NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इंट्रा-अफ़ग़ान वार्ताकार भविष्य की वार्ता के लिए औपचारिक प्रक्रियाओं को तैयार करने को सहमत
12 सितंबर से चल रही शांति वार्ता के पहले मील के पत्थर ने व्यापक युद्धविराम समझौते की उम्मीद पैदा कर दी है। इससे देश में नागरिक और सैन्य संस्थानों के ख़िलाफ़ तालिबान के आक्रमण के समाप्त होने की संभावना है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Dec 2020
इंट्रा-अफ़ग़ान

देश में दशकों लंबे युद्ध के अंत की उम्मीद को बढ़ाते हुए अफगानिस्तान सरकार और तालिबान ने बुधवार दो दिसंबर को दोहा में चल रही वार्ता के दौरान भविष्य की वार्ता के लिए प्रक्रियात्मक नियमों को तैयार करने पर सहमति व्यक्त की। यह दोनों गुटों के बीच व्यापक संघर्षविराम पर वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

देश में युद्ध को समाप्त करने के लिए इंट्रा-अफगान वार्ता के एक क्रम के रुप में तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधिमंडल सितंबर से कतर की राजधानी दोहा में बैठक कर रहे हैं। ये युद्ध 2001 में इस देश में अमेरिका के नेतृत्व में हमले के बाद शुरू हुआ था। दोनों पक्षों के "संपर्क समूह" अब तक पांच बार मुलाकात कर चुके हैं और भविष्य की वार्ता की प्रक्रियाओं की सहमति के लिए बुधवार का फैसला जारी वार्ता की पहली बड़ी उपलब्धि है।

वार्ताकारों की सरकार की टीम के एक सदस्य नादर नादेरी ने मीडिया से कहा कि दोनों पक्षों ने एक कार्यसमिति बनाई है जो भविष्य में बातचीत के लिए तय किए जाने वाले विषयों पर निर्णय करेगी।

नादेरी ने कहा कि, "दोनों पक्षों के बीच मौजूदा बातचीत से पता चलता है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति हासिल करने की इच्छा है और दोनों पक्ष अफगानिस्तान में एक स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए अपने गंभीर प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं"। टोलो न्यूज ने ये रिपोर्ट प्रकाशित किया।

इस फैसले का स्वागत करते हुए रिकॉन्सिलिएशन काउंसिल के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि यह "प्रारंभिक बड़ा कदम" है और उन्होंने सभी प्रतिभागियों और मेजबान कतर को इसके लिए धन्यवाद दिया। तालिबान की टीम ने भी बाद में एक ट्वीट में इस फैसले की पुष्टि की।

इंट्रा-अफगान वार्ता तालिबान और अमेरिका के बीच शांति समझौते से पहले हुई है जिसे फरवरी में अंतिम रूप दिया गया था। इस शांति समझौते के अनुसार, अमेरिकी सेनाएं इंट्रा-अफगान वार्ता की प्रगति के आधार पर देश से वापस होंगी।

जारी वार्ता के बावजूद, तालिबान ने सरकारी सैनिकों और नागरिकों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना रखा जिसमें सैकड़ों लोगों की हत्या हुई है। व्यापक युद्ध विराम की संभावना ने इन हमलों का समाप्ति और अधिक जटिल राजनीतिक पहलुओं पर बातचीत फिर से शुरू होने की उम्मीद पैदा की है।

Afghanistan
Intra-Afghan
intra-Afghan talks
TALIBAN

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

पाकिस्तान-तालिबान संबंधों में खटास

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License