NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जेएनयू: पुलिस ने आइशी समेत 9 को बताया संदिग्ध, आइशी ने कहा- सबूत सार्वजनिक करे पुलिस
जेएनयू मामले में संदिग्ध के रूप में पुलिस द्वारा तस्वीर जारी किए जाने के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा दिल्ली पुलिस के पास जो भी सबूत हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Jan 2020
Aishe Ghosh
Image Courtesy: Hindustan Times

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं।

मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय तिर्की ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे।

डीसीपी ने पांच जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार छात्रावास के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया।

हमले में घायल हुईं घोष ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा है कि पुलिस के संदिग्ध कहने से कोई संदिग्ध नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, "मुझे इस देश की न्याय-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि असली दोषियों का पता चल ही जाएगा।'

आइशी घोष ने कहाकि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया।

आपको बता दें कि रविवार शाम को दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में क़रीब 50 की संख्या में कुछ नकाबपोश हमलावरों ने कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा था। इस हिंसा में 30-35 छात्रों को चोट आई थी और जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी बुरी तरह घायल हो गई थीं।

कुलपति के इस्तीफे की अपनी मांग पर हम कायम हैं: छात्रसंघ

इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ ने कहा है कि वह कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाए जाने की अपनी मांग पर कायम है लेकिन फीस वृद्धि के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन को वापस लेना है या नहीं इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा। छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के बाद यह बात कही।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रसंघ ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शुरू की गई प्रॉक्टोरियल जांच में मंत्रालय से दखल की मांग की है।
 
उन्होंने कहा, “जेएनयू के कुलपति के इस्तीफे की हमारी मांग कायम है। हम सलाहकारों और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाएंगे और फैसला करेंगे कि प्रदर्शन वापस लेना है या नहीं। हमनें अपनी बात रख दी है और अंतिम फैसले के लिये मंत्रालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”

जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है पंजीकरण की तारीख: वीसी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि छात्रावास शुल्क से संबंधित एचआरडी मंत्रालय की तरफ से लिए गए पूर्व के सभी फैसलों को पूरी तरह से लागू किया गया है।

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय और विश्वविद्यालय प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम के बीच बैठक के बाद उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जरूरत पड़ने पर एक बार फिर सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा सकता है। इस टीम में कुमार भी शामिल थे।

उन्होंने कहा, “छात्रावास शुल्क से संबंधित एचआरडी मंत्रालय में पूर्व में लिए गए सभी फैसलों को पूरी तरह से लागू किया गया है।” यह आपात बैठक परिसर में जारी स्थिति पर चर्चा करने और छात्रों एवं प्रशासन के बीच मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए बुलाई गई थी। जेएनयू के रजिस्ट्रार और तीन रेक्टर भी इस टीम का हिस्सा थे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

JNU
Aishe Ghosh
delhi police
JNU VC
JNU Violence
JNUSU
JNUTA
VC M. Jagdish Kumar
MHRD

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!

पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ़्तार किया, हरियाणा में रोका गया क़ाफ़िला


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License