NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मुद्दा: कश्मीर में लिंचिंग के दिन आने वाले हैं
पिछले दिनों चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सेना, नौसेना व वायुसेना के मुखिया) जनरल बिपिन रावत ने जो सार्वजनिक बयान दिया, वह बहुत चिंताजनक है।
अजय सिंह
20 Nov 2021
Srinagar Encounter
श्रीनगर हैदरपोरा एनकाउंटर सवालों के घेरे में। इंसाफ़ की मांग करते परिजन।

भारत के हिस्से वाले कश्मीर में सेना द्वारा इलाकों की घेराबंदी व तलाशी, तथाकथित मुठभेड़ें, नागरिकों की हत्याएं और अंतहीन ख़ून-ख़राबा जारी है। कश्मीर यातना के जिस दौर से गुज़र रहा है, उस का अंत होता नज़र नहीं आ रहा। अब कश्मीर में लिंचिंग (भीड़ द्वारा किसी को पीट-पीट कर मार डालना) का दौर भी शुरू होने वाला है। भारत की सेना—और उसके जरिए केंद्र सरकार—ने इसका संकेत दे दिया है।

पिछले दिनों चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सेना, नौसेना व वायुसेना के मुखिया) जनरल बिपिन रावत ने जो सार्वजनिक बयान दिया, वह बहुत चिंताजनक है। यह लिंचिंग को वैधता प्रदान करने और उसे सामाजिक तौर पर स्वीकार करने योग्य बना देने की ग़ैर-संवैधानिक कोशिश है। ज़ाहिरा तौर पर लगता है कि इसे केंद्र सरकार का समर्थन मिला हुआ है। उसकी हरी झंडी के बग़ैर ऐसा बयान नहीं दिया जा सकता।

जनरल बिपिन रावत ने टाइम्स नाउ टेलीविज़न चैनल पर कहाः ‘जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोग कह रहे हैं कि हम आतंकवादियों को लिंच कर देंगे, और यह बहुत सकारात्मक संकेत है... अगर कोई आतंकवादी आपके इलाके में सक्रिय है, तो उसे क्यों नहीं लिंच कर दिया जाना चाहिए?’

इसका क्या मतलब है? जनरल रावत खुलेआम कह रहे हैं कि भीड़ को तय करना चाहिए कि कौन आतंकवादी है, और फिर उसे लिंच कर देना (मार डालना) चाहिए, और इस तरह ‘सज़ा देने’ का काम भीड़ को करना चाहिए।

ऐसे बयान के बहुत गंभीर नतीज़े हो सकते हैं। इस बयान की जितनी निंदा की जाय, कम है। यह हत्या करने के लिए भीड़ को खुली छूट देना और उसे अभयदान देना है। ऐसा ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-क़ानूनी, अपराधपूर्ण बयान देने वाला ऊंचे, ज़िम्मेदार सरकारी पद पर बैठा है। क्या उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए? क्या सुप्रीम कोर्ट इस बयान का स्वतः संज्ञान लेगा? क्योंकि यह ‘क़ानून के राज’ का ऐलानिया उल्लंघन है।

कश्मीर अभी तक लिंचिंग की घटनाओं से मुक्त रहा है। लेकिन जनरल रावत के बयान से लगता है कि भारतीय सेना वहां लिंच मॉब (हत्यारी भीड़) तैयार करने और उसे नया, आम चलन (न्यू नॉर्मल) बना देने की जुगत में है। अगर ऐसा हुआ, तो यह कश्मीरी जनता के ख़िलाफ़ एक और मोर्चा होगा।

(लेखक वरिष्ठ कवि व राजनीतिक विश्लेषक हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

Jammu and Kashmir
Srinagar Encounter
Lynching
General Bipin Rawat
Supreme Court

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License