NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मज़दूरों-किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए इप्टा की गीतों के ज़रिये अपील
कोविड-19 महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान, लोकशिल्पी का ज़्यादातर काम ऑनलाइन ही हुआ है। हालांकि संगठन के साथ जुड़े एक गायक सोमनाथ मुखर्जी का कहना है कि हड़ताल से पहले ऑफ़िस में कुछ गायकों ने ताज़ी ऊर्जा भरने का काम किया है।
संदीप चक्रवर्ती
23 Nov 2020
मज़दूरों-किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए इप्टा की शाब्दिक अपील

81 साल के लोकशिल्पी(जन कवि) देवीदास तरफ़दार के अनुसार 26 नवंबर की देश्वयापी हड़ताल की तैयारी में सलिल चौधरी, हेमंगा विश्वास और हेमंता के हिंदी जनवादी गाने और साथ ही परंपरागत संगीत हवाओं में गूँज रहे हैं।

रोचक बात यह है कि 40, 50 और 60 के दशकों में इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन(इप्टा) के सलिल चौधरी और मंटू रॉयचौधरी जैसे गायकों ने तेभागा आंदोलन का नेतृत्व किया था और अपने ज़ोरदार गीतों से जनता में जोश भरने का काम किया था।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए तरफ़दार ने कहा कि केंद्र की सरकार ने उनकी जीवनचर्या और अर्थव्यवस्था को छीन कर कसाई जैसा काम किया है। उन्होंने कहा, "ऐसे हालात में हमारी आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता, हम हमेशा आंदोलन से जुड़े रहेंगे।"

कोविड-19 महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान, लोकशिल्पी का ज़्यादातर काम ऑनलाइन ही हुआ है। हालांकि संगठन के साथ जुड़े एक गायक सोमनाथ मुखर्जी का कहना है कि हड़ताल से पहले ऑफ़िस में कुछ गायकों ने ताज़ी ऊर्जा भरने का काम किया है।

तरफ़दार ने पूर्व सीपीआईएम पोलिट ब्यूरो सदस्य मोहम्मद अमीन साहब के 'सारे जहाँ से पूछा' जैसे क्रांतिकारी गीतों के बारे में बात की, और साथ ही फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, कैफ़ी आज़मी और इक़बाल के गानों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने आगे बताया कि जनता की मांग पर कई बंगाली गानों को भी पिछले 2 साल में गाया गया है और उनकी सीडी पर सकारात्मक रवैया देखने को मिला है।

अक्षरपत साहित्यिक पत्रिका के संपादक अरिंदम मुखर्जी जो कि जनवादी गीतों के प्रोग्राम के आयोजकों में से एक हैं, ने बताया कि इप्टा की लोकशिल्पी विंग ने हाल ही में अपने 60वें साल की तरफ़ बढ़ते हुए गोल्डन जुबली मनाई है।

इप्टा के हावड़ा शिवपुर क्षेत्र के एक और संगीतकार अमल नायक ने भी ऐसे रोचक गाने तैयार किये हैं जो मज़दूरों-किसानों की मांग ज़ाहिर करने के कैंपेन में इस्तेमाल किये जा सकते हैं। उन्होंने 'धोर्मोघोटे चोलो धोर्मोघोटे, श्रोमिक क्रिशोकर धोर्मोघोटे, बचर दबिते धोर्मोघोटे' गीत का उदाहरण भी दिया।

इप्टा के राज्य सेक्रेटरी दिव्येन्दु चट्टोपाध्याय ने न्यूज़क्लिक को बताया कि हड़ताल से पहले मौजूदा हालात 2 डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में भी तैयार की गई हैं जिन्हें ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारी अपील दो डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों और गानों में हैं जिन्हें ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के लिए ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है।" इप्टा के गायकों ने हाल ही में बुर्दवान और सिलीगुड़ी में प्रोग्राम किये थे जिनको रिपोर्ट के अनुसार व्यापक प्रतिक्रिया मिली थी।

ग़ौरतलब है कि हाल ही में नामी शिक्षाविदों पवित्र सरकार हर रजत बंदोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल के लेखकों और कलाकारों की जानिब से एक खुले ख़त में 26 नवंबर की हड़ताल के लिए समर्थन मांगा था, क्योंकि हड़ताल के मुद्दे ज़्यादातर जनता से जुड़े हुए हैं।

इस लेख को मूल अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

IPTA’s Lyrical Appeal to Protect Workers’ and Farmers’ Rights

Nov 26-27 Strike
general strike
farmers protest
New Farm Laws
AIKSCC
Modi government
Worker-Peasant Unity
IPTA
Lokoshilpi

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का दिखा दम !

देशव्यापी हड़ताल : दिल्ली एनसीआर के औद्योगिक क्षेत्रों में दिखा हड़ताल का असर

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License