NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
एक्सर्साइज़ ड्यूटी का बढ़ना जनता पर क्रूर हमला : सीटू
कच्चे तेल की क़ीमतें 1991 के स्तर तक जा पहुंची हैं।  इस गिरावट के बाद आम लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें राहत मिलेगी लेकिन सरकार ने ऐसा होने नहीं दिया। विपक्षी दलों सहित ट्रेड यूनियनों ने इसकी आलोचना की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Mar 2020
कच्चे तेल पर एक्साइज़ ड्यूटी में बढ़ोतरी

मोदी सरकार ने कच्चे तेल पर एक्साइज़ ड्यूटी में बढ़ोतरी कर दी है, जबकि कोरोनावायरस और सऊदी अरब द्वारा "प्राइस वार" की घोषणा के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमतों में भारी गिरावट आई है। कच्चे तेल की क़ीमतें 1991 के स्तर तक जा पहुंची हैं।  इस गिरावट के बाद आम लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें राहत मिलेगी लेकिन सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी लगा कर ऐसा होने नहीं दिया। विपक्षी दलों सहित ट्रेड यूनियनों ने इसकी आलोचना की है। मज़दूर संगठनों ने इसे मज़दूर वर्ग पर क्रूर हमला बताया है।

केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर तीन रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा दिया है। ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की क़ीमतों में गिरावट से जनता को फ़ायदा देने के बजाय  सरकार ख़ुद इसका लाभ लेना चाहती है और इसी कारण सरकार ने यह क़दम उठाया है। भारतीय ट्रेड यूनियनों ने एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाने के इस क़दम की कड़े शब्दों में निंदा की है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं कस्टम बोर्ड के नोटिफिकेशन के अनुसार 2 से 8 रु पेट्रोल व 4 रु डीज़ल पर विशेष एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई गई है। इसके अलावा पेट्रोल पर 1 रु एवं डीज़ल पर 10 रु/लीटर रोड सेस बढ़ाया गया। इसके बाद, पेट्रोल पर 22.98 रु और डीज़ल पर 18.33 रु कुल एक्साइज़ ड्यूटी हो गई है। ये उल्लेखनीय है 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब कि पेट्रोल पर 9.48 व डीजल पर 3.56 रु कुल टैक्स था।

मज़दूर संगठन सीटू  ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसे आम लोगों सहित मज़दूर वर्ग पर क्रूर  हमला कहा  है।

सीटू की राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमलता ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में जिस तरह पेट्रोल व डीज़ल की क़ीमतों में अप्रत्याशित गिरावट आई है, उसी  तरह क़ीमतों में कमी होनी चाहिए। लेकिन, इस असंवेदशील सरकार ने पहले से आर्थिक संकटों और कोरोना के संकट से जूझ रही जनता तक इस गिरावट का फ़ायदा नहीं पहुँचने दिया। उल्टे, कॉरपोरेट घरानों के प्रति उदारता बरतने से अपने घाटों को 39000 करोड़ रु से पाटने का प्रयास किया है। सीटू मांग करता है कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम में इस  बढ़ोतरी को वापस ले और इसको अंतरराष्ट्रीय क़ीमतों के हिसाब से तय करे। अन्यथा सीटू अपने सभी संगठनों के साथ मोदी सरकार के इस क़दम का पुरज़ोर विरोध करेगा।"

कांग्रेस ने भी इस क़दम की आलोचना की है और कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने प्रेस से बात करते हुए सवाल उठाया कि "जब अंतर्राष्ट्रीय पेट्रोल उत्पादों के दाम बढ़ने से हमारे देश में- पेट्रोल-डीज़ल, एलपीजी, सीएनजी के दाम भी साथ-साथ बढ़ते हैं, तो जब कम होते हैं तो उसके साथ में कम क्यों नहीं होते हैं?"

उन्होंने कहा, "हमारी सरकार लोगों को फ़ायदा पहुंचाने की जगह अपने लिए पैसा कमा रही है और लोगों की जेब पर बोझ कम होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है।

crude oil prices
International crude oil prices
Crude oil Price hike
modi sarkar
Narendra modi
Nirmala Sitharaman
Economic slowdown
Inflation
Rising inflation
Hindustan Petroleum
CITU
BJP
Congress

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License