NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इराक़ : जनता ने सुलेमानी और अल-मुहंदिस हत्या की बरसी पर अमेरिकी सैनिकों की वापसी की मांग की
प्रदर्शनकारियों ने हवाई अड्डे तक मार्च किया जहां पिछले साल 3 जनवरी को अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में क़ासिम और मुहंदिस मारे गए थे। ये प्रदर्शनकारी बाद में तहरीर चौक पर इकट्ठा हुए।
पीपल्स डिस्पैच
04 Jan 2021
इराक़ : जनता ने सुलेमानी और अल-मुहंदिस हत्या की बरसी पर अमेरिकी सैनिकों की वापसी की मांग की

ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलेमानी और इराकी कमांडर अबू महदी अल-मुहंदिस की बरसी के मौके पर रविवार 3 जनवरी को हज़ारों इराकी देश से सभी विदेशी सैनिकों की वापसी की मांग करते हुए बगदाद की सड़कों पर उतरे।

3 जनवरी 2020 को अमेरिकियों द्वारा बगदाद हवाई अड्डे के पास ड्रोन हमले में आठ अन्य लोगों के साथ इराक के हाशद अल-शबी (पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्स) मिलिशिया महदी अल-मुहंदिस और ईरानियन रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी गई थी।

सुलेमानी और मुहंदिस दोनों ने इराक में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व प्रदान किया था।

सुलेमानी और मुहंदिस की हत्या ने इस क्षेत्र को युद्ध के कगार पर खड़ा कर दिया था। ईरान ने इस हत्या का जवाब देने का संकल्प लिया था और इराक में एक सैन्य अड्डे पर कुछ मिसाइलें दागी थीं जहां पिछले साल 8 जनवरी को अमेरिकी सैनिक तैनात थे। बाद में इराकी संसद ने देश से सभी विदेशी सैनिकों की वापसी मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।

सुलेमानी की हत्या से पहले इराक में अमेरिका के 5000 से अधिक सैनिक थे। इसने पिछले कुछ महीनों में धीरे-धीरे कुछ सैनिकों को वापस ले लिया है और 20 जनवरी तक ट्रम्प के कार्यकाल के समाप्त होने से पहले 500 अतिरिक्त सैनिकों को वापस लेने की योजना है जिससे इस देश में अमेरिकी सैनिकों की संख्या को 2,500 तक रह जाएगी।

रविवार की सुबह प्रदर्शनकारियों ने हवाईअड्डे की ओर जाने वाले राजमार्ग पर मार्च किया और बाद में बगदाद के तहरीर स्क्वॉयर पर इकट्ठा हुए। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बैनर लिए हुए थे जिस पर इस हत्या के लिए जिम्मेदार को सजा देने की मांग की गई थी और साथ देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की मांग की गई थी। ईरान में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए गए।

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बीच इस बरसी को मनाया गया। हाल के दिनों में फारस की खाड़ी क्षेत्र में युद्धपोतों और बी -52 बमवर्षक की अमेरिका की तैनाती ने युद्ध के कई आशंकाओं को जन्म दिया है। कुछ दिनों पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने इराक में अपने दूतावास पर मिसाइल हमलों में किसी भी अमेरिकी के मारे जाने पर युद्ध शुरू करने की धमकी दी थी। अमेरिकी ने ईरान को अपने दूतावास पर हमलों के लिए दोषी ठहराया था जो ज्यादातर इराक में मिलिशिया द्वारा दावा किया गया था। ईरान ने इस तरह के हमलों में शामिल होने से इनकार किया है।

IRAN
Iraq
General Qasem Soleimani
Abu Mahdi
America
ISIS

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान पर विएना वार्ता गंभीर मोड़ पर 

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License