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फिलिस्तीन
इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे
टेली एसयूआर और पान अफ्रीकन टीवी समेत 20 से ज़्यादा प्रगतिशील मीडिया संस्थानों ने वक्तव्य जारी कर फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या की निंदा की है।
पीपल्स डिस्पैच
13 May 2022
Shireen Abu Akleh

बुधवार, 11 मई को अल-जजीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी थी, जब वे कब्जाए गए वेस्ट बैंक क्षेत्र में जेनिन शरणार्थी कैंप में हो रही छापेमारी को कवर कर रही थीं। उन्होंने प्रेस जैकेट पहन रखी थी, जिससे साफ़ समझ में आ रहा था कि वे पत्रकार हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें सीधे चेहरे पर गोली मारी गई। एक और दूसरे फिलिस्तीनी पत्रकार और अकलेह के साथी अली अल-समौदी को भी गोलियां लगी थीं। उन्हें पीठ पर गोलियां मारी गई थीं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत अब ख़तरे से बाहर है।

बड़े स्तर के मानवाधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन की प्रतिक्रिया में दुनियाभर के प्रगतिशील मीडिया संस्थानों के समूह ने निम्नलिखित वक्तव्य जारी किया है।

"हम, दुनिया के अलग-अलग हिस्से के प्रगतिशील समाचार प्रकाशक, फिलिस्तीन की ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाली इज़रायली फौज़ द्वारा हमारी साथी शिरीन अबु अकलेह की नृशंस हत्या की निंदा करते हैं। शिरीन अल-जजीरा की एक कुशल और संवेदनशील पत्रकार थीं, वे जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सुरक्षाबलों द्वारा हिंसक छापेमारी को कवर कर रही थीं, तभी उनके और अन्य पत्रकारों के ऊपर इज़रायली स्नाइपर सैनिकों ने हमला किया, जबकि साफ़ समझ में आ रहा था कि वे पत्रकार हैं। शिरीन ने हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी थी, उन्हें चेहरे पर गोली मारकर मारा गया। उनके साथी अली अल-समौदी को भी गोली मारी गई, जिसमें वे घायल हो गए, लेकिन अब उनकी हालत सुधर रही है।"

"इज़रायली अधिकारियों और मुख्यधारा की मीडिया द्वारा अकलेह की हत्या की जिम्मेदारी इज़रायली फौज़ से स्थानांतरित करने की कोशिशें निंदनीय हैं। ऊपर से उनकी हत्या न ही कोई अपवाद है, न ही कोई दुर्घटना है। पिछले कुछ सालों में फिलिस्तीनी पत्रकारों को लगातार इज़रायली राज्य निशाना बना रहा है और उन्हें इज़रायली फौज के हाथों हिंसा का शिकार होना पड़ता है। हमें यासेर मुर्तजा याद हैं, जो फिलिस्तीनी वीडियोग्राफर और फोटो पत्रकार थे, जिनकी हत्या गाजा पट्टी में 7 अप्रैल, 2018 को ग्रेट मार्च ऑफ़ रिटर्न को कवर करते की गई थी। हम फिलिस्तीन के लोगों के साथ खड़े हैं, जो इज़रायली नस्लभेद करने वाली सत्ता का लगातार प्रतिरोध कर रहे हैं, हम उन पत्रकारों के साथ भी हैं, जो यह कहांनियां सुनाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगाते हैं।"

साझा वक्तव्य जारी करने वाले संस्थान:

फिलिस्तीन कॉर्निकल

अजनास प्रेस पोपाइल अयीस्येन (हैती)

एजेंसिया लैटिनो अमेरिकाना डि इनफॉर्मेशियन- एएलएआई

अल-मायादीन (लेबनान)

एआरजी मेडियोस (अर्जेंटीना)

बार्रिकाडा टीवी (अर्जेंटीना)

ब्राजील डे फाटो (ब्राजील)

ब्रेकथ्रू न्यूज़ (अमेरिका)

कैपाइर

कार्टागो टीवी (अर्जेंटीना)

कोलंबिया इंफॉर्मा (कोलंबिया)

डॉयलोगॉस डो सुल (ब्राजील)

एल सिउडाडानो (चिली)

द इनसाइट न्यूज़पेपर (घाना)

जर्नलिस्ट लिवरेस (ब्राजील)

काव्साचुन न्यूज (बोलिविया)

लिबरेशन न्यूज (यूएसए)

मदार

मल्टी पोलारिस्टा

नेटिवा (बोलिविया)

न्यूज़क्लिक (भारत)

न्यू फ्रेम (दक्षिण अफ्रीका)

पान अफ्रीकन टेलिविजन (घाना)

पीपल्स डिस्पैच

प्रेसांजा इंटरनेशनल प्रेस एजेंसी

रेडियो रेजिस्टांस (हैती)

रिपोर्टेरॉल डि इंवेस्टिगेसियन (होंडुरास)

रेसुमेन लैटिनोअमेरिकानो (अर्जेंटीना)

शैडोप्रूफ (यूएसए)

टेले एसयूआर टीवी

इज़रायल को पत्रकारों और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ़ अपने जानलेवा हमलों को तुरंत रोकना चाहिए।

इस लेख को मूल अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Israel Must Stop its Murderous Attacks on Palestinian Journalists and People

इसे भी पढ़े : अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

Al-Jazeera
Arrests in Palestine
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Human Rights in Palestine
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Israeli occupation forces
Press freedom
Shireen Abu Akleh

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