NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल की संसद में रविवार को नई सरकार को मंज़ूरी देने के लिए मतदान
अगर गठबंधन की नई सरकार को बहुमत मिलता है तो यह बेंजामिन नेतन्याहू के इज़रायल के प्रधानमंत्री के रूप में 12 साल के लंबे शासन को समाप्त कर देगा जो विवाद, भ्रष्टाचार और हिंसा के लिए जाना जाता है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Jun 2021
इज़रायल की संसद में रविवार को नई सरकार को मंज़ूरी देने के लिए मतदान

इज़रायल की संसद इस रविवार को नई गठबंधन सरकार को मंजूरी देने के लिए मतदान करेगी। संसद के अध्यक्ष ने मंगलवार 8 जून को इसकी घोषणा की। अध्यक्ष यारिव लाविन ने इजरायल केसेट (संसद) के एक सत्र के दौरान एक बयान में कहा कि "नई सरकार को लेकर चर्चा और मतदान रविवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान होगी।”

अगर नई सरकार को बहुमत मिलता है तो यह इतिहास में इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू के 12 साल के लंबे शासन को समाप्त कर देगा। विवाद, भ्रष्टाचार और हिंसा के लिए जाना जाने वाले उनके शासन ने पिछले कुछ वर्षों में देश को दक्षिणपंथी, चरमपंथी, फिलिस्तीन विरोधी बना दिया है।

अतिदक्षिणपंथी, प्रो-सेटलमेंट यामिना पार्टी के प्रमुख नफ्ताली बेनेट अगले 2 वर्षों के लिए देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में बेंजामिन नेतन्याहू की जगह लेंगे। दो साल बाद सेंटरिस्ट येश एटिड पार्टी के नेता यायिर लापिड इस पद को ग्रहण करेंगे। रोटेशन डील पर लापिड और बेनेट के बीच सहमति के बाद नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

ये गठबंधन सरकार "परिवर्तन की सरकार" होने का दावा करती है, हालांकि, नए गठबंधन में कई नेता नेतन्याहू की सरकारों के प्रमुख सदस्य रहे हैं और उनकी नीतियों, विचारधारा, बयानबाजी और कार्यशैली के मामले में उनके द्वारा सलाह दी गई है।

विशेष रूप से कब्जे वाले फिलीस्तीनियों के प्रति बेनेट से इजरायल की नीतियों या कार्यों में बदलाव के लिए कोई भी उम्मीद नहीं है। अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर हाल ही में हुए हमले और गाजा पर इजरायल के हमलों के दौरान जिसमें 68 बच्चों सहित 250 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 2000 से अधिक अन्य घायल हो गए उस पर बेनेट का ज़ेनोफोबिक और फिलिस्तीनियों के खिलाफ घृणित विचार सामने आए थे।

इस गठबंधन में अन्य पार्टियां जैसे येश एटिड, लेबर पार्टी, एविग्डर लिबरमैन का अल्ट्रा-जेविश नेशनलिस्ट इसरायल बीटीनू पार्टी, बेनी गैंट्ज़ की सेंटरिस्ट ब्लू एंड व्हाइट और वामपंथी मेरेट्ज़ पार्टी हालांकि कट्टर रूप से दक्षिणपंथी या कागज पर युद्ध उकसाने वाला नहीं हैं लेकिन वर्षों से अधिक दक्षिणपंथी सोच और दृष्टिकोण की ओर झुका हुआ है।

Israel
israel govt
Benjamin Netanyahu
netanyahu govt
Israel elections

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License