NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने एशियानेट न्यूज, मीडिया वन पर लगाया गया प्रतिबंध हटाया
कांग्रेस और भाकपा ने चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए सरकार की कड़ी निंदा की थी और इस कार्रवाई को “मीडिया स्वतंत्रता पर हमला” बताया।
भाषा
07 Mar 2020
 एशियानेट न्यूज, मीडिया वन
साभार : नवभारत

दिल्ली : केंद्र सरकार ने मलयाली भाषा के दो समाचार चैनलों के प्रसारण पर शुक्रवार को लगाया गया 48 घंटे का प्रतिबंध हटा लिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

दरअसल यह प्रतिबंध ऐसी खबरें कथित तौर पर प्रसारित करने के लिए लगाया गया था जो देश में ‘‘सांप्रदायिक विद्वेष” को बढ़ा सकती हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एशियानेट न्यूज पर लगा प्रतिबंध देर रात डेढ़ बजे जबकि मीडिया वन पर लगी रोक को शनिवार की सुबह साढ़े नौ बजे हटा लिया गया।

सूत्रों ने बताया कि दोनों चैनलों ने मंत्रालय को पत्र लिखकर प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया था जिसके बाद रोक हटाई गई। 

दिल्ली में पिछले महीने हुए सांप्रदायिक दंगों पर दी गई खबरों को लेकर इन चैनलों के प्रसारण पर 48 घंटे की रोक लगाई गई थी।

आधिकारिक आदेशों में कहा गया कि इन चैनलों ने 25 फरवरी की घटनाओं की रिपोर्टिंग इस तरह से की जिसमें “उपासना स्थलों पर हमले का विशेष रूप से जिक्र किया गया और किसी खास धर्म का पक्ष लिया गया।”

मीडिया वन को लेकर दिए गए मंत्रालय के आदेश में कहा गया, “दिल्ली हिंसा पर चैनल की रिपोर्टिंग पक्षपातपूर्ण लगती है क्योंकि इसमें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों द्वारा की गई तोड़-फोड़ पर जानबूझकर सारा ध्यान केंद्रित किया गया।”

आदेश में कहा गया, “इसने आरएसएस पर भी सवाल उठाए और दिल्ली पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगाए। चैनल दिल्ली पुलिस और आरएसएस की आलोचना करने वाला प्रतीत हुआ।”

मंत्रालय ने देशभर में किसी भी प्लेटफार्म से एशियानेट न्यूज और मीडिया वन के प्रसारण एवं पुनर्प्रसारण पर छह मार्च (शुक्रवार) शाम साढ़े सात बजे से आठ मार्च (रविवार) शाम साढ़े सात बजे तक के लिए रोक लगा दी थी।

कांग्रेस और भाकपा ने चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए सरकार की कड़ी निंदा की थी और इस कार्रवाई को “मीडिया स्वतंत्रता पर हमला” बताया।

दोनों चैनलों को 28 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और उनके जवाब दाखिल करने के बाद मंत्रालय ने पाया कि उन्होंने केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) कानून, 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन किया है।     

कारण बताओ नोटिस के जवाब में मीडिया वन चैनल के प्रबंधन ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप “मनमाने एवं बेबुनियाद हैं।”

एशियानेट न्यूज की खबर पर आदेश में कहा गया कि ऐसी संवेदनशील घटना की रिपोर्टिंग करते वक्त चैनल को बहुत ख्याल रखना चाहिए था और इसकी रिपोर्ट संतुलित तरीके से देनी चाहिए थी।

चैनल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उनके द्वारा प्रसारित खबरें तथ्यों पर आधारित थी और उनकी मंशा शब्दों या भाव के जरिए कभी भी किसी धर्म या समुदाय पर निशाना साधने की नहीं थी। 

Asianet News
Media One
Information and Broadcasting Ministry
Congress
CPM
Indian media
BJP
Delhi riots
Delhi Violence
Communal riots

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License