NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ईरान : 11 वीं संसदीय चुनाव के लिए प्रचार अपने अंतिम चरण में
ये चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब ईरान की सरकार अमेरिका की राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है।
पीपल्स डिस्पैच
17 Feb 2020
Iran

21 फरवरी को मजलिस कहे जाने वाले ईरान की संसद के लिए पहले चरण के चुनाव के लिए केवल चार दिन बचे हैं। इस चरण का प्रचार 13 फरवरी को शुरू हुआ। विजेताओं की अंतिम सूची तय करने के लिए दूसरा चरण मई में होगा।

290 सीटों वाले ईरान की संसद के लिए 7000 से ज़्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। मूल रूप से 16000 आवेदक थे। इनमें से अधिकांश आवेदकों को गार्डियन काउंसिल द्वारा चुनाव लड़ने के लिए अस्वीकृत कर दिया गया था। ईरान में 12 सदस्यों वाला ये काउंसिल सर्वोच्च निकाय है। इनमें से 6 सदस्य इस्लाम के विद्वान या फ़क़ीह  हैं जिन्हें सर्वोच्च नेता द्वारा नियुक्त किया जाता है और अन्य 6 न्यायविद संसद द्वारा चुने जाते हैं।

गार्डियन काउंसिल राष्ट्रपति चुनावों के लिए उम्मीदवारों की जांच करती है और संसद द्वारा पारित क़ानूनों की निगरानी करती है।

ईरान की संसद के लिए वर्तमान चुनाव गंभीर आर्थिक प्रतिबंधों के बीच हो रहे हैं जिसके चलते हसन रूहानी के नेतृत्व वाली सरकार ने बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं का लाभ देने में संघर्ष किया है। इन प्रतिबंधों और अमेरिका की अगुवाई में राजनयिक और राजनीतिक हमलों, विशेष रूप से 3 जनवरी को एक ड्रोन हमले में जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या, ने इन चुनावों में रूढ़िवादी खेमों को मजबूत किया है जबकि उदार खेमों को अलग-थलग कर दिया है।

ईरान की संसद में सुधारवादी और उदारपंथी शक्तियां देश में सामाजिक सुधारों की मुखर समर्थक रही हैं और पश्चिमी देशों के साथ अधिक राजनैतिक और कूटनीतिक मामलों को लेकर भी अगुवा रही है।

पिछली संसद में सुधारवादी और उदारपंथी सांसदों की पर्याप्त संख्या थी। हालांकि, गार्डियन काउंसिल द्वारा इन चुनावों से लगभग 90 मौजूदा सांसदों को अयोग्य घोषित किया गया है।

ईरान की संसद के लिए निर्वाचन क्षेत्रों को एकल और बहु-सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जबकि राजधानी तेहरान में सबसे अधिक सीटें हैं। ईरान में 31 प्रांत है।

ईरान की संसद में 5 सीट अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं (यहूदियों के लिए एक, जोरास्ट्रियन के लिए एक, अर्मेनियाई के लिए दो और चाल्डीन और असीरियन के लिए 1 साझा सीट)।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

IRAN
Iran Election
Parliamentary elections
America

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

विज्ञापन में फ़ायदा पहुंचाने का एल्गोरिदम : फ़ेसबुक ने विपक्षियों की तुलना में "बीजेपी से लिए कम पैसे"  

फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License