NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
इज़रायल ने जेल से भागे फ़िलिस्तीनियों के परिवार के सदस्यों को गिरफ़्तार किया
फ़िलिस्तीनी अधिकार समूह एडएमीर (Addameer) ने कहा, परिवार के सदस्यों की गिरफ़्तारी और अन्य फ़िलिस्तीनी क़ैदियों पर दंडात्मक कार्रवाई करना "सामूहिक दंड" है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Sep 2021
इज़रायल ने जेल से भागे फ़िलिस्तीनियों के परिवार के सदस्यों को गिरफ़्तार किया

सभी स्थापित मानवाधिकार मानदंडों की अवहेलना करते हुए बुधवार 08 सितंबर को इजरायली सुरक्षा बलों ने सोमवार को कब्जे वाले उत्तरी वेस्ट बैंक में जेनिन में गिल्बोआ जेल से भागे छह फिलिस्तीनियों के पांच रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया।

पैलेस्टिनियन प्रीजनर्स सोसायटी के अनुसार, इजरायल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक के गांवों और कस्बों में बड़े पैमाने पर निरीक्षण और हिरासत में लेने अभियान की शुरुआत की। इजरायली सैनिकों ने कई फिलिस्तीनी गांवों में घुसकर बुधवार की देर रात को जेल से भाग कैदी के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के घरों पर छापा मारा।

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्री माई अल्कैला ने एक बयान जारी कर इस गिरफ्तारी की निंदा की, जब उनके मंत्रालय के एक कर्मचारी नेदल अरदा को भी इजरायली सैनिकों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार समूहों से हस्तक्षेप करने और कैदियों की रिहाई की अपील करते हुए कहा कि, "इजरायल सैनिक जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय मानदंडों, कानूनों और कन्वेंशनों का उल्लंघन करते हुए फिलिस्तीनी लोगों पर हिंसा करता है"। फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।

इजरायल की उच्च सुरक्षा वाले गिलबाओ जेल में कैद छह फिलिस्तीनी सोमवार रात एक सुरंग खोदकर भाग गए थे। कैदियों की पहचान याकूब महमूद कादरी (49 वर्ष), जकारिये जुबैदी (46 वर्ष), महमूद अब्दुल्ला अरदाह (46 वर्ष), याकूब कासिम (39 वर्ष), अयहम नायेफ कमामजी (35 वर्ष) और मोनाडेल याकूब नफेत (26 वर्ष) के रूप में की गई। इनमें से पांच कैदी फिलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठन इस्लामिक जिहाद के सदस्य थे और छठा कैदी फतह का सदस्य था। इनमें से कुछ उम्रकैद की सजा काट रहे थे।

इज़रायली जेल अधिकारियों ने अपनी जेलों के अंदर निगरानी बढ़ा दी है और कब्जे वाले क्षेत्रों में गिलबाओ और इसकी अन्य जेलों में अन्य कैदियों पर सख्ती करते रहे हैं। इसने गिलबाओ में शेष 350 फिलिस्तीनी कैदियों में से कुछ को अपनी अन्य जेलों में स्थानांतरित कर दिया। मानवाधिकार समूह एडएमीर ने बुधवार को जारी एक बयान में चौथे जेनेवा कन्वेंशन के अनुच्छेद 33 के अनुसार इन कैदियों को एक-दूसरे से मिलने से रोकने जैसे कार्रवाईयों को सामूहिक सजा के रूप में अवैध बताया है। इसने इजरायल के जेल अधिकारियों पर इजरायल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के साथ मिलकर जेल से कैदी के भागने के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए कुछ फिलिस्तीनी कैदियों पर शारीरिक हमला करने, पिटाई करने और अन्य यातनाओं सहित विभिन्न प्रकार की यातना पहुंचाने का आरोप लगाया।

Israel
Palestine
West Bank

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License