NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
जामिया कुलपति ने कहा- कैंपस में बिना अनुमति के घुसी पुलिस, छात्रों का पुलिसिया ज्यादती के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा, ‘पुलिस बिना अनुमति के परिसर में दाखिल हुई थी। उन्होंने अपनी बर्बरता से छात्र-छात्राओं को डराया। विश्वविद्यालय की संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है।’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Dec 2019
jamia protest

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा कि परिसर में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुई कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

अख्तर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पुलिस बिना अनुमति के परिसर में दाखिल हुई थी। हम परिसर में पुलिस की मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने अपनी बर्बरता से छात्र-छात्राओं को डराया। विश्वविद्यालय की संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है।’
Najma indian express.jpg
उन्होंने कहा, ‘संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और छात्र-छात्राओं पर पुलिस की कार्रवाई के संबंध में हम प्राथमिकी दर्ज कराएंगे। हम उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं। मैं मानव संसाधन मंत्री के समक्ष तथ्यों को पेश करूंगी।’ कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए और इसकी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

सोमवार को पुलिस के ख़िलाफ़ छात्रों ने किया प्रदर्शन

वहीं, दूसरी ओर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सैकड़ों छात्र एक दिन पहले उनके सहपाठियों पर की गई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को हाड़ कंपाने वाली ठंड में परिसर के बाहर सड़कों पर उतर आए।

प्रदर्शनकारियों में विभिन्न राज्यों से आई छात्राएं भी शामिल थीं। स्थानीय लोग और कुछ परिजन भी प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में सामने आए। छात्रों का एक समूह हाड़ कंपाने वाली ठंड में सुबह कमीज उतारकर विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वारों के बाहर खड़ा हो गया। अन्य ने “पुलिस बर्बरता” के खिलाफ विरोध जताने के लिए बड़ी संख्या में मानव श्रृंखला बनाई।

छात्रों के समूह ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और मार्च निकाला। उन्होंने ‘पुलिस की बर्बरता’ की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की। हाथ में तिरंगा लिए हुए, छात्रों ने तालियां पीटीं और केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।

उन्होंने कहा, “यह सरकार अल्पसंख्यक विरोधी, छात्र विरोधी और गरीब विरोधी है। हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे।” कुछ ने प्रदर्शन को ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर लाइव स्ट्रीम किया।

छात्रों के एक समूह ने दावा किया कि पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में दो मस्जिदों को तोड़ दिया, इमाम और एक नेत्रहीन छात्र (अरसलान) को पीटा जो लाइब्रेरी के भीतर था। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि आगे के कदम के बारे में फैसला लेने के लिए दोपहर में एक बैठक की जाएगी।
jamia-women indian express.jpg
एक अन्य छात्र, अनस सिद्दिकी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें “आतंकवादी” कहा और उन्हें परिसर से बाहर आने और उनका सामना करने की चुनौती दी। एक छात्र ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हमारे सहपाठियों को बुरी तरह पीटा गया। पुलिसकर्मी शौचालयों, पुस्तकालयों में घुस आए। उन्होंने लड़कियों को भी पीटा। हमारा प्रदर्शन दिल्ली पुलिस की गुंडागर्दी के खिलाफ है।’

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विश्वविद्यालय की कुलपति नज्मा अख्तर ने घायल छात्रों से मिलने की जहमत भी नहीं उठाई। एक घायल छात्र के साथ जब कुछ महिलाएं अपनी समस्या बताने मीडिया के पास पहुंची तो कुछ लोगों को उनसे यह कहते सुना गया कि वे कोई बयान नहीं दें।

एक छात्र खानजाला ने कहा, ‘जब पुलिस विश्वविद्यालय में घुसी, तब हम वहीं थे। करीब 20 पुलिसकर्मी द्वार नंबर सात से घुसे और करीब 50 अन्य पीछे के द्वार से घुसे। हमने उन्हें बताया कि हम हिंसा में शामिल नहीं थे। उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।’ खानजाला के पैरों और पेट में चोटें आई हैं। खानजाला की चोटें देखकर एक महिला रो पड़ी।

फिजियोथैरेपी विभाग के एक छात्र, अब्दुर रहमान ने दावा किया कि होली फैमिली को छोड़ कर अन्य सभी अस्पतालों ने घायल छात्रों का इलाज करने से मना कर दिया। एक अन्य छात्र रक्षंदा ने आरोप लगाया कि पुलिस रविवार को हिंसा पर काबू पाने में नाकाम रही और जब वह असल दोषियों को नहीं पकड़ पाई तो हमें निशाना बनाने लगी।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान दो दिव्यांग छात्रों को भी निशाना बनाया गया। उन्होंने आपस में एक वीडियो भी साझा किया। वीडियो में, एमबीए का छात्र अरसलान दावा करता नजर आया कि लाइब्रेरी के भीतर उसके साथ मार-पीट की गई। कुछ छात्रों और स्थानीय लोगों को सड़कों पर यातायात सुचारू करने में मदद करते देखा गया।

जामिया में स्थिति अब भी तनावपूर्ण

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए कम से कम 50 छात्रों को सोमवार तड़के रिहा कर दिया गया।

हालांकि विश्वविद्यालय में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 50 छात्रों में से 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस थाने से और 15 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस थाने से रिहा किया गया।

इससे पहले रविवार रात को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने कालकाजी पुलिस थाना प्रभारी को जामिया के ‘घायल’ छात्रों को रिहा करने अथवा बिना किसी विलंब के उन्हें इलाज के लिए किसी अच्छे अस्पताल ले जाने के निर्देश दिए थे। आयोग ने अधिकारी को सोमवार दोपहर तीन बजे तक अनुपालन रिपोर्ट दायर करने का भी निर्देश दिया था।

डीएमसी के प्रमुख जफरुल इस्लाम खान ने आदेश में कहा कि इसे पूरी तरह लागू ना करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय में रविवार को हुई हिंसा के बाद स्थिति सोमवार को भी तनावपूर्ण बनी हुई है और कई छात्र-छात्राएं अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों के अनुसार, स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है और कई छात्राएं विश्वविद्यालय परिसर छोड़ अब घर का रुख कर रही हैं। छात्र-छात्राएं अब विश्वविद्यालय परिसर में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय ने पांच जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा शनिवार को कर दी थी। परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। इस बीच, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने सोमवार को कहा कि सभी मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार खोल दिए गए हैं और सभी स्टेशनों पर सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
jamia-10 indian express.jpg
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद दक्षिणपूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर डीएमआरसी ने पुलिस की सलाह के बाद रविवार शाम को करीब 13 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए थे। डीएमआरसी ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘सुरक्षा अद्यतन। सभी स्टेशनों पर प्रवेश एवं निकास द्वार खोल दिए गए हैं। सभी स्टेशनों पर सामान्य सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।’

हिंसक प्रदर्शनों के बीच सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सोमवार सुबह यातायात बंद कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सड़क संख्या 13ए पर यातायात बंद कर दिया गया है। नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले मोटरसाइकिल सवार लोगों से मथुरा रोड, आश्रम और डीएनडी मार्ग तथा बदरपुर से आने वालों को आश्रम चौक वाले मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील की जाती है।’

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए।

पुलिस ने भीड़ को खदेडने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन उन पर गोलियां चलाने की बात से इनकार किया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें कथित तौर पर पुलिस गोलीबारी करती हुई, विश्वविद्यालय के बाथरूम में घायल छात्र और लहुलुहान हालत में छात्र दिखाई दे रहे हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने झड़पों के दौरान किसी के हताहत होने की खबरों से इनकार किया है। जामिया की छात्र ‘इकाई’ का दावा है कि उनका आगजनी से कोई लेना-देना नहीं है और प्रदर्शन में शामिल हुए कुछ ‘निहित तत्वों’ ने ‘व्यवधान’ उत्पन्न किया। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर कठोर रुख अपनाने का आरोप लगाया।

इसके बाद रविवार रात में दिल्ली के दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों ने जामिया के छात्रों पर हुए हमले का विरोध करते हुए पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हिंसक प्रदर्शन के बाद जामिया के मुख्य प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने दावा किया था कि दिल्ली पुलिस बिना अनुमति के विश्वविद्यालय में घुस आई थी और कर्मचारियों तथा छात्रों की पिटाई की। विश्वविद्यालय की कुलपति नज्मा अख्तर ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा की।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

CAA
CAB
Jamia Milia Islamia
Jamia Protest
delhi police
Jamia VC Najma Akhtar
minorities
MINORITIES RIGHTS
Arvind Kejriwal
DMRC
Delhi University
JNU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License