NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायली सुरक्षा बलों ने घर पर छापे के बाद फ़िलिस्तीनी पत्रकार को गिरफ़्तार किया
इज़रायल का फ़िलिस्तीनी पत्रकारों को निशाना बनाने और उन पर हमला करने का एक लंबा और क्रूर इतिहास रहा है, यहाँ तक कि उन्हें युद्ध अपराधों कवर करने से रोकने के लिए उन्हें घायल करने और मारने का भी बर्बर इतिहास रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
28 Oct 2020
 पत्रकार

फिलिस्तीनी पत्रकारों पर ताज़ा हमले में मंगलवार 27 अक्टूबर को इज़रायली सुरक्षा बलों ने फिलिस्तीनी पत्रकार-फिल्म निर्माता अब्देलरहमान अल-थाहेर को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया। अल-थाहेर की पत्नी रशा अल-सईह के अनुसार इज़रायली सैनिकों ने देर रात क़रीब 2 बजे उनके पड़ोस और उनके घर में छापेमारी की। इज़रायली सैनिकों ने बिना कोई कारण बताए उन्हें गिरफ़्तार कर लिया।

अल-थाहेर को कथित तौर पर इस साल अगस्त महीने में पैलेस्टिनियन प्रिवेंटिव सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा उस समय गिरफ़्तार किया गया था जब वह नबलुस स्थित एन-नजाह मीडिया सेंटर से निकल रहे थे। यहां वे विभिन्न टीवी शो के प्रोड्यूसर और प्रेजेंटर के रूप में काम कर रहे थे। उनकी गिरफ़्तारी के बाद फिलिस्तीनी सुरक्षा बलों ने उनके घर पर भी छापा मारा था और उनकी निजी संपत्ति के साथ-साथ उनके कार्य से संबंधित सामग्री जैसे कि उनके लैपटॉप, फाइलें और अन्य उपकरण भी ले गए थे। बाद में उन पर उनके व्यक्तिगत सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए "प्राधिकरण का अपमान" करने का आरोप लगाया गया। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने अल-थाहेर के ख़िलाफ़ हाल ही में पारित इलेक्ट्रॉनिक अपराध क़ानून 2017 का इस्तेमाल किया, जिसके तहत उन्हें 21 सितंबर तक फिलिस्तीनी हिरासत में रखा गया था और 5000 जॉर्डनियन दीनार का जुर्माना लगाया गया।

एक बयान में पैलेस्टाइन इंटरनेशनल फोरम फॉर इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन ने पत्रकार की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए मांग की कि इज़रायली अधिकारी अल-थाहेर को बिना किसी शर्त के तुरंत रिहा कर दें। उक्त बयान में इज़रायल से अन्य सभी फिलिस्तीनी पत्रकारों को छोड़ने का भी आह्वान किया गया है जो वर्तमान में इज़रायल की हिरासत में हैं। इसने कहा कि वर्तमान में 20 से अधिक फिलिस्तीनी पत्रकार बिना किसी दोष या अपराध के इज़रायली हिरासत में हैं जबकि वे अपने पेशेवर पत्रकारिता के कर्तव्यों का निर्वाह कर रहे थे।

न्यूज़ वेबसाइट मिडिल ईस्ट आई से बात करते हुए अल-थाहेर की पत्नी ने यह भी खुलासा किया कि इज़रायली सुरक्षा बलों द्वारा उनकी गिरफ़्तारी हैरान कर रहा है क्योंकि अल-थाहेर किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं है और यहां तक कि उनका पत्रकारिता का काम भी राजनीतिक प्रकृति का नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार था जब उन्हें इज़रायल ने गिरफ़्तार किया है। इज़रायली अधिकारियों ने उन्हें या पत्रकार के वकीलों को सूचित नहीं किया है कि उन्होंने उन्हें क्यों गिरफ़्तार किया है और उनके ख़िलाफ़ क्या आरोप लगाए जा रहे हैं।

Israel
Palestine
Palestinian journalist
Palestinian Preventive Security Agency
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    डोनबास में हार के बाद अमेरिकी कहानी ज़िंदा नहीं रहेगी 
    26 Apr 2022
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को बेहद अहम बताया है।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात : विधायक जिग्नेश मेवानी की गिरफ़्तारी का पूरे राज्य में विरोध
    26 Apr 2022
    2016 में ऊना की घटना का विरोध करने के लिए गुजरात के दलित सड़क पर आ गए थे। ऐसा ही कुछ इस बार हो सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पिछले 5 साल में भारत में 2 करोड़ महिलाएं नौकरियों से हुईं अलग- रिपोर्ट
    26 Apr 2022
    क़ानूनी कामकाजी उम्र के 50% से भी अधिक भारतवासी मनमाफिक रोजगार के अभाव के चलते नौकरी नहीं करना चाहते हैं: सीएमआईई 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें अलर्ट 
    26 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,483 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 30 लाख 62 हज़ार 569 हो गयी है।
  • श्रिया सिंह
    कौन हैं गोटाबाया राजपक्षे, जिसने पूरे श्रीलंका को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है
    26 Apr 2022
    सैनिक से नेता बने गोटाबाया राजपक्षे की मौजूदा सरकार इसलिए ज़बरदस्त आलोचना की ज़द में है, क्योंकि देश का आर्थिक संकट अब मानवीय संकट का रूप लेने लगा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License