NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ईरान ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की
सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की अध्यक्षता वाली गार्जियन काउंसिल ने देश के कन्ज़र्वेटिव समूहों के वर्चस्व वाले सात उम्मीदवारों की सूची को मंज़ूरी दी।
पीपल्स डिस्पैच
26 May 2021
ईरान ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की


मंगलवार 25 मई को ईरान के आंतरिक मंत्रालय ने देश में 18 जून को होने वाले आगामी 13वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी। इस सूची में देश की संवैधानिक गार्डियन काउंसिल द्वारा अनुमोदित सात नाम हैं।

सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की अध्यक्षता वाले 12 सदस्यीय गार्डियन काउंसिल ने मौजूदा प्रथम उप राष्ट्रपति इशाक जहांगीरी, पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और सर्वोच्च नेता के वर्तमान सलाहकार और संसद के पूर्व अध्यक्ष अली लारिजानी सहित 585 अन्य नामांकन खारिज कर दिए।

इन सात उम्मीदवारों में सईद जलीली, सैय्यद एब्राहिम रइसी, मोहसिन रेजई, अलीरज़ा ज़कानी, सैय्यद अमीर हुसैन, गाज़ीज़ादेह-हाशमी, अब्दोलनासिर हेम्मती और मोहसेन मेहर अलीज़ादेह शामिल हैं।

ईरान की न्यायपालिका के प्रमुख सैय्यद इब्राहिम रईसी को इस चुनावों में सबसे आगे माना जाता है। वह ईरानी राजनीति में कन्जर्वेटिव "प्रिंसिपलिस्ट कैंप" से संबंधित हैं। अब्दोलनासिर हेम्मती जो वर्तमान में ईरानी सेंट्रल बैंक के प्रमुख हैं उनको आगामी चुनावों में मुख्य सुधारवादी उम्मीदवार माना जाता है। सैय्यद मोहम्मद खतामी (1997-2005) के राष्ट्रपति के कार्यकाल में उप राष्ट्रपति रहे मोहसिन मेहर अलीज़ादेह एक अन्य प्रमुख सुधारवादी उम्मीदवार हैं।

अधिकांश अन्य स्वीकृत उम्मीदवार कन्जर्वेटिव कैंप से संबंधित हैं। इस कैंप ने इन चुनावों में पॉपुलर इंटेरेस्ट में संभावित गिरावट की अटकलें लगाई हैं।

रईसी और मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी दोनों ने सुधारवादी खेमे से प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता व्यक्त की थी और सूची को अंतिम रूप देने से पहले गार्डियन काउंसिल से आग्रह किया था कि चुनाव को और अधिक "प्रतिस्पर्धी" बनाने के लिए और अधिक उम्मीदवारों को अनुमति दी जाए।

एक विवादास्पद निर्णय में गार्डियन काउंसिल ने उम्मीदवारों के लिए योग्यता में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की थी जिसके कारण अधिकांश सुधारवादी उम्मीदवार अयोग्यता हो गए थें। आपराधिक रिकॉर्ड की कमी सहित इन परिवर्तनों में कम से कम चार साल का कार्यकारी नेतृत्व अनुभव शामिल है। नए नियमों के अनुसार केवल 40 से 75 वर्ष के बीच की आयु के लोग ही चुनाव लड़ने के पात्र हैं।

स्वीकृत उम्मीदवारों के अब अपना चुनाव प्रचार शुरू करने की उम्मीद है। ये प्रचार 16 जून तक चलेगा। अंतिम मतदान 18 जून को होगा।


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 
    24 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में 20 फ़ीसदी से ज़्यादा की कमी आयी है, लेकिन पिछले एक सप्ताह के भीतर स्ट्रेन BA.4 और BA.5 के दो-दो मामले सामने आ चुके है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?
    24 May 2022
    डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’ से रविवार को सम्मानित किया। यूनियन ने अंतरष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलने पर ख़ुशी जताई तो वही केंद्र सरकार पर शोषण का आरोप…
  • भाषा
    बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा
    24 May 2022
    पंजाब में साहिबजादा अजित सिंह नगर (एसएएस नगर) के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मनप्रीत सिंह की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और बग्गा को नोटिस जारी किया है। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    CSTO को यूक्रेन युद्ध में शामिल नहीं किया जाएगा
    24 May 2022
    मध्य एशिया के किसी भी नेता ने सार्वजनिक रूप से नहीं क़बूला है कि यूक्रेन युद्ध के बारे में सीएसटीओ कोई तत्काल चिंता का विषय है।
  • एस.के. पांडे
    किसकी मीडिया आज़ादी?  किसका मीडिया फ़रमान?
    24 May 2022
    जिस तरह भारत प्रेस की आज़ादी की रैंकिंग में फ़िसलता जा रहा है, वैसे में डराने-धमकाने और अधिकारों के हनन के बढ़ते मामलों के साथ मीडिया की आज़ादी के साथ-साथ यूनियनों के गठन की स्वतंत्रता को बचाने की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License