NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
जारी प्रदर्शन के बीच इज़रायल व पीए सुरक्षा बलों ने मानवाधिकार वकीलों और एक्टिविस्टों को गिरफ़्तार किया
पिछले सप्ताहों में प्रदर्शनकारियों पर जिस तरह की हिंसा की गई थी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा कड़ी निंदा के बाद वैसी हिंसा इस वीकेंड नहीं की गई।
पीपल्स डिस्पैच
05 Jul 2021
जारी प्रदर्शन के बीच इज़रायल व पीए सुरक्षा बलों ने मानवाधिकार वकीलों और एक्टिविस्टों को गिरफ़्तार किया

इजरायली और फिलिस्तीनी प्राधिकरण सुरक्षा बलों ने रविवार 4 जुलाई को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार वकीलों की श्रृंखलाबद्ध तरीके से गिरफ्तारी की। ये गिरफ्तारी पीए-विरोधी विरोध में उनके शामिल होने को लेकर की गई थी। जाने-माने पीए विरोधी कार्यकर्ता निज़ार बनात की हिरासत में हत्या / मौत के खिलाफ पिछले कुछ हफ्तों से कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशेलम के आसपास ये विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।

इस बीच, फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के इस्तीफे की मांग के साथ-साथ पीए से इजरायल के साथ अपनी सुरक्षा और खुफिया कोऑर्डिनेशन को समाप्त करने का आग्रह करने वाले प्रदर्शनकारियों का वीकेंड में पीए विरोधी विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

रिपोर्टों के अनुसार, वकील फरीद अल-अतरश को रविवार को अबू दिस में इजरायली अल-कंटेनर चेकपॉइंट पर उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे रामल्ला शहर में पीए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद बेथलहम शहर लौट रहे थे। अल-अतरश के मित्र और साथी फ़िलिस्तीनी कार्यकर्ता इस्सा अमरो ने बाद में कहा कि अतरश को अस्पताल ले जाया गया और बाद में पीए द्वारा रिहा कर दिया गया। अल-अतरश को पीए द्वारा उनकी रिहाई के तुरंत बाद इज़रायली अधिकारियों द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया था।

उसी दिन, पीए सुरक्षा बलों ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं जिहाद अब्दो, सलेम क़ताश और इज्जेदीन जौल के साथ मानवाधिकार वकील मुहन्नद करजाह को उस समय गिरफ्तार किया जब एक दिन पहले एक्टिविस्ट घसन अल-सादी और मुहम्मद फरार्जा की गिरफ्तारी को लेकर रामल्ला अदालत भवन के बाहर एक निर्धारित धरना प्रदर्शन किया जाना था। सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर उस स्थान पर मौजूद पत्रकारों को विरोध शुरू होने से पहले परिसर छोड़ने का आदेश दिया। गिरफ्तार फिलिस्तीनियों और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में कानूनी उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले कानूनी सहायता समूह लॉयर्स फॉर जस्टिस के निदेशक करजाह घसन अल-सादी के वकील भी थे। घसन अल सादी खुद इस समूह के सदस्य हैं।

करजाह की बिना शर्त रिहाई की मांग के तुरंत बाद जारी एक बयान में फिलिस्तीनी बार एसोसिएशन ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। वकील की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बार एसोसिएशन के सदस्य दाउद दारावी ने कहा कि अगर उन्हें जल्द ही हिरासत से रिहा नहीं किया गया तो ये एसोसिएशन पीए के खिलाफ अपने विरोध को तेज करेगा।

Israel
Palestine
human rights violation

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • राज वाल्मीकि
    दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!
    27 May 2022
    दलित परिप्रेक्ष्य से देखें तो इन आठ सालों में दलितों पर लगातार अत्याचार बढ़े हैं। दलित हत्याओं के मामले बढ़े हैं। दलित महिलाओं पर बलात्कार बढ़े हैं। जातिगत भेदभाव बढ़े हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान
    27 May 2022
    उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट समेत 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान होंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है
    27 May 2022
    आपातकाल के ज़माने में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने ग़लत तरीक़े से हिरासत में लिये जाने पर भी नागरिकों को राहत देने से इनकार कर दिया था। और अब शीर्ष अदालत के आदेश से पूजा स्थलों को लेकर विवादों की झड़ी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत
    27 May 2022
    महाराष्ट्र में 83 दिनों के बाद कोरोना के 500 से ज़्यादा 511 मामले दर्ज किए गए है | महराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है की प्रत्येक व्यक्ति को सावधान और सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना…
  • एम. के. भद्रकुमार
    90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात
    27 May 2022
    रूस की सर्वोच्च प्राथमिकता क्रीमिया के लिए एक कॉरिडोर स्थापित करना और उस क्षेत्र के विकास के लिए आर्थिक आधार तैयार करना था। वह लक्ष्य अब पूरा हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License