NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल के प्रमुख मानवाधिकार समूह ने कहा 'इज़रायल शासन रंगभेदी है'
B'Tselem ने एक पोजीशन पेपर प्रकाशित किया जिसमें यह इज़रायल सरकार द्वारा लागू किए गए विभिन्न क़ानूनों और नीतियों का विवरण दिया है जिसे फिलिस्तीनियों पर यहूदी वर्चस्व को मज़बूत करने के लिए तैयार किया गया है।
पीपल्स डिस्पैच
13 Jan 2021
इज़रायल

इजरायल के मानवाधिकार समूह B'Tselem ने मंगलवार 12 जनवरी को एक पोजिशन पेपर (position paper ) प्रकाशित किया जिसमें इसने इजरायल को रंगभेदी राष्ट्र बताया है। इस पेपर ने इज़रायल द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में इसके द्वारा किए जाने वाले नस्लभेदी शासन की विस्तृत चर्चा की है।

इस रिपोर्ट का शीर्षक "अ रिजीम ऑफ ज्यूविश सुप्रीमेसी फ्रॉम द जॉर्डन रिवर टू मेडिटेर्रेनियन सी: दिस इज अपार्थेड" है। (जॉर्डन नदी से भूमध्य सागर तक यहूदी वर्चस्व का शासन: यह रंगभेद है।)

पहली बार "रंगभेद" शब्द को शामिल करते हुए इस संगठन का पोजिशन पेपर भी "लोकतंत्र" होने के इजरायल के दावे को खारिज करता है और कहता है कि "एक आयोजन सिद्धांत इजरायल की नीतियों की एक विस्तृत प्रक्रिया के आधार पर है, जो फिलिस्तीनियों पर यहूदियों के वर्चस्व को आगे बढ़ा रही है और अस्तित्व बनाए हुए है"।

फिलिस्तीनियों पर अपना नियंत्रण बनाने के लिए तैयार की गई नीतियां और कानून भेदभावपूर्ण हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली शासन यहूदी वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए भौगोलिक, जनसांख्यिकीय और राजनीतिक रूप से स्थान का इस्तेमाल करता है। फिलिस्तीनियों को न केवल वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा के कब्जे वाले इन तीन क्षेत्रों में दूसरे दर्जे के नागरिक के रुप में रहने के लिए मजबूर किया गया है बल्कि राज्य की हिंसा और इसकी भूमि, नागरिकता, आंदोलन की स्वतंत्रता और राजनीतिक सहभागिता से संबंधित इसकी नीतियों के व्यापक इस्तेमाल के कारण इजरायल में भी द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में रहने के लिए मजबूर किया गया है। यहूदी वर्चस्व को मजबूत करने के लिए इस तरह की व्यवस्था बनाई गई है।

यद्यपि मानवाधिकार समूह और कई फिलिस्तीनी समूह कब्जे वाले क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों पर इजरायली व्यवहार को रंगभेद के रूप में बताते रहे हैं ऐसे में यह पहला मौका है जब एक प्रमुख इजरायली समूह ने इस शासन का वर्णन इस तरह से करना शुरू कर दिया है।

रंगभेदी शासन को मूल रूप से 1994 तक दक्षिण अफ्रीका में सरकारी नीतियों को लेकर उद्धृत किया जाता था जो श्वेत वर्चस्व बनाए रखने के उद्देश्य से अश्वेत और श्वेत लोगों के बीच संस्थागत भेदभाव पर आधारित थे। संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में इसके खिलाफ बहिष्कार और प्रतिबंधों के एक सशक्त वैश्विक अभियान के बाद इसे समाप्त किया गया था।

Israel
human rights in israel
israel govt

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

2021: अफ़ग़ानिस्तान का अमेरिका को सबक़, ईरान और युद्ध की आशंका


बाकी खबरें

  • श्रुति एमडी
    किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप
    18 May 2022
    खनन की अनुमति 3 फ़ीट तक कि थी मगर 20-30 फ़ीट तक खनन किया जा रहा है।
  • मुबाशिर नाइक, इरशाद हुसैन
    कश्मीर: कम मांग और युवा पीढ़ी में कम रूचि के चलते लकड़ी पर नक्काशी के काम में गिरावट
    18 May 2022
    स्थानीय कारीगरों को उम्मीद है कि यूनेस्को की 2021 की शिल्प एवं लोककला की सूची में श्रीनगर के जुड़ने से पुरानी कला को पुनर्जीवित होने में मदद मिलेगी। 
  • nato
    न्यूज़क्लिक टीम
    फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने
    17 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के विस्तार के रूप में फिनलैंड-स्वीडन के नेटो को शामिल होने और तुर्की के इसका विरोध करने के पीछे के दांव पर न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सोनिया यादव
    मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!
    17 May 2022
    देश में मैरिटल रेप को अपराध मानने की मांग लंबे समय से है। ऐसे में अब समाज से वैवाहिक बलात्कार जैसी कुरीति को हटाने के लिए सर्वोच्च अदालत ही अब एकमात्र उम्मीद नज़र आती है।
  • ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    17 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की। कोर्ट ने कथित शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित रखने और नमाज़ जारी रखने के आदेश दिये हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License