NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
अल-अक्सा मस्जिद के पास फ़िलिस्तीनियों के इकट्ठा होने पर लगे प्रतिबंध हटाने पर सहमत इज़रायल
वीकेंड में इज़रायली सैनिकों के हमले के बावजूद और फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ जारी हिंसा के ख़िलाफ़ पुराने शहर में सैकड़ों लोगों ने रैली निकाली।
पीपल्स डिस्पैच
26 Apr 2021
अल-अक्सा मस्जिद के पास फ़िलिस्तीनियों के इकट्ठा होने पर लगे प्रतिबंध हटाने पर सहमत इज़रायल

इस खबर के दौरान कि इजरायल ने रमजान की नमाज के बाद अल-अक्सा मस्जिद के पास पुराने शहर के दमिश्क गेट पर इकट्ठा होने के लिए फिलिस्तीनियों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने पर सहमति व्यक्त की है उधर कब्जे वाले येरुशेलम में फिलिस्तीनियों के खिलाफ एक हफ्ते से अधिक समय से चल रही हिंसा रविवार 25 अप्रैल को जारी रही।

अल-अक्सा मस्जिद के पास दमिश्क गेट रमजान के दौरान फिलिस्तीनियों के इकट्ठा होने का एक लोकप्रिय स्थल रहा है। हजारों फिलिस्तीनी अति-दक्षिणपंथी और वर्चस्ववादी जियोनिस्ट समूहों द्वारा हिंसा और रैली के दौरान प्रतिबंधों का विरोध करते आ रहे थे जिन्हें अक्सर कब्जे वाले सैनिकों द्वारा मदद किया जाता था।

रमजान की शुरुआत में ये प्रतिबंध लगाए गए थे। इजरायली पुलिस द्वारा प्रतिबंध हटाने की घोषणा के बाद हजारों फिलिस्तीनियों और शांतिप्रिय इजरायली वासियों ने शहर के मध्य भाग में नस्लवाद और हिंसा के खिलाफ रैली निकाली।

लेहावा जैसे अति-दक्षिणपंथी जियोनिस्ट समूहों ने पिछले सप्ताह में सुरक्षा बलों की निगरानी में फिलिस्तीनियों के खिलाफ रैली निकाली और "अरब मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाए। गुरुवार 22 अप्रैल को जब फिलिस्तीनी इन रैलियों का विरोध कर रहे थे तो सुरक्षा बलों ने फिलिस्तीनियों पर वाटर केनन और स्टन ग्रेनेड से हमला किया जिससे 100 से अधिक लोग घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों को उस समय गिरफ्तार किया जब इजरायली दक्षिणपंथियों ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा करते हुए उनके घरों और उनके कार्यस्थलों और सड़कों पर हमला किया।

इस बीच, खबर है कि हमास ने येरूशलेम में अतिदक्षिणपंथियों के हिंसा की प्रतिक्रिया में इजरायल के भीतर कई रॉकेट दागे। इसकी प्रतिक्रिया में इज़रायली अधिकारियों ने सोमवार से गाजा के मछली पकड़ने के क्षेत्र को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की। मत्स्य पालन गाजा में आजीविका के मुख्य स्रोतों में से एक है जो साल 2006 के बाद से इज़रायल के जमीनी, हवाई और समुद्री नाकेबंदी से जूझ रहा है।

इज़रायली सेना ने रविवार को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में नबलुस में प्रदर्शनकारियों पर उस समय गोलीबारी की जब वे येरूशलेम में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। अल-लुब्बान अश-शरकिया नाम के इस गांव में कम से कम तीन फिलिस्तीनियों को गोलियां लगी। इजरायली सेना ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, स्टन ग्रेनेड और जिंदा गोलियां चलाईं। रविवार को कब्जे वाले क्षेत्रों के विभिन्न हिस्सों से इस हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की इसी तरह की घटनाएं सामने आईं।

Palestine
Israel

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License