NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
स्टैन स्वामी को 18 जून तक अस्पताल में भर्ती रखने का निर्देश
पीठ ने कहा कि स्वामी को 18 जून तक निजी अस्पताल में भर्ती रहने दिया जाए। अदालत ने मामले की सुनवाई 17 जून तक स्थगित कर दी। अदालत ने अस्पताल को सुनवाई की अगली तारीख पर सीलबंद लिफाफे में स्वामी की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Jun 2021
स्टैन स्वामी

बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिरवार को कहा कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार पादरी एवं कार्यकर्ता स्टैन स्वामी कोविड-19 से जूझ रहे हैं, लिहाजा उन्हें 18 जून तक मुंबई में स्थित अस्पताल में भर्ती रखा जाए।

स्वामी (84) ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगते हुए एक याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद उन्हें नवी मुंबई में स्थित तलोजा जेल से 28 मई को यहां होली फैमिली अस्पताल लाया गया था।

निजी अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। वह अक्टूबर 2020 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से तलोजा जेल में बंद हैं।

स्वामी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ को बताया कि स्वामी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे, लिहाजा उन्हें निजी अस्पताल में रखने की अवधि बढ़ाई जानी चाहिये।

पीठ ने कहा कि स्वामी को 18 जून तक निजी अस्पताल में भर्ती रहने दिया जाए। अदालत ने मामले की सुनवाई 17 जून तक स्थगित कर दी। अदालत ने अस्पताल को सुनवाई की अगली तारीख पर सीलबंद लिफाफे में स्वामी की स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

आपको बता दे बंबई उच्च न्यायालय ने  19 मई ,शुक्रवार को तलोजा जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह वयोवृद्ध फादर स्टेन स्वामी के इलाज और सुविधाओं के बारे में जेजे अस्पताल के दिये गये निर्देंशों का पालन करने को कहा था। फादर स्वामी भीमा कोरेगांव मामले में अभियुक्त हैं।

न्यायाधीश एसजे कठवाला और न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद की दो सदस्यीय अवकाश खंडपीठ ने खराब सेहत के आधार पर जमानत देने की फादर स्टेन स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था । हाई कोर्ट ने 19 मई को स्टेन स्वामी के स्वास्थ्य की जांच जेजे हॉस्पिटल से कराए जाने का आदेश दिया था।

भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए के अनुसार, 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच द्वारा आयोजित एल्गर परिषद के एक कार्यक्रम के दौरान आरोपियों ने भड़काऊ भाषण दिए।

गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं में जेल में बंद और जमानत से वंचित वकील सुधा भारद्वाज, कवि-कार्यकर्ता वरवारा राव, सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, अरुण परेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस, हनी बाबू, स्टेन स्वामी,  गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े  शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में एल्गार परिषद का सम्मेलन हुआ था। एनआईए का आरोप है कि इसी दौरान उकसाने वाले भाषण दिये गये थे, जिसके बाद हिंसा भड़की।

एनआईए अधिकारियों का दावा है कि जांच में यह स्थापित हुआ है कि स्वामी भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलिप्त थे।

जबकि भीमा कोरेगावं मामले में हाल ही में हुए खुलासे ने इसकी जाँच पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं।  इस खुलासे से ऐसा प्रतीत होता है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं को फ़साने की साज़िश हुई है।  एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका स्थित  एक डिजिटल फोरेंसिक फर्म ने पाया है कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच कर रही पुलिस द्वारा एक्टिविस्ट रोना विल्सन के एक लैपटॉप में मालवेयर का इस्तेमाल करते हुए "भड़काऊ" सुबूत डाले गए थे। अब इसी  मामले में  एल्गार परिषद के माओवादियों से संबंध के मामले में आरोपी और पिछले साल अक्टूबर से जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के सहकर्मी फादर सोलोमन ने मंगलवार को कहा कि स्वामी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से पूछताछ के दौरान कम से कम चार बार कहा था कि उनके कम्प्यूटर में झूठे सबूत डाले गए हैं।
कौन हैं फादर स्टेन स्वामी

स्टेन झारखंड के जाने–माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह बीते कई दशक से राज्य के आदिवासियों-वंचितों के लिए काम करते रहे हैं। मूल रूप से तमिलनाडु के रहनेवाले स्टेन शुरूआत में पादरी थे। बाद में आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई के क्रम में पादरी का काम छोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने संविधान के पांचवी अनुसूची के सही से काम न करने, पेसा कानून, वनाधिकार कानून को सही से लागू करवाने को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी।  

इसके साथ ही झारखंड के जेलों में बंद दस हजार से अधिक विचाराधीन कैदियों को लेकर सर्वे तैयार किया। फिर इसे लेकर कोर्ट गए। राज्यभर में हुए विस्थापनों के खिलाफ लगातार आंदोलन करते रहे। इनके ऊपर पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान भी मुकदमा दर्ज किया गया था।  

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Stan Swami
Bombay High Court

Related Stories

"पॉक्सो मामले में सबसे ज़रूरी यौन अपराध की मंशा, न कि ‘स्किन टू स्किन’ टच!"

क्रूज ड्रग्स पार्टी केस: बंबई उच्च न्यायालय ने आर्यन खान को दी जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब क्या करेंगे राज्यपाल कोश्यारी?

आज भी न्याय में देरी का मतलब न्याय न मिलना ही है

एल्गार परिषद मामले में पुणे के न्यायाधीश का क्षेत्राधिकार होने के कागजात पेश करिए :उच्च न्यायालय

फादर स्टेन स्वामी नहीं रहे, क्या कहें थैंक्यू मोदी जी!!

गुलशन कुमार हत्याकांड: अदालत ने निर्माता रमेश तौरानी को बरी करने का फैसला रखा बरकरार

फ़र्ज़ी टीकाकरण के मामलों में 'बड़ी मछली' को न छोड़ें: उच्च न्यायालय

एल्गार मामला: अदालत ने स्टेन स्वामी को अस्पताल में रखने की अवधि बढ़ाई

उच्च न्यायालय ने अमरावती से सांसद नवनीत राणा का जाति प्रमाणपत्र रद्द किया


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License