NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
इजराइल की सेना ने जॉर्डन घाटी में शांतिपूर्ण फिलिस्तीनी विरोध पर किया हमला
हमले में पांच फिलिस्तीनियों की गोली लगने से मौत हो गई है, जबकि 40 अन्य घायल हो गए है।
पीपल्स डिस्पैच
26 Feb 2020
www.news.cn

फिलिस्तीन की WAFA समाचार एजेंसी और अंतर्राष्ट्रीय मध्य पूर्व मीडिया सेंटर (IMCC) के अनुसार इजरायल की सेना ने मंगलवार, 25 फरवरी को उत्तरी जॉर्डन घाटी के उत्तर पश्चिमी कब्जे वाले वेस्ट बैंक के उत्तर पूर्वी जॉर्डन घाटी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। इस हमले में कई प्रदर्शनकारियों को इज़राइली सैनिकों के हाथों चोटें भी आईं हैं, सैनिकों ने विरोध प्रदर्शन को दबाने और समाप्त करने के लिए लाइव फायर राउंड, रबर लेपित धातु की गोलियां, आंसू गैस के बम और कंसेंट ग्रेनेड का इस्तेमाल किया।

प्रदर्शनकारी पश्चिमी तट के शहर तुबास के पूर्व में तआसिर की इजरायली सैन्य चौकी के पास प्रदर्शन कर रहे थे। ये प्रदर्शन इजरायली एनेक्सेशन और फिलिस्तीनी भूमि के उपनिवेशवाद के खिलाफ चल रहा था। जिसमें विशेष रूप से बार-बार इजरायल की योजनाओं और पूरे जॉर्डन घाटी को खत्म करना शामिल है। फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) ने पुष्टि की है कि जीवित और धातु लेपित रबर की गोलियों के कारण हुए घावों के लिए पांच फिलिस्तीनियों को चिकित्सा के लिए नजदीकी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था। 40 अन्य लोगों को भी आंसू गैस के चलते साँस लेने में दिक्क्त और घुटन जैसी समस्याएं हुईं, जिन्हें उपचार के लिए ले जाया गया था।

इससे पहले, सैनिकों ने जॉर्डन घाटी में प्रवेश करने के लिए फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों को चौकी को पार करने से भी रोका। इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन राष्ट्रीय समिति ने एनेक्सीएशन वॉल और कॉलोनियों के खिलाफ, फिलिस्तीनी फतेह आंदोलन की विरोधी समिति द्वारा तुबास में किया गया था। स्थानीय फिलिस्तीनी सूत्रों ने बताया कि लगभग 1000 फिलीस्तीनियों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा मध्य पूर्व शांति योजना की भी निंदा की, जिसकी घोषणा उन्होंने पिछले महीने 28 जनवरी को इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उपस्थिति में की थी, और कभी-कभी अवैध इजरायल यहूदी बस्तियों का विस्तार किया था।

Israel Palestine
Israel
Israel Army
Palestine
Israel Occupied Palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

फ़िलिस्तीन पर इज़राइली हिंसा और यूक्रेन-रूस में ख़ूनी जंग कब तक

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है


बाकी खबरें

  • कुशाल चौधरी, गोविंद शर्मा
    बिहार: रोटी-कपड़ा और ‘मिट्टी’ के लिए संघर्ष करते गया के कुम्हार-मज़दूर
    21 May 2022
    गर्मी के मौसम में मिट्टी के कुल्हड़ और मिट्टी के घड़ों/बर्तनों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इससे ज्यादा रोज़गार पैदा नहीं होता है। सामान्य तौर पर, अधिकांश कुम्हार इस कला को छोड़ रहे हैं और सदियों पुरानी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन के स्ट्रेन BA.4 का पहला मामला सामने आया 
    21 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,323 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 34 हज़ार 145 हो गयी है। 
  • विनीत तिवारी
    प्रेम, सद्भाव और इंसानियत के साथ लोगों में ग़लत के ख़िलाफ़ ग़ुस्से की चेतना भरना भी ज़रूरी 
    21 May 2022
    "ढाई आखर प्रेम के"—आज़ादी के 75वें वर्ष में इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा के बहाने कुछ ज़रूरी बातें   
  • लाल बहादुर सिंह
    किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है
    21 May 2022
    इस पूरे दौर में मोदी सरकार के नीतिगत बचकानेपन तथा शेखचिल्ली रवैये के कारण जहाँ दुनिया में जग हंसाई हुई और एक जिम्मेदार राष्ट्र व नेता की छवि पर बट्टा लगा, वहीं गरीबों की मुश्किलें भी बढ़ गईं तथा…
  • अजय गुदावर्ती
    कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है
    21 May 2022
    कांग्रेस पार्टी ख़ुद को भाजपा के वास्तविक विकल्प के तौर पर देखती है, लेकिन ज़्यादातर मोर्चे के नीतिगत स्तर पर यह सत्तासीन पार्टी की तरह ही है। यही वजह है कि इसका आधार सिकुड़ता जा रहा है या उसमें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License