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इंदौर: भीड़ द्वारा पीटे गए मुस्लिम चूड़ी वाले पर ही दर्ज हुई FIR, सवालों में पुलिस
पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की की शिकायत पर अली के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) और भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Aug 2021
इंदौर: भीड़ द्वारा पीटे गए मुस्लिम चूड़ी वाले पर ही दर्ज हुई FIR, सवालों में पुलिस

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेच रहे 25 वर्षीय व्यक्ति को भीड़ द्वारा नाम पूछे जाने के बाद पीटे जाने पर मचे बवाल के बीच तब नया मोड़ आ गया, जब पुलिस ने सोमवार देर रात इस शख्स को 13 वर्षीय स्कूली छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न और दस्तावेजों की जालसाजी के आरोपों में हिरासत में लिया। हालाँकि कई लोग इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। इस मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी सरकार और प्रशासन को नोटिस दिया है। भोपाल से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार आरोपियों पर कार्रवाई न करने के लिए पुलिस पर दबाव बना रही है।

बाणगंगा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मूलतः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली (25) को कक्षा छह में पढ़ने वाली छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न तथा अन्य आरोपों में हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ जारी है।

अधिकारी के मुताबिक नाबालिग छात्रा ने बाणगंगा थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि रविवार दोपहर तस्लीम अली (25) अपना नाम "गोलू पिता मोहनसिंह" बताकर चूड़ियां बेचने उसके घर आया और उसने उसे "बहुत सुंदर" बताते हुए बुरी नीयत से उसके शरीर को छुआ।

अधिकारी ने बताया कि नाबालिग लड़की ने शिकायत में कहा है कि अली की इस हरकत पर उसने शोर मचाया जिसे सुन उसकी मां मौके पर पहुंची, तब चूड़ी विक्रेता उन्हें जान से मारने की कथित धमकी देकर भागने लगा, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया।

उन्होंने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि अली द्वारा जल्दबाजी में छोड़ दी गई थैली से दो आधार कार्ड मिले हैं और इनमें से एक में इसके धारक के नाम के रूप में "असलीम पिता मोर सिंह" दर्ज है, जबकि दूसरे आधार कार्ड में "तस्लीम पिता मोहर अली" दर्ज है।

अधिकारी ने बताया कि लड़की की शिकायत पर अली के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) और भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और अन्य प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने बताया कि अली के सामान में अलग-अलग नाम वाले दो आधार कार्ड के साथ जला हुआ मतदाता परिचय पत्र मिला है जिस पर धारक का नाम स्पष्ट नहीं है, लेकिन धारक के पिता के कॉलम में "मोहन सिंह" छपा दिखाई दे रहा है।

आपको बता दें इंदौर में जिस चूड़ी बेचने वाले की पिटाई हुई, उस पर 9 धाराओं में मुकदमा हुआ है। इनमें जालसाजी, POCSO जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।

चूड़ी वाले युवक को पीटने के आरोपियों के समर्थन में भीड़ का प्रदर्शन

इस बीच चूड़ी वाले मुस्लिम युवक की पिटाई करने वाले लोगों के समर्थन में इंदौर डीआईजी ऑफिस के सामने हिंदू चरमपंथी संगठनों के लोगों का प्रदर्शन भी शुरू हो गया है, जहां वे गिरफ्तार किये गए आरोपियों को छुड़ाने की मांग कर रहे हैं, इस संबंध में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट से जुड़े हुए नदीम खान ने एक वीडियो भी शेयर की है, जिसे आप नीचे देख सकते हैं:-

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने चूड़ी विक्रेता अली का 44 सेकेंड का वीडियो ट्विटर पर साझा किया है।

इस वीडियो में चूड़ी विक्रेता ने कहा, "मेरे गांव में बरसों पहले बने एक पहचान पत्र में मेरा बोल-चाल का नाम भूरा लिख दिया गया था, जबकि बाद में बनाए गए आधार कार्ड में मेरा नाम तसलीम अली लिखा गया। इनमें से कोई भी पहचान पत्र फर्जी नहीं है और ये दोनों असली हैं।"

अली की पिटाई के मामले के तूल पकड़ने के बीच राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सावन के पवित्र माह में इस शख्स द्वारा खुद को हिंदू बताकर महिलाओं को चूड़ियां बेचने से विवाद की शुरुआत हुई, जबकि वह अन्य समुदाय से ताल्लुक रखता है।

मिश्रा ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा, "गृह विभाग की रिपोर्ट है कि इंदौर में चूड़ी बेच रहे व्यक्ति (तस्लीम अली) ने स्वयं का हिंदू नाम रखा हुआ था, जबकि वह दूसरे समुदाय का है। उसके पास से इस तरह के दो (संदिग्ध) आधार कार्ड भी मिले हैं।"

गृह मंत्री के मुताबिक अली द्वारा सावन के पवित्र माह में अपना नाम कथित तौर पर बदलकर महिलाओं को चूड़ी बेचने को लेकर विवाद शुरू हुआ था और इस झगड़े से जुडे़ दोनों पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।

मिश्रा ने बताया कि अली की पिटाई के आरोप में भीड़ में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

घटना के वायरल वीडियो में भीड़ में शामिल लोग चूड़ी विक्रेता को पीटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि वह उनसे छोड़ देने का आग्रह कर रहा है। घटना के दूसरे वीडियो में चूड़ी विक्रेता को पीट रहा एक व्यक्ति उस पर महिलाओं से छेड़-छाड़ का आरोप लगाते हुए मौके पर मौजूद अन्य लोगों को उसकी पिटाई के लिए उकसा रहा है।

वीडियो में यह व्यक्ति गाली-गलौज करने के साथ चूड़ी विक्रेता को धमकाते हुए कहता सुनाई पड़ रहा है कि वह (चूड़ी विक्रेता) गोविंद नगर में आइंदा दिखाई नहीं देना चाहिए।

उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि लोगों ने उसके लिए सांप्रदायिक तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उससे 10,000 रुपये की नकदी, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही करीब 25,000 रुपये मूल्य की चूड़ियां छीन लीं।

अल्पसंख्यक आयोग ने चूड़ी विक्रेता की पिटाई मामले में प्रशासन से रिपोर्ट तलब की

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मध्य प्रदेश के इंदौर वाली घटना को लेकर सोमवार को जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया और विस्तृत रिपोर्ट तलब की।

आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के निर्देश पर इंदौर के जिला अधिकारी को जारी किये गए नोटिस में कहा गया है कि जिले में कई ‘सांप्रदायिक घटनाएं’ हुईं, जिनमें से यह एक है और ऐसा लगता है कि ऐसी घटनाओं से प्रशासन सही ढंग से नहीं निपट पाया है।

अल्पसंख्यक आयोग ने कहा, ‘‘सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। यह बताया जाए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं?’’

यह कोई पहला मौका नहीं है जब मुस्लिम विक्रेता के ख़िलाफ़ इस तरह का हमला हुआ हो। अभी हाल ही में हमने देखा था कि कैसे बजरंग दल से जुड़े लोगो ने मुस्लिम समुदाय से आने वाले मेहंदी लगाने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ा था।

कोरोना काल में तो पूरे देश में ही मुस्लिम सब्जी और फल वालों के खिलाफ माहौल बनाया गया। देश की राजधानी में सैकड़ो ऐसे मामले आए जहाँ मुस्लिम फल या सब्ज़ी वाले के साथ मारपीट हुई। कभी मेहँदी तो कभी चूड़ी के नाम पर मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। ये एक पैर्टन बनता जा रहा है जोकि देश के लिए ख़तरनाक है साथ ही पुलिस प्रशासन के सामने भी इसे रोकने की जिम्मेदारी है। 

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