NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इराक़ : नई सरकार के लुभावने वादों के बावजूद फिर शुरू हुआ विरोध
इराक़ की राजधानी बग़दाद सहित दक्षिणी इराक़ के विभिन्न शहरों में लोग सड़कों पर आ गए। सबसे गंभीर घटना तब हुई जब एक राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में आग लगा दी गई।
पीपल्स डिस्पैच
11 May 2020
इराक़

रविवार 10 मई को इराक़ में सरकार विरोधी प्रदर्शन नए सिरे से फिर से शुरू हो गए। इराक़ में नई सरकार बनने और नए प्रधानमंत्री मुस्तफ़ा अल-क़दीमी के चुने जाने के कुछ दिन बाद ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए हैं। यह विरोध प्रदर्शन देश के दक्षिणी हिस्से के शहरों जैसे बग़दाद, बाबेल, वासित, नासिरिया और अन्य में हुए हैं।

राजधानी बग़दाद में प्रदर्शनकारी तहरीर स्क्वायर पर जमा हुए थे। हालांकि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए एक जगह पर इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। लोगों ने शहर को ग्रीन ज़ोन से जोड़ने वाले अल-जम्हूरीया पुल पर खड़े सुरक्षा बलों पर पत्थरबाज़ी भी की। प्रदर्शनकारियों ने नई सरकार को पुरानी भ्रष्ट सरकार जैसा ही बताते हुए कहा कि यह सरकार भी पिछली सरकार की तरह ही भ्रष्ट और नाकाम राजनीतिक बिज़नेस एलीट का हिस्सा है, जिसकी वजह से देश में ग़रीबी, बेरोज़गारी, अस्त व्यस्तता फैली है और इसी की वजह से मौजूद समय में आम नागरिक आर्थिक तौर पर बेहद कमज़ोर हो गया है।

प्रदर्शनकारियों ने उन मांगों को भी दोहराया जो अक्टूबर 2019 के प्रदर्शन की मांगें थीं। इनमें जल्दी चुनाव, नया वोटिंग क़ानून, देश के राजनीतिक सिस्टम में बदलाव, मौजूदा सत्ता का पतन जैसी मांगें शामिल थीं। इसके साथ ही उन्होंने 1 अक्टूबर यानी सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक 600 प्रदर्शनकारियों की हत्या के लिए सुरक्षा बलों की ज़िम्मेदारी और जवाबदेही तय करने की भी मांग की।

दक्षिणी शहर वासित में ग़ुस्साये प्रदर्शनकारियों ने बद्र आर्गेनाइजेशन पार्टी के मुख्यालय में आग लगा दी, और एक अन्य राजनीतिक दल के एमपी के भी घर को आग लगा दी गई।

हालांकि नए प्रधानमंत्री अल-कदीमी ने शनिवार, 9 मई को कुछ मिलाप उपायों का ऐलान किया था, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी उपायों की घोषणा की गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों की हत्या की पूरी जांच करने और जेल में बंद लोगों को रिहा करने सहित कई उपायों की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री ने संसद से नए चुनावों के लिए जरूरी नए मतदान कानून को अपनाने का भी आह्वान किया, जो प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग थी। एक अन्य प्रमुख कदम में, उन्होंने जनरल अब्दुलवहाब अल-सादी को इराक़ की एलीट काउंटर टेररिज्म सर्विस के प्रमुख के रूप में बहाल किया और पदोन्नत किया। यह प्रदर्शनकारियों के बीच एक लोकप्रिय मिलिट्री चेहरा हैं

अल-कदीमी ने सभी राज्य के खर्चों को रोकने के लिए पिछली सरकार के फैसले को भी रद्द करने की घोषणा की, जिसमें सिविल सेवकों के लिए वेतन और पेंशन भुगतान भी शामिल है, यह कहते हुए कि अगले कुछ दिनों में पेंशन का भुगतान किया जाना शुरू हो जाएगा, यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय है जो हर 5 इराक़ी नागरिक में से एक को प्रभावित करेगा।

इसके बावजूद, कुछ प्रदर्शनकारियों ने अल-जज़ीरा से कहा है कि अल-कदीमी के पास ख़ुद को साबित करने के लिए केवल 10 दिन हैं, और अगर वह अपनी मांगों को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उनका विरोध तेज़ हो जाएगा।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Iraq
Mustafa al-Qadimi
Protest in Iraq
International news

Related Stories

बढ़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ इराक़ में विरोध प्रदर्शन, प्रमुख तेल रिफ़ाइनरी बंद

इराक़ः विरोध की सालगिरह के मौक़े पर हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे

ज़िम्बाब्वेः शिक्षकों ने राष्ट्रपति की धमकी की नज़रअंदाज़ करते हुए तीसरे सप्ताह में विरोध प्रदर्शन जारी रखा

दक्षिण अफ़्रीका : सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियनों की ऐतिहासिक हड़ताल

किर्गिस्तानः संसदीय चुनाव के दौरान वोट ख़रीदने के आरोपों के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू

तुम ज़मीं पे ‘ज़ुल्म’ लिखो, आसमान में 'इंक़लाब' लिखा जाएगा

जामिया में फिर चली गोली, सफ़ाईकर्मी की मौत और अन्य ख़बरें

अमेरिकी सैनिकों की वापसी की मांग को लेकर इराक में भारी विरोध प्रदर्शन

इराक में किसी ‘दबंग इंसान’ की वापसी की साज़िश रच रहा है अमेरिका

कैट्स कर्मचारियोें का अनशन, सरकार को मिली आरबीआई से  बड़ी राशि और अन्य 


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License