NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जेएनयू हिंसा: डेटा सुरक्षित रखने की याचिका पर अदालत ने पुलिस, व्हाट्सऐप, गूगल से जवाब मांगा
याचिका में दिल्ली पुलिस को जेएनयू परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी।
भाषा
13 Jan 2020
JNU

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी को हुई हिंसा की घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज, डेटा और अन्य साक्ष्य सुरक्षित रखने की मांग करने वाली विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसरों की याचिका पर दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, व्हाट्सऐप, ऐपल और गूगल कंपनी से सोमवार को जवाब मांगा।

पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने जेएनयू प्रशासन से हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखने और उसे सौंपने को कहा है।

न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी।

दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता (अपराध) राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय को बताया कि हिंसा की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के पुलिस के अनुरोध पर जेएनयू प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।

मेहरा ने अदालत को बताया कि पुलिस ने जेएनयू हिंसा के संबंध में व्हाट्सऐप को भी लिखित अनुरोध भेज दो ग्रुपों का डेटा सुरक्षित रखने को कहा है। इन व्हाट्सऐप ग्रुप के नाम हैं ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’। इन समूहों के संदेश, तस्वीरें और वीडियो तथा सदस्यों के फोन नंबर सुरक्षित रखने का अनुरोध किया गया है।

याचिका जेएनयू के प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत ने दायर की। याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की गई।

याचिका में दिल्ली पुलिस को जेएनयू परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

पांच जनवरी को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने जेएनयू परिसर में घुसकर तीन हॉस्टलों के छात्रों को निशाना बनाया था। उन लोगों के हाथों में लाठियां और लोहे की छड़ें थीं। उन्होंने छात्रों को पीटा और परिसर में तोड़फोड़ की।

इस घटना के सिलसिले में वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में तीन प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।

याचिका में दावा किया गया कि हिंसा की घटना से संबंधित डेटा, जानकारी, साक्ष्य और सामग्री का व्हाट्सऐप प्लेटफॉर्म के जरिए आदान-प्रदान हुआ। इस घटना के जिम्मेदार लोगों के पंजीकृत फोन नंबर भी इसमें शामिल हैं। इसका डेटा बैक-अप महत्वपूर्ण सबूत है।

इसमें कहा गया कि घटना से संबंधित साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए जेएनयू शिक्षक संघ ने पुलिस आयुक्त, व्हाट्सऐप और गूगल को अनुरोध भेज इस सभी सामग्री को जांच उद्देश्य के लिए सुरक्षित प्राप्त करने का अनुरोध किया है।

याचिका में कहा गया कि पुलिस ने इस अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को संदेह है कि अदालत या पुलिस आयुक्त के निर्देश के अभाव में संबद्ध साक्ष्यों को उचित तरीके से सुरक्षित नहीं रखा जाएगा।

इसमें यह भी दावा किया गया कि जहां तक याचिकाकर्ताओं को जानकारी है या समाचारों में जो कुछ आया है उससे ऐसा लगता है कि पुलिस ने अब तक सीसीटीवी फुटेज प्राप्त नहीं की है,जो कि बेहद महत्वपूर्ण साक्ष्य है।

शिक्षक संघ ने वीसी को हटाने की मांग दोहराई

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने सोमवार को मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय से कहा कि शिक्षक, परिसर में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और वहां का माहौल अकादमिक गतिविधियों के लिए अनुकूल नहीं है।

एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान शिक्षक संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की अपनी मांग दोहरायी।

जेएनयूटीए के अध्यक्ष डी के लोबियाल ने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा, ‘‘ हम परिसर में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं, वहां का माहौल अकादमिक गतिविधियों के लिए अनुकूल नहीं है। हिंसा के बाद जो विद्यार्थी चले गये, वे लौटने से डर रहे हैं, ऐसे में कैसे हम अध्यापन बहाल करें।’’

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सोमवार को कक्षाएं शुरू होनी थीं लेकिन शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के बहिष्कार के कारण शुरू नहीं हो पायीं।

शिक्षक संघ ने फीस वृद्धि और पांच जनवरी की हिंसा समेत कई मुद्दों पर अकादमिक विषयों में असहयोग का आह्वान किया है। पांच जनवरी को नकाबपोश भीड़ ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों पर हमला किया था।

JNU
JNU Violence
delhi police
Delhi High court
JNUSU
JNUTA

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License