाजत नहीं थी।

प्रदर्शन के दौरान एक छात्र फ़ैज़ की कविता 'हम देखेंगे' गाई जिसके खिलाफ वासी कांत मिश्रा और 16 अन्य लोगों ने आईआईटी निदेशक के पास लिखित शिकायत दी। उनका कहना था कि वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कविता में कुछ दिक्कत वाले शब्द हैं जो हिंदुओं की भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।

अग्रवाल ने बताया कि उनके नेतृत्व में छह सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया है जो प्रकरण की जांच करेगी। कुछ छात्रों से पूछताछ की गई है जबकि कुछ अन्य से पूछताछ की जाएगी जब वे अवकाश के बाद वापस संस्थान आएंगे।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की जंग में स्थिति खराब हो रही है इसलिए उन्होंने लोगों से इसे बंद करने को कहा है और उन्होंने उनकी बात मान ली है।

वीडियो में दिख रहा है कि छात्र हाथ में तख्तियां लिये हैं, जिन पर लिखा है, 'तुम्हारी लाठी और गोली से तेज हमारी आवाज है।' एक अन्य पर लिखा था, 'आईआईटी कानपुर जामिया और एएमयू के छात्रों पर पुलिस बर्बरता की निन्दा करती है।’

आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदिकर ने मीडिया में आयी उन खबरों की आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में आया है कि आईआईटी कानपुर ने यह तय करने के लिए समिति बनायी है कि फैज की कविता हिन्दू विरोधी है अथवा नहीं। ये पूर्णतया गुमराह करने वाली रिपोर्ट हैं।

उन्होंने कहा कि संस्थान को शिकायतें मिली थीं कि प्रदर्शन के दौरान एक समूह ने मार्च को रोकने का प्रयास किया, जो गलत है इसलिए संस्थान ने समिति बनायी है कि वह सभी शिकायतों पर गौर करे कि वे सही हैं या नहीं । अगर शिकायतें सही हैं तो कार्रवाई की जाएगी ।

IIT kanpur
Faiz Ahmed Faiz
Jamia Milia Islamia
आईआईटी कानपुर
शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
hindu-muslim
Religion Politics

Related Stories

बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

मज़दूर दिवस : हम ऊंघते, क़लम घिसते हुए, उत्पीड़न और लाचारी में नहीं जियेंगे

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!

फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!

जहांगीपुरी में गले मिले हिंदू और मुसलमान, रविवार को निकालेंगे तिरंगा यात्रा

मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत के ख़िलाफ़ विरोध में लोग लामबंद क्यों नहीं होते?

‘हेट स्पीच’ के मामले 6 गुना बढ़े, कब कसेगा क़ानून का शिकंजा?

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License