NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल की संसद भंग, मार्च 2021 में होंगे चुनाव
अगले साल मार्च में होने वाला चुनाव दो साल से भी कम समय में होने वाला चौथा चुनाव होगा। अप्रैल 2019 के बाद से हुए तीन चुनाव बेनतीजा रहे थे।
पीपल्स डिस्पैच
23 Dec 2020
इज़रायल

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा बजट बिल पारित करने में विफल होने के बाद मंगलवार 22 दिसंबर की आधी रात को 23 वें इजरायली संसद को भंग कर दिया गया। इसने मार्च 2021 में इज़रायल में नए आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। यह अप्रैल 2019 के बाद चौथा आम चुनाव होगा।

नेतन्याहू के नेतृत्व वाली यूनिटी गवर्नमेंट ने संसद में एक विधेयक पारित करने की कोशिश की जो बजट पारित करने के लिए संसदीय समय सीमा बढ़ा चुका होता और सोमवार को चुनावों को रोक दिया होता। हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन से केसेट (एमके) के सदस्यों की कमी के कारण 49 में से 47 मतों से ये विधेयक विफल हो गया। सरकार मंगलवार मध्यरात्रि को निर्धारित समय के भीतर अपने आंतरिक मतभेदों को हल करने में विफल रही जिसके परिणामस्वरूप केसेट का स्वत: विघटन हो गया। इजरायल के मौलिक कानून के अनुसार यदि संसद निर्धारित समय के भीतर बजट पारित करने में विफल रहती है तो यह स्वतः भंग हो जाता है और 90 दिनों के भीतर नए चुनाव कराए जाते हैं।

बजट की सीमा के विस्तार को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेद पिछले कुछ महीनों से सामने आए थे। युनिटी एग्रीमेंट के अनुसार बेंजामिन नेतन्याहू को तीन साल के गठबंधन के पहले 18 महीनों की सेवा के बाद नवंबर 2021 में बेनी गैंट्ज़ को प्रधानमंत्री पद सौंपना था। बेनी गेंट्ज़ 2020-21 दोनों के लिए एक संयुक्त बजट चाहते थे ताकि जब वह प्रधानमंत्री हों तो नए बजट के वोट के बारे में चिंता न करनी पड़े, लेकिन नेतन्याहू ऐसा करने को तैयार नहीं थे।

अप्रैल 2019 से लगातार तीन चुनावों में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने के बाद मई 2020 में लिकुड पार्टी के बेंजामिन नेतन्याहू और ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बेनी गैंट्ज़ के बीच यूनिटी गवर्नमेंट का गठन किया गया था।

यूनिटी गवर्नमेंट के गठन के समय COVID-19 के प्रकोप से पैदा हुए संकट के काल में मतभेदों को दूर करने के अपने दावों के बावजूद नेतन्याहू और गैंट्ज़ के बीच मतभेद पिछले सात महीनों में दिखाई दे रहे थे।

COVID-19 महामारी, जारी विरोध और इजरायल की अदालतों में पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के लिए नेतन्याहू के खिलाफ चल रहे मुकदमे के बीच नए चुनाव कराए जाएंगे। नेतन्याहू को फरवरी में अपने खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए अदालतों में उपस्थित होना होगा।

Israel
israel's parliament
Benny Gantz
Benjamin Netanyahu
israeli PM
Israel elections

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License