NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
महंगाई के आक्रोश को मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत बढ़ाकर ढकने की कोशिश, आख़िर किसका नुक़सान? 
पेट्रोलियम और रोज़मर्रा के सामान की दर लगातार आसमान छू रही हैं और तो दूसरी तरफ़ मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत बेतहाशा बढ़ रही है।
वसीम अकरम त्यागी
09 Apr 2022
hate
Image Courtesy: jagran

देश में दो घटनाएं एक साथ एक गति से हो रही हैं। पेट्रोलियम और रोज़मर्रा के सामान की दर लगातार आसमान छू रही हैं और तो दूसरी तरफ़ मुस्लिम नफ़रत बेतहाशा बढ़ रही है। यह आधुनिक भारतीय राजनीति का दूसरा प्रयोग है। पहली बार जब कोरोना में देश भर के लोगों को वायरस के साथ साथ लॉकडाउन में मरने के लिए छोड़ दिया गया था तब भी मुस्लिम नफ़रत ने ही सरकार की दुर्गत को संभाला था और सुप्रीम कोर्ट तक को कहना पड़ा था कि मीडिया ने जिस तरह तबलीग़ी जमात के मसले को कवर किया वह उचित नहीं था। पता चलता है जब जब सरकार संकट में आती है, ठीक उसी समय मुस्लिम नफ़रत भरे कार्यक्रम और उन पर सड़क छाप बहसें चौतरफ़ा बिछ जाती हैं। जो हिन्दुस्तानी अवाम के नासूर से बह रही पीप को एक सफ़ेद चादर की तरह ढक देती है। ताज़ा मामले गुजरात और दिल्ली और यूपी के हैं।

हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली और दिल्ली में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल रहे नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में ऐसे आयोजन हुए हैं जिसमें देश के सांप्रदायिक सौहार्द को चुनौती दी गई है। दिल्ली के बुराड़ी में आयोजित “हिंदू महापंचायत” में मुस्लिम-विरोधी नारे लगाए गए और विवादित महंत यतिनरिसंहानंद ने कहा कि हिन्दुओं को हथियार उठाने चाहिए और यह भी कि अगर कोई मुसलमान प्रधानमंत्री बन गया तो इससे धर्मपरिवर्तन का खतरा बढ़ेगा। इसी महापंचायत में सुदर्शन टीवी के मुखिया सुरेश चव्हाणके ने भी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जहर उगला। इस महापंचायत को आयोजित करने वाले भी ज्यादातर वही लोग थे जिन्होंने बीते वर्ष दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारे लगाए थे। यह पंचायत दिल्ली पुलिस की अनुमति के बिना की गई, इस आयोजन के बाद में दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट कर अपनी ‘ज़िम्मेदारी’ भी अदा कर ली। 

अब गुजरात का रुख करते हैं। गुजरात के रानिप इलाक़े में करीब दो हफ्ते पहले एएचपी का 'त्रिशूल दीक्षा' (त्रिशूल वितरण) कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस आयोजन में प्रवीण तोगड़िया की मौजूदगी में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण दिया गया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल वीडियो में राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार को मुसलमानो के ख़िलाफ ज़हर उगलते हुए सुना जा सकता है। मनोज कुमार ने मुस्लिम महिलाओं, युवतियों पर भी अमर्यादित टिप्पणियां की हैं। मनोज कह रहे हैं कि “कटुवे (मुस्लिम पुरुष), सलमा (मुस्लिम महिला) अपने बजरंगी (हिंदुओं) का इंतज़ार कर रही हैं। मुस्लिम पुरुष उनके लिए पर्याप्त नहीं हैं, वह लव-कुश को जन्म देना चाहती है"। फिर उसने हिंसा का आह्वान करते हुए कहा "जब से हिन्दू जाग गया है, मुजफ्फरनगर हुआ है... शिवाजी की तरह, हम इस त्रिशूल दीक्षा को अली (मुस्लिम) को छुरा घोंपने के लिए ले रहे हैं।" बाद में मनोज कुमार कहते हैं, विवेक अग्निहोत्री की कश्मीर फाइल्स मूवी की तरह, उन्हें गुजरात (2002) पर भी एक फिल्म बनानी चाहिए। "क्या सीन था! बजरंगबली त्रिशूल लेकर उनकी छाती पर बैठे थे।” 

ऐसी हिंसक प्रवृत्ति के लोग किस समाज के रक्षक होंगे, जिनकी खुद की नीयत ही भक्षक बनने की रहती हो? ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर के ख़ैराबाद का जहां एक कथित महंत ने 2 अप्रैल को एक जुलूस निकालकर मुस्लिम महिलाओं का बलात्कार करने की धमकी दी। बजरंग मुनी इस कथित महंत का असली नाम अनुपम मिश्र है। दो अप्रैल को खैराबाद में पुलिस की मौजूदगी में इसने कहा ‘‘मैं आपको पूरे प्यार से यह कह रहा हूं कि अगर खैराबाद में एक भी हिंदू लड़की को आपके द्वारा छेड़ा गया, तो मैं आपकी बेटी और बहू को आपके घर से बाहर लाऊंगा और उसके साथ बलात्कार करूंगा।” ऐसी मानसिकता रखने वाला कोई शख्स महंत भी हो सकता है यह अपने आपमें ही हास्यपद है। हालांकि इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है, और पुलिस की मौजूदगी में इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी पर भी हैरानी ज़ाहिर की है। 

आपने नफ़रत के इन उदाहरणों को देखा, गुजरात से लेकर दिल्ली और दिल्ली से लेकर यूपी तक में एक ही पैटर्न पर नफ़रत फैलाने का खेल चल रहा है। यही वह खेल है जो पूरे देश में चलने वाले महंगाई के खेल से जनता का ध्यान पूरी तरह हटा रहा है। कौन बताए कि विश्व में सबसे महंगा रसोई गैस सिलेंडर भारत में बिक रहा है। पेट्रोल के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है, वहीं डीजल के मामले में भारत विश्व में आठवें नंबर पर है। एक तरफ सत्ताधारी दल के अनुषांगिक संगठनों के लोग समाज में नफ़रत का प्रवाह कर रहे हैं, दूसरी तरफ सरकार बड़ी चालाकी से आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है। 

श्रीलंका में सत्ता में बने रहने के लिए तमिलों के खिलाफ नफ़रत का यह तमाशा राजपक्षे ने भी खेला था। आज वहां की जनता गैस, तेल और राशन के लिए लाइन में लगी है। कामना करनी चाहिए भारत श्रीलंका नहीं बनेगा, मगर बन गया तो?

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

ये भी पढ़ें: ‘’मुसलमानों के लिए 1857 और 1947 से भी मुश्किल आज के हालात’’

Muslims
Rape Threat
Mahant Bajrang Muni Das
BJP
RSS
Narendra modi
Inflation
petrol price hike
Petrol & diesel price
CNG price increases
Food Inflation
Hate politics
Communal Hate

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है


बाकी खबरें

  • journalist bodies
    ऋत्विका मित्रा
    प्रेस की आजादी खतरे में है, 2021 में 6 पत्रकार मारे गए: रिपोर्ट 
    04 Feb 2022
    छह पत्रकारों में से कम से कम चार की कथित तौर पर उनकी पत्रकारिता से संबंधित कार्यों की वजह से हत्या कर दी गई थी। 
  • Modi
    नीलांजन मुखोपाध्याय
    उत्तर प्रदेश चुनाव: बिना अपवाद मोदी ने फिर चुनावी अभियान धार्मिक ध्रुवीकरण पर केंद्रित किया
    04 Feb 2022
    31 जनवरी को अपनी "आभासी रैली" में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में पिछले समाजवादी पार्टी के "शासनकाल के डर का जिक्र" छेड़ा, जिसके ज़रिए कुछ जातियों और उपजातियों को मुस्लिमों के साथ मिलने से…
  • russia china
    एम. के. भद्रकुमार
    रुस-चीन साझेदारी क्यों प्रभावी है
    04 Feb 2022
    व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को होने वाली मुलाक़ात विश्व राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने जा रही है।
  •  Lucknow
    असद रिज़वी
    यूपी चुनाव: लखनऊ में इस बार आसान नहीं है भाजपा की राह...
    04 Feb 2022
    वैसे तो लखनऊ काफ़ी समय से भगवा पार्टी का गढ़ रहा है, लेकिन 2012 में सपा की लहर में उसको काफ़ी नुक़सान भी हुआ था। इस बार भी माना जा रहा है, भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
  • Bundelkhand
    न्यूज़क्लिक टीम
    उप्र चुनाव: 'कैराना पलायन' के उलट बुंदेलखंड से पलायन चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बनता
    04 Feb 2022
    बुंदेलखंड में कई गांव वीरान दिखाई देते हैं। बांस, मिट्टी, फूस, पुआल और कच्ची ईंटों से बने मकानों पर ताले लटके हुए हैं। कथित 'कैराना पलायन' के इसके विपरीत यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर हो रहे विस्थापन के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License