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बिहार में वोटर लॉकडाउन मोड में, भाजपा इलेक्शन मोड में
बड़ी संख्या में बिहार के मज़दूर अभी भी देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं और खाने-पीने को लेकर परेशान हैं। अभी इन्हें लाना और क्वारंटीन करना एक बड़ी चुनौती है। बिहार के क्वारंटीन सेंटरों की हालत भी सबके सामने है। मगर इस विकट परिस्थिति में राज्य की सत्ताधारी दल भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है।
पुष्यमित्र
22 May 2020
Bihar

पिछले 15 दिनों में बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 500 से बढ़कर 16सौ के पार चली गयी है। इस अवधि में पांच लाख से अधिक मज़दूर दूसरे राज्यों से आ चुके हैं, आने वाले दिनों में तकरीबन 15 लाख अन्य मज़दूरों के बिहार आने की संभावना है। इन तमाम मज़दूरों की जांच और उन्हें क्वारंटीन करने की बड़ी जिम्मेदारी बिहार सरकार के कंधों पर है। अलग-अलग इलाकों से आ रही खबरों के मुताबिक राज्य में अब तक शुरू हुए क्वारंटीन सेंटरों की व्यवस्था काफी लचर है, तकरीबन हर जगह से इन केंद्रों में मज़दूरों के विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं। बड़ी संख्या में बिहार के मज़दूर अभी भी देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं और खाने-पीने को लेकर परेशान हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी चौथे लॉकडाउन की अवधि भी अभी पूरी नहीं हुई है, मगर इस विकट परिस्थिति में राज्य की सत्ताधारी दल भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है।

बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे राज्य के मतदाताओं को भाजपा की उपलब्धियों के बारे में बतायें। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही राज्य में हमारा दूसरे दलों के साथ गठबंधन है, लेकिन हमें राज्य की सभी सीटों पर अपनी तैयारी रखनी चाहिए। इससे पहले राज्य में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि इस बार का चुनाव अलग ही होगा, मुमकिन है कि इस बार मतदाताओं को मतदान केंद्र जाने की जरूरत ही न पड़े। चुनाव आयोग इस बार नये तरीके से चुनाव की तैयारियों में जुटा है।

इस साल अक्टूबर में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बुधवार को बिहार भाजपा कोर कमिटी की एक बैठक आयोजित हुई। वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये आयोजित इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, राज्य के मंत्री प्रेम कुमार, नंद किशोर यादव व मंगल पांडेय आदि शामिल हुए। जेपी नड्डा ने कहा कि आप लोग बिहार के वोटरों को बतायें कि कोरोना संक्रमण से निपटने में केंद्र और राज्य की सरकार किस तत्परता से काम कर रही है, साथ ही धारा 370 को हटाने और सीएए के मसले पर हुए काम के बारे में भी लोगों को बतायें। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए का प्रमुख दल होने के नाते भाजपा राज्य के सभी 243 सीटों पर अपनी तैयारी करेगी। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी राज्य के सभी भाजपा जिला अध्यक्षों से वीडियों कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की।

बिहार सरकार का कार्यकाल अक्टूबर महीने में पूरा होने वाला है, मगर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू समेत राज्य के दूसरे दल अभी कोरोना के सवालों में उलझे हैं, वहीं भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। इस खबर पर प्रतिक्रिया लेने के लिए जब राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राजद के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह से हमने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां तो पांचों साल चुनाव की तैयारियां करती रहती हैं, इसमें आश्चर्य की क्या बात है। मगर जब हमने पूछा कि क्या राजद ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है तो उन्होंने कहा, नहीं हमलोग तो अभी मज़दूरों को घर लाने के सवाल में ही उलझे हैं, हम अभी चुनाव के बारे में नहीं सोच रहे।

बिहार कांग्रेस के रिसर्च डिपार्टमेंट के हेड आनंद माधव ने अपनी पार्टी की तत्कालीन गतिविधियों के बारे में हमें जानकारी दी कि अभी हम चुनावों के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे। यह उसका समय भी नहीं है, क्योंकि अभी राज्य के कुल प्रवासी मज़दूरों में से 90 फीसदी बाहर फंसे हैं, उन्हें सकुशल वापस राज्य लाना और उनके लिए आने वाले दिनों में रोजगार की व्यवस्था के लिए प्रयास करना हमारी प्राथमिकता है। हम इसी काम में लगे हैं और सरकार को इस संबंध में पॉजिटिव सुझाव भी दे रहे हैं, वे मानें न मानें।

दिलचस्प बात है कि सत्ताधारी दल जदयू भी अभी चुनाव को लेकर सक्रिय नहीं हुआ है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद फोन पर हुई बातचीत में कहते हैं कि वैसे तो हर पार्टी अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए स्वतंत्र है और उसका हक भी है। मगर जहां तक जदयू का सवाल है, अभी हमारा पूरा फोकस कोरोना पर है। हम अभी चुनाव के बारे में नहीं सोच रहे। अगर चुनाव आयोग खुद चुनाव की घोषणा कर देता है, तब पार्टी आगे विचार करेगी कि क्या करना है। यह पूछे जाने पर कि भाजपा कह रही है कि वह सभी 243 सीटों पर तैयारी करेगी। ऐसे में गठबंधन पर इसका क्या असर पड़ेगा, वे कहते हैं, यह सामान्य बात है। हमलोग भी ऐसा ही करते हैं, जिस सीट पर हमारी उम्मीदवारी नहीं होती है, वहां हम सहयोगी दल की मदद के लिए तैयारी करते हैं।

भाजपा की चुनावी तैयारियां चौथे लॉकडाउन के शुरू होते ही बिहार में शुरू हो गयी थी। पिछले कुछ दिनों से भाजपा द्वारा राज्य एवं जिला स्तर पर कई पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी। मंगलवार को राज्य के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने यह कह कर सनसनी फैला दी थी कि आगामी चुनाव पूरी तरह बदले स्वरूप में हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है इस बार चुनाव कुछ ऐसा हो कि वोटरों को बूथ पर भी जाना न पड़े। चुनाव आयोग इस बार अलग-अलग विकल्पों पर विचार कर रहा है।

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दिलचस्प है कि मंगलवार को चुनाव संबंधी बयान जारी करने से ऐन एक दिन पहले सुशील कुमारी मोदी ने बयान जारी किया था कि हम लोगों की सेवा में जुटे हैं, विपक्ष राजनीति में। मगर अगले ही दिन वे खुद इलेक्शन मोड में चले गये। अब सुशील मोदी के इस नये बयान के बाद राज्य में कई तरह की चर्चाएं हैं।

कांग्रेस नेता आनंद माधव कहते हैं कि ऑनलाइन इलेक्शन की बात करने से पहले हमें सोचना चाहिए कि क्या हमारा मतदाता इसके लिए तैयार है। क्या राज्य के सभी वोटरों के पास फोन की सुविधा है। अभी इस कोरोना संक्रमण के दौर में ही राज्य सरकार ने कई योजनाएं ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लागू कीं। चाहे वह कैश ट्रांसफर की योजना हो या राशन कार्ड के अप्लाई की। मगर हमने देखा कि बड़ी संख्या में लोग इस माध्यम से अवगत नहीं होने के कारण योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह गये।

उनके इस बयान पर टिप्पणी लेने के लिए राज्य चुनाव आयुक्त एचआर श्रीनिवास से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में अब तक कोई दिशानिर्देश नहीं मिला है, इसलिए वे इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं दे सकते। 

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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