NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आईएमडी रिपोर्ट : प्रतिकूल मौसम  से सबसे अधिक मौतें बिहार और उत्तर प्रदेश में
आईएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल प्रतिकूल मौसम के कारण 1,565 से अधिक लोगों की मौत हुयी जबकि  बिहार में बाढ़, आंधी, बिजली गिरने और शीतलहर के कारण सबसे ज्यादा 379 लोगों की मौत हुयी वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 356 रही।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
05 Jan 2021
आईएमडी रिपोर्ट : प्रतिकूल मौसम  से सबसे अधिक मौतें बिहार और उत्तर प्रदेश में
फाइल फोटो : साभार सोशल मीडिया

दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पिछले साल अत्यंत प्रतिकूल मौसम के कारण 1,565 से अधिक लोगों की मौत हो गयी। इस दौरान आंधी व बिजली गिरने जैसी घटनाओं में 815 लोगों की मृत्यु हो गयी। आईएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बाढ़, आंधी, बिजली गिरने और शीतलहर के कारण सबसे ज्यादा 379 लोगों की मौत हुयी वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या 356 रही।

विभाग ने कहा कि ये आंकड़े मीडिया रिपोर्टों पर आधारित हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गयी। असम में 129, केरल में 72, तेलंगाना में 61, बिहार में 54, महाराष्ट्र में 50, उत्तर प्रदेश में 48 और हिमाचल प्रदेश में 38 लोगों की मौत हुयी।

आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार आंधी और बिजली गिरने से 815 लोगों की मौत हुयी। बिहार में 280, उत्तर प्रदेश में 220, झारखंड में 122, मध्य प्रदेश में 72, महाराष्ट्र में 23 और आंध्र प्रदेश में 20 लोगों की मौत हुई।

आईएमडी ने कहा कि शीत लहर के कारण 150 मौतें हुईं। उत्तर प्रदेश में 88, बिहार में 45 और झारखंड में 16 लोगों की मौत हुयी। बिहार में मौतें एक जनवरी को एक ही दिन हुई थीं।
कई जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में इन मौतों का अकड़ा अधिक इसलिए क्योंकि वहां इन से निपटने के लिए तैयारियां ठीक नहीं है।

वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष रहा लेकिन 2016 की सबसे अधिक गर्मी की तुलना में यह "काफी कम" रहा।

विभाग ने 2020 के दौरान भारत की जलवायु संबंधी एक बयान में कहा कि वर्ष के दौरान देश में औसत वार्षिक तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस अधिक था। यह आंकड़ा 1981-2010 के आंकड़ों पर आधारित है।

IMD report
UttarPradesh
Bihar
India Meteorological Department

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License