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इज़रायल की संसद भंग, मार्च 2021 में होंगे चुनाव
अगले साल मार्च में होने वाला चुनाव दो साल से भी कम समय में होने वाला चौथा चुनाव होगा। अप्रैल 2019 के बाद से हुए तीन चुनाव बेनतीजा रहे थे।
पीपल्स डिस्पैच
23 Dec 2020
इज़रायल

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा बजट बिल पारित करने में विफल होने के बाद मंगलवार 22 दिसंबर की आधी रात को 23 वें इजरायली संसद को भंग कर दिया गया। इसने मार्च 2021 में इज़रायल में नए आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। यह अप्रैल 2019 के बाद चौथा आम चुनाव होगा।

नेतन्याहू के नेतृत्व वाली यूनिटी गवर्नमेंट ने संसद में एक विधेयक पारित करने की कोशिश की जो बजट पारित करने के लिए संसदीय समय सीमा बढ़ा चुका होता और सोमवार को चुनावों को रोक दिया होता। हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन से केसेट (एमके) के सदस्यों की कमी के कारण 49 में से 47 मतों से ये विधेयक विफल हो गया। सरकार मंगलवार मध्यरात्रि को निर्धारित समय के भीतर अपने आंतरिक मतभेदों को हल करने में विफल रही जिसके परिणामस्वरूप केसेट का स्वत: विघटन हो गया। इजरायल के मौलिक कानून के अनुसार यदि संसद निर्धारित समय के भीतर बजट पारित करने में विफल रहती है तो यह स्वतः भंग हो जाता है और 90 दिनों के भीतर नए चुनाव कराए जाते हैं।

बजट की सीमा के विस्तार को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेद पिछले कुछ महीनों से सामने आए थे। युनिटी एग्रीमेंट के अनुसार बेंजामिन नेतन्याहू को तीन साल के गठबंधन के पहले 18 महीनों की सेवा के बाद नवंबर 2021 में बेनी गैंट्ज़ को प्रधानमंत्री पद सौंपना था। बेनी गेंट्ज़ 2020-21 दोनों के लिए एक संयुक्त बजट चाहते थे ताकि जब वह प्रधानमंत्री हों तो नए बजट के वोट के बारे में चिंता न करनी पड़े, लेकिन नेतन्याहू ऐसा करने को तैयार नहीं थे।

अप्रैल 2019 से लगातार तीन चुनावों में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने के बाद मई 2020 में लिकुड पार्टी के बेंजामिन नेतन्याहू और ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बेनी गैंट्ज़ के बीच यूनिटी गवर्नमेंट का गठन किया गया था।

यूनिटी गवर्नमेंट के गठन के समय COVID-19 के प्रकोप से पैदा हुए संकट के काल में मतभेदों को दूर करने के अपने दावों के बावजूद नेतन्याहू और गैंट्ज़ के बीच मतभेद पिछले सात महीनों में दिखाई दे रहे थे।

COVID-19 महामारी, जारी विरोध और इजरायल की अदालतों में पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के लिए नेतन्याहू के खिलाफ चल रहे मुकदमे के बीच नए चुनाव कराए जाएंगे। नेतन्याहू को फरवरी में अपने खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए अदालतों में उपस्थित होना होगा।

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