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पड़ताल: कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के दावे भ्रामक
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में ज्यादा नागरिकों को बचाया है। ये काफी भ्रामक टिप्पणी है। क्योंकि प्रधानमंत्री कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे कि वो किसे “बचाया हुआ” मान रहे हैं। क्या उन लोगों की बात कर रहे हैं जो संक्रमित हुए लेकिन रिकवर हो गये या उन तमाम लोगों की बात कर रहे हैं जो आज ज़िंदा है।
राज कुमार
15 Aug 2021
पड़ताल: कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के दावे भ्रामक

आज 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल क़िले की प्राचीर से भाषण दिया। वैसे तो आप हर रोज ही प्रधानमंत्री को कहीं ना कहीं बोलते हुए देखते और सुनते होंगे। लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल क़िले से दिया गया भाषण विशेष होता है। इसका विशेष महत्व और गरिमा होती है। अगर इस मौके पर लाल क़िले से प्रधानमंत्री द्वारा ऐसे गलत दावे किये जाएं जो तथ्यों के कहीं आस-पास भी नहीं फटकते, तो ये काफी चिंताजनक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या गलत दावा किया है? क्या है मामला? आइये, समझते है।

प्रधानमंत्री का दावा

प्रधानमंत्री ने लाल क़िले से बोलते हुए अपने भाषण के शुरुआती समय में कोरोना के बारे में बात की। उन्होंने कहा-

“...ये बात सही है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कम लोग संक्रमित हुए हैं। ये भी सही है कि दुनिया के देशों की जनसंख्या की तुलना में भारत में हम अधिकतम मात्रा में हमारे नागरिकों को बचा सके हैं...। ”

प्रधानमंत्री के भाषण के इस अंश को आप 11:22 टाइमकोड पर इस वीडियो में देख और सुन सकते हैं। इस टिप्पणी में प्रधानमंत्री दो दावे कर रहे हैं।

1.     अन्य देशों की तुलना में भारत में कम लोग संक्रमित हुए हैं।

2.     भारत ने अन्य देशों की तुलना में ज्यदा नागरिकों को बचाया है।

आइये, अब इन दोनों दावों की पड़ताल करते हैं।

क्या अन्य देशों की तुलना में भारत में कम लोग संक्रमित हुए हैं?

इस दावे की सच्चाई को जानने के लिए हमें दुनिया के अन्य देशों में कोरोना के संक्रमण के आंकड़े देखने होंगे और भारत से उसकी तुलना करनी होगी। दुनिया के विभिन्न देशों के कोरोना से संबंधित आंकड़े worldometer पर संग्रहित किए जाते हैं। जहां जाकर आप अलग-अलग देशों की स्थिति जान सकते हैं। इस वेबसाइट के अनुसार कोरोना संक्रमण के मामले में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है। वेबसाइट के अनुसार भारत में अब तक कोरोना के 3,21,92,576 केस दर्ज़ किए गए हैं। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। मतलब भारत में अन्य देशों की तुलना में कम संक्रमण नहीं है बल्कि अमेरिका को छोड़कर विश्व के अन्य सभी देशों से ज्यादा संक्रमण भारत में है।

आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी का दावा गलत है कि भारत में अन्य देशों की तुलना में कम लोग संक्रमित हुए हैं। worldometer पर 222 देशों के आंकड़े हैं जिसमें भारत 220 देशों से ऊपर है।

हालांकि प्रधानमंत्री ने भाषण में इस संदर्भ में कहीं रेखांकित नहीं किया है कि वो प्रति दस लाख जनसंख्या पर संक्रमण की बात कर रहे हैं। लेकिन अगर इस हिसाब से भी तथ्यों को जांचें तो पता चलता है कि भारत में प्रति दस लाख जनसंख्या पर संक्रमण की दर 23,074 है और भारत में विश्व में 117वें स्थान पर है।

क्या भारत ने अन्य देशों की तुलना में ज्यादा नागरिकों को बचाया है?

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में ज्यादा नागरिकों को बचाया है। ये काफी भ्रामक टिप्पणी है। क्योंकि प्रधानमंत्री कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे कि वो किसे “बचाया हुआ” मान रहे हैं। क्या उन लोगों की बात कर रहे हैं जो संक्रमित हुए लेकिन रिकवर हो गये या उन तमाम लोगों की बात कर रहे हैं जो आज ज़िंदा है। प्रधानमंत्री की टिप्पणी में एक चालाकी और झोल है। इस तरह की टिप्पणी करके प्रधानमंत्री एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं। वो कोरोना वारियर बनकर श्रेय भी लेना चाहते हैं और कोई ठोस और स्पष्ट तथ्य ना देकर ज़िम्मेदरी से भी बचना चाहते हैं। बस माहौल बनाते हैं।

बचाए गए लोगों बारे प्रधानमंत्री की टिप्पणी भ्रामक है। इसके तथ्यों की पड़ताल करना मुश्किल है क्योंकि ये टिप्पणी सिर्फ हवाबाज़ी है। लेकिन कोरोना से कितनी मौत हुई हैं ये आंकड़ा मौजूद है। कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में हम विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। भारत में अब तक कोरोना से 4,31,253 लोगों की जान गई है। गौरतलब है कि कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े के संदर्भ में सरकार पर गंभीर सवाल उठे हैं और आरोप है कि सरकार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छुपा रही है। तो कोरोना से मौत का ये आंकड़ा कई गुणा अधिक हो सकता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल क़िले से कोरोना संबंधी किये गए दावे गलत और भ्रामक है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। वे सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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COVID-19
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