NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
इज़रायल ने कहा, फ़िलिस्तीन में युद्ध अपराधों में आईसीसी जांच में सहयोग नहीं करेगा
इज़रायल ने आईसीसी द्वारा जांच की घोषणा के बाद ये बात कही है। आईसीसी द्वारा जांच किए जाने का फ़िलिस्तीनियों ने सर्वसम्मति से स्वागत किया था।
पीपल्स डिस्पैच
09 Apr 2021
इज़रायल ने कहा, फ़िलिस्तीन में युद्ध अपराधों में आईसीसी जांच में सहयोग नहीं करेगा

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने गुरुवार 8 अप्रैल को एक बयान में कहा कि इज़रायल अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) की कब्जे वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन और युद्ध अपराधों की जांच में सहयोग नहीं करेगा। इस बयान में कहा गया है कि आईसीसी के पास इजरायल के खिलाफ जांच करने का कोई अधिकार क्षेत्र या अधिकार नहीं है। आगे कहा कि यह "युद्ध के अपराधों के किए गए दावों को खारिज करता है।"

इज़रायल द्वारा आईसीसी जांच में सहयोग न करने का निर्णय उस सहयोग और समन्वय के पूरी तरह उलट है जिसे फिलिस्तीनी सरकार के अधिकारियों ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में जांच करने का आईसीसी से वादा किया था। इजरायल के साथ साथ फिलिस्तीन की भी इस मामले में जांच की जानी है।

हमास और इस्लामिक जिहाद जैसे फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूह भी जांच के दायरे में होंगे और कथित मानवाधिकार उल्लंघनों और युद्ध अपराधों के संबंध में इनका इजरायली सेना के साथ साथ आईसीसी ने नाम लिया था।

बस्ती निर्माण और फिलिस्तीनी जमीनों को जब्त करना, विस्तार करना, फिलिस्तीनियों के घरों और अन्य संपत्तियों को नष्ट करना, साथ ही 2008-09, 2012 और 2014 में गाजा में किए गए हिंसक सैन्य हमलों के साथ साथ इजरायल द्वारा गाजा की वायु, भूमि और समुद्री नाकेबंदी, गाजा-इज़रायल की सीमा पर ग्रेट मार्च ऑफ रिटर्न को लेकर विरोध प्रदर्शन का दमन, वेस्ट बैंक में नियमित सैन्य कार्रवाई और छापे के चलते हजारों फिलिस्तीनी लोगों की हत्याएं हुई हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।

आईसीसी के मुख्य अभियोजक फतोऊ बेन्सौडा ने इस साल 3 मार्च को घोषणा की थी कि 13 जून 2013 से लेकर अब तक कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में युद्ध अपराधों और मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच की जाएगी। एक आईसीसी के फैसले के बाद जिसमें कहा गया था कि वह इजरायल द्वारा कब्जे के अधीन फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर क्षेत्रीय अधिकार का उपयोग कर सकता है।

Israel
icc
Palestine
international criminal court

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

यूक्रेन-रूस घटनाक्रम: रूस को अलग-थलग करने की रणनीति, युद्ध अपराधों पर जांच करेगा आईसीसी

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License