NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
सरकार की ‘ख़ामोशी’ किसान आंदोलन के ख़िलाफ़ कदम उठाए जाने का संकेत : राकेश टिकैत
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जाते समय रविवार रात बिजनौर के अफजलगढ़ में पत्रकारों से कहा, ‘‘15-20 दिनों से केंद्र सरकार की खामोशी से संकेत मिल रहा है कि कुछ होने वाला है। सरकार आंदोलन के खिलाफ कुछ कदम उठाने की रूपरेखा बना रही है।’’
भाषा
01 Mar 2021
 राकेश टिकैत
फोटो साभार : सोशल मीडिया

बिजनौर (उत्तर प्रदेश): भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार की ‘‘खामोशी’’ इशारा कर रही है कि सरकार किसानों के आंदोलन के खिलाफ कुछ रूपरेखा तैयार कर रही है।

सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत का दौर थम जाने पर उन्होंने कहा कि फिर से बात करने का प्रस्ताव सरकार को ही लाना होगा।

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जाते समय रविवार रात बिजनौर के अफजलगढ़ में पत्रकारों से कहा, ‘‘15-20 दिनों से केंद्र सरकार की खामोशी से संकेत मिल रहा है कि कुछ होने वाला है। सरकार आंदोलन के खिलाफ कुछ कदम उठाने की रूपरेखा बना रही है।’’

टिकैत ने कहा, ‘‘समाधान निकलने तक किसान वापस नहीं जाएंगे। किसान भी तैयार है, वह खेती भी देखेगा और आंदोलन भी करेगा। सरकार को जब समय हो वार्ता कर ले।’’

टिकैत ने कहा कि 24 मार्च तक देश में कई जगह महापंचायत की जाएगी। गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान लालकिला परिसर में हुए बवाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा बखेड़ा सरकार ने खड़ा किया।

तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा जगह-जगह अपनी खड़ी फसल नष्ट कर देने संबंधी सवाल पर टिकैत ने कहा, ‘‘भाकियू तो किसानों को बता रही है कि अभी ऐसा समय नहीं आया है लेकिन सरकार किसान को ऐसा कदम उठाने से रोकने के लिए कोई अपील क्यों नहीं कर रही है।’’

टिकैत ने उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर किसान आंदोलन को बढ़ाने के संकेत देते हुए कहा कि अब गेहूं की तैयार फसल आने वाली है, अगर किसान का गेहूं एमएसपी पर नहीं खरीदा जाता है तो सरकार जिम्मेदार होगी और इसके लिए किसान जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना देंगे।

farmers protest
Farm bills 2020
Indian Farmer's Union
rakesh tikait

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा


बाकी खबरें

  • cartoon
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ख़बर भी-नज़र भी: दुनिया को खाद्य आपूर्ति का दावा और गेहूं निर्यात पर रोक
    14 May 2022
    एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है,…
  • aadhar
    भाषा
    आधार को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द जारी हो सकते हैं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
    14 May 2022
    "यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी।"
  • IPC
    सारा थानावाला
    LIC IPO: कैसे भारत का सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है!
    14 May 2022
    वी. श्रीधर, सार्वजनिक क्षेत्र और सार्वजनिक सेवाओं पर जन आयोग के सदस्य साक्षात्कार के माध्यम से बता रहे हैं कि एलआईसी आईपीओ कैसे सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है।
  • congress
    रवि शंकर दुबे
    इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत
    14 May 2022
    देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस चुनावों में जीत के लिए पहले भी चिंतन शिविर करती रही है, लेकिन ये शिविर कांग्रेस के लिए इतने कारगर नहीं रहे हैं।
  • asianet
    श्याम मीरा सिंह
    लता के अंतिम संस्कार में शाहरुख़, शिवकुमार की अंत्येष्टि में ज़ाकिर की तस्वीरें, कुछ लोगों को क्यों चुभती हैं?
    14 May 2022
    “बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के अंत्येष्टि कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने गए हुए थे। ऐसे माहौल में जबकि सारी व्याख्याएँ व्यक्ति के धर्म के नज़रिए से की जा रही हैं, वैसे में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License