NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सीरिया और कब्जे वाले गाजा पट्टी पर इजरायल के हवाई हमले में दो लोग मारे गए
ये हमला साल 2011 में देश में युद्ध शुरू होने के बाद से सीरिया के भीतर इजरायल द्वारा किए गए गैर-जिम्मेदार हवाई हमलों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।
पीपल्स डिस्पैच
24 Feb 2020
syria

रविवार 23 फरवरी की मध्यरात्रि में इस्राइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाके में हवाई हमले किए जिसमें दो लोग मारे गए।

सीरियन अरब न्यूज़ एजेंसी (SANA) के अनुसार दमिश्क के पास अदेलिय्याह पर हवाई हमले करने के लिए कब्जे वाले गोलन हाइट्स से इज़राइल ने सीरिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। न्यूज एजेंसी ने दावा किया कि अधिकांश मिसाइलों को सीरिया की वायु सेना द्वारा मार गिराया गया।

फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने दावा किया कि इजरायली हमले में मारे गए लोग उसके सदस्य थे।

बाद में इज़राइल ने दावा किया कि उसने ये हमले इस्लामिक जिहाद द्वारा दागे गए रॉकेटों की जवाबी कार्रवाई के चलते किए। इस्लामिक जिहाद ने घिरे हुए गाजा पट्टी से इजरायली क्षेत्र में रॉकेट दागे थे।

इस्लामिक जिहाद ने दावा किया कि उसने रविवार 23 फरवरी को तड़के गाजा में एक फिलिस्तीनी की हत्या के जवाबी कार्रवाई में उन रॉकेटों को दागा था। इजरायली सैनिकों द्वारा मारे गए व्यक्ति मोहम्मद अली अल-नईम के शव को बाद में एक बुल्डोजर पर ले जाई गई थी। जब फिलिस्तीनियों के एक समूह ने शव लेने की कोशिश की तो इजरायली सैनिकों ने गोलीबारी की जिसमें दो और लोग घायल हो गए। इस्लामिक जिहाद ने दावा किया कि उसने अल-नईम की हत्या करने और उसके शव से अमानवीय व्यवहार करने के जवाब में रॉकेट दागा था।

इस्लामिक जिहाद सीरिया आधारित उग्रवादी समूह है जो 1981 में फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए लड़ने को गठित किया गया था। इसे इजरायलियों द्वारा "आतंकवादी संगठन" करार दिया गया है।

साल 2011 में सीरिया में युद्ध शुरू होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानकों का उल्लंघन करते हुए इजरायल निरंतर ऐसे हवाई हमले कर रहा है। ये सभी हवाई हमले अकारण और बिना दावे के हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार के विद्रोही-विरोधी कार्रवाई को कमजोर करने के लिए इज़राइल का प्रयास इजरायल के इन हमलों के कारणों में से एक है। हालांकि, इज़रायल उन्हें सही ठहराने की कोशिश करता है और दावा करता है कि यह हिजबुल्लाह और इस्लामिक जिहाद जैसे ईरानी समर्थित समूहों को निशाना बनाता है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Syria
Israel
Airstrike in the Gaza strip
Gaza strip
Israel war
SANA

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

यूक्रेन से सरज़मीं लौटे ख़ौफ़ज़दा छात्रों की आपबीती

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License