NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
यौनकर्मियों को पहचान के सबूत के बिना ही सूखा राशन देने के निर्देश
कोरोना काल में यौनकर्मियों की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने यौनकर्मियों को पहचान का सबूत पेश करने के लिये बाध्य किये बगैर ही शुष्क राशन उपलब्ध कराएं।
भाषा
29 Sep 2020
सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा चिन्हित यौनकर्मियों को पहचान का सबूत पेश करने के लिये बाध्य किये बगैर ही शुष्क राशन उपलब्ध कराएं।

शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही सभी राज्यों को चार सप्ताह के भीतर इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। इन रिपोर्ट में यह विवरण होना चाहिए कि कितनी यौनकर्मियों को इस दौरान राशन दिया गया।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान यौनकर्मियों को वित्तीय सहायता दिये जाने के सवाल पर बाद में विचार किया जायेगा।

पीठ ने कहा कि राज्य यौनकर्मियों को शुष्क अनाज उपलब्ध करायेंगे और नाको तथा जिला और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से उनकी पहचान की जायेगी।

शीर्ष अदालत गैर सरकारी संगठन दरबार महिला समन्वय समिति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यौनकर्मियों की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी है। याचिका में देश में नौ लाख से भी ज्यादा यौनकर्मियों को राशन कार्ड और दूसरी सुविधायें उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया गया है।

पीठ ने सभी राज्यों से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिये भी कहा कि इन यौनकर्मियों को किस तरह से राशन कार्ड और दूसरी सुविधायें मुहैया करायी जा सकती हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस तथ्य को जानते हैं कि राज्य मदद के लिये आगे आ रहे हैं लेकिन समस्या यह है कि यौनकर्मियों के पास कोई पहचान का सबूत नहीं है। इसलिए सभी को राशन दिया जाना चाहिए। राज्यों को हमें बताना चाहिए कि इस पर अमल कैसे किया जाये।

केन्द्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि अगर राज्य यौनकर्मियों को सूखा अनाज देते हैं तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

शीर्ष अदालत ने पिछले सप्ताह यौनकर्मियों की समस्याओं का संज्ञान लेते हुये कहा था कि जनहित याचिका में उठाये गये मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

गैर सरकारी संगठन का कहना है कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना में 1.2 लाख यौनकर्मियों के बीच किये गये सर्वे से पता चला कि महामारी की वजह से इनमें से 96 फीसदी अपनी आमदनी का जरिया खो चुकी हैं।

याचिका में कहा गया है कि यौनकर्मियों को भी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा के साथ जीने का अधिकार है और उनकी समस्याओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यौनकर्मी सामाजिक लांछन के कारण अलग-थलग हैं और ऐसी स्थिति में उन्हें सहयोग की आवश्यकता है।

Coronavirus
COVID-19
Sex Workers
Supreme Court
Ration distribution

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License