NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सर्बिया में भारतीय विनिर्माण श्रमिकों ने वेतन, भोजन और स्वदेश लौटने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया
न्यू कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ यूगोस्लाविया (एनकेपीजे) ने श्रमिकों के साथ एकजुटता व्यक्त की है और अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की है।
पीपल्स डिस्पैच
26 Aug 2020
सर्बिया

भारत के विनिर्माण श्रमिकों के एक समूह ने वेतन, भोजन और स्वदेश लौटने की मांग करते हुए पिछले हफ्ते सर्बिया के क्रालजेवो सेंटर में नगर प्रशासन के सामने मौन विरोध प्रदर्शन किया। 40 से ज़्यादा भारतीय कामगारों को निकोलिक एलएलसी कंपनी के माध्यम से काम पर रखा गया था जो सर्बिया में इस COVID-19 महामारी के दौरान वेतन और यहां तक कि पर्याप्त भोजन के लिए संघर्ष करते रहे हैं।

19 अगस्त को Krajilevo.online ने ख़बर प्रकाशित की कि श्रमिकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि निकोलिक एलएलसी कंपनी ने उन्हें पिछले पंद्रह दिनों से पर्याप्त भोजन नहीं दिया है। अब, ग़रीब श्रमिक भी अधिकारियों से भारत में अपने परिवारों तक वापस भेजने में मदद करने की मांग कर रहे हैं। मसीना ने रिपोर्ट किया कि भारत से विनिर्माण श्रमिक कई वर्षों से सर्बिया आते रहे हैं, जहां वे "निकोलिक" कंपनी के माध्यम से विभिन्न विनिर्माण स्थलों पर लगे हुए हैं। कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि अतीत में जिन विनिर्माण स्थलों पर भारतीय श्रमिक काम पर लगाए जाते रहे हैं वहां पर काम करने की ख़राब स्थिति रही है।

न्यू कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ यूगोस्लाविया (एनकेपीजे) ने भारत के श्रमिकों की हड़ताल के लिए अपनी एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया है। इसने मांग की है कि कंपनी सभी श्रमिकों को मज़दूरी का भुगतान करे।

21 अगस्त को अपने बयान में एनकेपीजे ने आरोप लगाया है कि भारतीय श्रमिकों को पिछले चार महीने के भुगतान नहीं मिले हैं; उनका वेतन का आख़िरी चेक फरवरी महीने में प्राप्त हुआ था। इसके बाद, मज़दूरी का भुगतान नहीं किया गया जिसके कारण श्रमिकों को गर्मियों के दौरान काम बंद करना पड़ा और कंपनी से अपने मज़दूरी की मांग की। इन श्रमिकों में से अधिकांश ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए विदेश में उनका काम उनके बुनियादी ज़रुरतों को पूरा करने का एकमात्र साधन है। भारत के 51 श्रमिकों में से प्रत्येक श्रमिकों का निकोलिक एलएलसी पर 2,500 यूरो का बकाया है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब प्राइवेट कंपनी निकोलिक एलएलसी ने भारत के श्रमिकों को उनके बकाये का भुगतान नहीं किया है। ऐसा इस वर्ष की शुरुआत में भी हुआ था जब भारतीय श्रमिकों ने- बेलग्रेड और बुडापेस्ट व कॉरिडोर 11 के बीच फास्ट रेल के निर्माण को लेकर- शिकायत की थी कि इस नियोक्ता ने उनके वेतन का भुगतान करने में देरी की थी, उन्हें कथित अपराधों के लिए भी आर्थिक रूप से दंडित किया गया था हालांकि इस तरह के और ख़राब कामकाजी परिस्थितियों के लिए कोई क़ानूनी आधार नहीं हैं।

Serbia
indian workers in serbia
workers protest in serbia
indian workers protest in serbia

Related Stories


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License