NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल ने फ़िलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी मेहर अल-अखरास को रिहा किया
अल-अखरास को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में एक फिलिस्तीनी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा जहां वह घर वापस जाने से पहले डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे।
पीपल्स डिस्पैच
27 Nov 2020
इज़रायल ने फ़िलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी मेहर अल-अखरास को रिहा किया

फिलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी महेर अल-अखरास जो इज़रायल द्वारा अपनी अवैध प्रशासनिक हिरासत का विरोध करने और अपनी रिहाई की मांग करने के लिए 104 दिनों की ऐतिहासिक भूख हड़ताल पर बैठे थे उन्हें अंततः इज़रायल की हिरासत से रिहा कर दिया गया है। ये रिपोर्ट गुरुवार 26 नवंबर को कई मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित किया है। अल-अखरास ने इज़रायली अधिकारियों को इस महीने की 8 तारीख को आगे की हिरासत के लिए बढ़ाने के बजाय इजरायली अधिकारियों को रिहा करने के लिए मजबूर करने के बाद अपनी भूख हड़ताल को समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की थी। ये समझौता होने के बाद से भूख हड़ताल के परिणामस्वरूप उनके स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर परेशानियों के कारण जेल से स्थानांतरित किए जाने के बाद इज़़रायल के कपलान अस्पताल में अल-अखरा का इलाज किया जा रहा था।

प्रिजनर्स अफेयर अथॉरिटी ऑफ द पैलेस्टाइन लिब्रेशन ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख प्रमुख कादरी अबू बक्र के एक बयान के अनुसार अल-अखरास को अब क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के शहर नबलुस में अल-नजाह यूनिवर्सिटी के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। पूरी तरह से ठीक होने तक उनका इलाज किया जाएगा और चेकअप होना जारी रहेगा।

अपनी रिहाई के बाद 49 वर्षीय अल-अख़रास ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने एक लंबी भूख हड़ताल करके अपनी आज़ादी हासिल की। इस हड़ताल ने साबित कर दिया कि फिलिस्तीनी लोगों को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने की ज़रूरत है और हम अपने उत्पीड़न को ख़त्म करने के लिए किसी और का इंतज़ार नहीं कर सकते। मेरी स्वतंत्रता मेरे लोगों की स्वतंत्रता है और हमने अपनी इच्छा और दृढ़ संकल्प के साथ क़ब्ज़े पर जीत हासिल की है।”

26 जुलाई को इज़रायली आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट द्वारा गिरफ्तार और गाजा स्थित फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह के एक प्रमुख सदस्य होने का आरोप लगाते हुए अल-अखरास को चार महीने के लिए प्रशासनिक हिरासत में रखा गया। इजरायल के अधिकारियों ने उन सबूतों को भी बरकरार रखा जिसके अल अखरास के खिलाफ होने का दावा किया और जिस पर उन्होंने अखरास को आतंकी गतिविधियों को आरोपी बताया था। उनके खिलाफ प्रशासनिक हिरासत का आदेश पारित होने के तुरंत बाद अल-अख़रस ने विरोध में अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।

इज़रायल द्वारा अपनी प्रशासनिक हिरासत की अवैध नीति के तहत अभी भी 470 से अधिक फिलिस्तीनी क़ैद हैं जिसमें दो नाबालिग़ भी शामिल हैं। मानवाधिकार समूहों ने हमेशा रिपोर्ट किया है कि इजरायली हिरासत में फिलिस्तीनियों ने बेहद क्रूर व्यवहार का सामना किया है और अपमानजनक और अक्सर घातक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक यातनाएं दी गई जो इंटरनेशनल ह्यूमनिटेरियन लॉ का स्पष्ट उल्लंघन है।

Israel
Palestine
West Bank
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया


बाकी खबरें

  • sever
    रवि शंकर दुबे
    यूपी: सफ़ाईकर्मियों की मौत का ज़िम्मेदार कौन? पिछले तीन साल में 54 मौतें
    06 Apr 2022
    आधुनिकता के इस दौर में, सख़्त क़ानून के बावजूद आज भी सीवर सफ़ाई के लिए एक मज़दूर ही सीवर में उतरता है। कई बार इसका ख़ामियाज़ा उसे अपनी मौत से चुकाना पड़ता है।
  • सोनिया यादव
    इतनी औरतों की जान लेने वाला दहेज, नर्सिंग की किताब में फायदेमंद कैसे हो सकता है?
    06 Apr 2022
    हमारे देश में दहेज लेना या देना कानूनन अपराध है, बावजूद इसके दहेज के लिए हिंसा के मामले हमारे देश में कम नहीं हैं। लालच में अंधे लोग कई बार शोषण-उत्पीड़न से आगे बढ़कर लड़की की जान तक ले लेते हैं।
  • पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल
    06 Apr 2022
    डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के बाद ऑटो चालकों ने दो दिनों की हड़ताल शुरु कर दी है। वे बिहार सरकार से फिलहाल प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं।
  • medicine
    ऋचा चिंतन
    दवा के दामों में वृद्धि लोगों को बुरी तरह आहत करेगी – दवा मूल्य निर्धारण एवं उत्पादन नीति को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यता है
    06 Apr 2022
    आवश्यक दवाओं के अधिकतम मूल्य में 10.8% की वृद्धि आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालेगी। कार्यकर्ताओं ने इन बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने और सार्वजनिक क्षेत्र के दवा उद्योग को सुदृढ़ बनाने और एक तर्कसंगत मूल्य…
  • wildfire
    स्टुअर्ट ब्राउन
    आईपीसीसी: 2030 तक दुनिया को उत्सर्जन को कम करना होगा
    06 Apr 2022
    संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम जलवायु रिपोर्ट कहती है कि यदि​ ​हम​​ विनाशकारी ग्लोबल वार्मिंग को टालना चाहते हैं, तो हमें स्थायी रूप से कम कार्बन का उत्सर्जन करने वाले ऊर्जा-विकल्पों की तरफ तेजी से बढ़ना…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License