NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
विरोध के बीच अमेरिका ने ईरान के छात्र को निर्वासित किया
एक साल के भीतर ईरानी छात्र हुसैन अबादी सहित दस लोगों को निर्वासित किया गया। आलोचकों का मानना है कि यह क़दम ट्रम्प सरकार के जेनोफोबिक और आप्रवासी विरोधी दृष्टिकोण को उजागर करता है
पीपल्स डिस्पैच
23 Jan 2020
Iranian Student

अमेरिकी अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 21 जनवरी यानी सोमवार को एक ईरानी छात्र को निर्वासित कर दिया। छात्र मोहम्मद शहाब देहगानी हुसैन अबादी (24) को नॉर्थ ईस्ट यूनिवर्सिटी में दाखिला दिया गया था और उन्हें एक सप्ताह पहले ही अमेरिकी छात्र का वीजा दिया गया था। यूएस के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि अबादी के परिवार के कुछ सदस्य का संबंध हिजबुल्लाह से हैं जिसे अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन माना गया है। अंतिम रुप से निर्वासित होने से पहले हवाई अड्डे पर अबादी को लगभग 12 घंटे तक हिरासत में रखा गया।

उनके निर्वासन की खबर से लोगान हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल पर विरोध हुआ। अबादी ने हिज़बुल्लाह के साथ अपने परिवार के संबंधों के आरोपों से इनकार किया है। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) ने उनके निर्वासन को रोकने के लिए एक अमेरिकी ज़िला अदालत में याचिका दायर की थी। अल जज़ीरा ने एसीएलयू के मैसाचुसेट्स के कार्यकारी निदेशक कैरोल रोज़ के हवाले से बताया कि "एक संघीय अदालत के आदेश को धता बताकर बिना प्रक्रिया के अबादी को निर्वासित कर दिया गया।"

हुसैन अबादी का निर्वासन कोई अकेली घटना नहीं है। एसीएलयू के अनुसार, अगस्त 2019 के बाद यह दसवां निर्वासन था और ट्रम्प प्रशासन द्वारा अपनाई गई ज़ेनोफोबिक नीतियों का खुलासा करता है। इस तरह के निर्वासन ईरान को लेकर ट्रम्प के पाखंडी रुख को भी उजागर करते हैं। इस महीने की शुरूआत में यूक्रेन की हवाई जहाज़ को गिराए जाने के ख़िलाफ़ विरोध के दौरान ईरान सरकार के ख़िलाफ़ ईरान के लोगों के रक्षक के रुप में खुद को पेश करना की कोशिश की है। उन्होंने हाल ही में देश में कथित सरकारी दमन के बारे में फ़ारसी में ट्वीट किया था और अपनी चिंताओं को व्यक्त किया था।

2017 में सत्ता में आने के बाद से ट्रम्प की सरकार ने ईरान सहित सात देशों के प्रवासियों को रोकने की कोशिश की है। वार्षिक विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे ट्रम्प ने दावोस में प्रेस से बात करते हुए अवांछित प्रवासियों की सूची का और विस्तार करने के लिए अपने प्रशासन की योजना व्यक्त की। उनकी सरकार ने लैटिन अमेरिकी देशों से अमेरिका में प्रवास करने वाले लोगों को रोकने की कोशिश भी की है और दशकों से अमेरिका में रह रहे तथाकथित "अवैध अप्रवासी" कहे जाने वाले लोगों को जबरन निर्वासित करने की कोशिश की है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

IRAN
Iranian Student
America
Iran-US
Donand Trump
migrants

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान पर विएना वार्ता गंभीर मोड़ पर 


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License