NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल ने फ़िलिस्तीन के एक गांव को ध्वस्त कर दिया, क़रीब 80 बेदुईन फ़िलिस्तीनी हुए बेघर 
इस विध्वंस की घटना की बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई है। विस्थापित फिलिस्तीनी परिवारों को लेकर चिंता व्यक्त की गई।
पीपल्स डिस्पैच
06 Nov 2020
इज़रायल ने फ़िलिस्तीन के एक गांव को ध्वस्त कर दिया

इज़रायली सेना ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के उत्तरी जॉर्डन घाटी में एक पूरे फिलिस्तीनी गांव को नष्ट कर दिया। गुरुवार 5 नवंबर को कई मीडिया घरानों ने इसकी रिपोर्ट की है। इसे पिछले 10 वर्षों में क़ब्ज़े वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इज़रायल द्वारा किए गए सबसे बड़े अवैध विध्वंस में से एक कहा गया है। फिलिस्तीनी बेदुईन पशुपालक-किसान समुदाय के निवासी वाले खिरबत हम्सा गांव के विध्वंस होने से क़रीब 80 फिलिस्तीनी विस्थापित और बेघर हुए जिनमें 41 बच्चे थे।

समाचार सूत्रों के अनुसार मंगलवार की देर रात में इजरायली सेना के वाहनों के साथ छह बुलडोजर और खनन करने वाले मशीन के साथ एक अचानक छापेमारी अभियान के तहत गांव में घुस गए जिससे गांव के लोग चकित हो गए कि उन्हें इज़रायली अधिकारियों द्वारा कथित विध्वंस को लेकर कोई अग्रिम सूचना नहीं दी गई थी। 100 से अधिक इज़रायली सैनिक भी इस विध्वंस ऑपरेशन का हिस्सा थे। इज़रायलियों द्वारा नष्ट किए जा रहे इस अभियान में विभिन्न प्रकार के और विभिन्न इस्तेमाल वाले 76 फिलिस्तीनी संरचनाओं को देखा गया था। इनमें से कई को यूरोपीय संघ (ईयू) और अन्य यूरोपीय संघ के सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से धन मिले थे। इस विध्वंस के दौरान इजरायलियों द्वारा 30 टन से अधिक पशुओं के चारे को भी नष्ट कर दिया गया। इजरायली सैनिकों ने इस कार्रवाई के दौरान तीन ग्रामीणों से संबंधित दो ट्रैक्टर और अन्य वाहन भी ले लिए।

लगभग 80 लोगों वाले 11 फिलिस्तीनी परिवारों की परेशानियों को लेकर बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय निंदा की गई है और चिंता व्यक्त की गई है। इजरायल के मानवाधिकार संगठन B'Tselem के इंटरनेशनल एडवोकेसी ऑफिसर सरित मिचेली ने ट्वीट किया, “पिछली बार इजरायल ने 7 साल पहले संपूर्ण पशुपालक समुदाय को बेघर कर दिया था। जाहिर है, मानव-निर्मित मानवीय आपदा पैदा करके लोगों को इस भूमि से बेदखल करने का इरादा है। लेकिन लोगों ने हमें बताया है कि उन्हें कहीं नहीं जाना है।”

संयुक्त राष्ट्र ने विस्थापित फिलिस्तीनी परिवारों के लिए भी चिंता व्यक्त की है। क़ब्ज़े वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के ह्यमनिटैरियन कोऑर्डिनेटर यवोन हेले ने खानाबदोश बेदुईन फिलिस्तीनी समुदायों को "वेस्ट बैंक में सबसे कमज़ोर समुदायों में से एक" कहा। उन्होंने आगे कहा कि उनका विस्थापन पिछले चार वर्षों में संख्या के अनुसार फिलिस्तीनियों का विस्थापित होने वाला सबसे बड़ा जबरन विस्थापन है। और ध्वस्त किए गए ढ़ांचों की संख्या के अनुसार एक दशक में सबसे बड़ा विध्वंस है।

क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में इज़रायली नागरिक प्रशासन जो इज़रायली सेना के अधीन आता है और क़ब्ज़े से संबंधित 'नागरिक' मामलों के लिए भी जिम्मेदार है उसने यह कहते हुए इस विध्वंस को सही ठहराया है कि बेदुईन ढ़ांचों को बिना परमिट हासिल किए हुए अवैध रूप से बनाया गया था और वे इज़रायल की सेना का फायरिंग जोन में स्थित थे जो पूरी तरह से सेना प्रशिक्षण क्षेत्रों के रूप में रिजर्व है।

मानवाधिकार संगठनों ने इज़रायल पर फिलिस्तीनी ढ़ाचों को ध्वस्त करने और भविष्य में अपने खुद के इस्तेमाल के लिए अधिक से अधिक फिलिस्तीनी भूमि को जब्त करने के लिए जानबूझकर एक चाल के रूप में परमिट की कमी और अवैध निर्माण के बहाने का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि जानलेवा कोरोनावायरस के प्रकोप के बावजूद वर्ष 2020 में इज़रायल का ये विध्वंस अपने उच्चतम स्तर पर है। इज़रायल द्वारा वर्ष 2020 के पहले 10 महीनों में लगभग 690 फिलिस्तीनी ढ़ांचों को ध्वस्त कर दिया गया है जिससे 404 फ़िलिस्तीनी बच्चों सहित 900 फ़िलिस्तीनियों के करीब विस्थापित हुए हैं।

Israel
Palestine
Israel attack Palestine
Israel Army
West Bank
European Union

Related Stories

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License