NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
जामिया प्रदर्शन : विपक्षी दलों ने छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की
कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा, राजद के मनोज झा, सपा के जावेद अली ख़ान और वरिष्ठ नेता शरद यादव ने संवाददाता सम्मेलन में उन छात्रों के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई की निंदा की जो संशोधित नागरिकता क़ानून का विरोध कर रहे थे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Dec 2019
oppostion parties

भारतीय जनता पार्टी द्वारा पारित किए गए नागरिकता संशोधन क़ानून का देश भर में विरोध जारी है। विभिन्न सामाजिक संगठनों, विपक्षी पार्टियों, और यहाँ तक कि देश भर के विश्वविद्यालयों के छात्रों ने इस क़ानून को असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए विरोध प्रदर्शन किए हैं।

इसी सिलसिले में रविवार को दिल्ली के केन्द्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में एक सामुदायिक रैली निकाली थी जिस पर पुलिस ने हिंसक कार्रवाई की। पुलिस ने प्रदर्शनकरियों पर आँसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और गोलीबारी भी की। जो तस्वीरें और video सामने आ रही हैं उनमें देखा जा सकता है कि पुलिस ने छात्रों पर बर्बरता से हमला किया जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं।

ख़बरों के मुताबिक़ पुलिस ज़बरदस्ती कैम्पस के अंदर घुसी और library में पढ़ रहे छात्रों पर हमला लिया और कुछ छात्रों को गिरफ़्तार कर लिया। पुलिस के इस हिंसक बर्ताव पर 16 दिसम्बर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों ने सोमवार को निंदा की और घटना की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच की मांग की।

कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा, राजद के मनोज झा, सपा के जावेद अली ख़ान और वरिष्ठ नेता शरद यादव इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।

आज़ाद ने सवाल किया, ‘‘जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को प्रवेश की इजाज़त नहीं दी तो पुलिस जामिया में कैसे घुस सकती है और छात्रों के साथ ऐसी बर्बरता कैसे कर सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जामिया में छात्रों के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की जानी चाहिए।’’

आज़ाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों को ख़ारिज किया जिनमें उन्होंने कहा था कि हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस का हाथ है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के आरोप लगाना ग़लत है। हम इसकी निंदा करते हैं।’’

येचुरी ने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है। साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि वह अफ़वाहों पर न जाएं, जो हुआ है वह संविधान के लिए अपमानजनक है।

उन्होंने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा मामले की जांच की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हिंसा के पीछे सत्तारुढ़ दल और भारत सरकार है। सरकार यह कानून नहीं लाती तो ऐसी हिंसा ही नहीं होती। इस हिंसा के लिए ज़िम्मेदार हैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मंत्रिमंडल।’’

राजा ने कहा कि जिन्होंने जामिया में पुलिस को प्रवेश करने के आदेश दिए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश में गृह युद्ध जैसे हालात हैं जिसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’’

डी राजा ने सवाल किया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है, तो जामिया के छात्रों पर बल प्रयोग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की क्या प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस की इस बर्बरता के लिए अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। गृह मंत्री की क्या प्रतिक्रिया है, कहां हैं वह।’’

उन्होंने कहा कि वाम दल 19 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने इस आंदोलन में सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक बलों से शामिल होने की अपील की।

येचुरी ने कहा कि वह इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं और इस आंदोलन को देशभर में ले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पुलिस का बिना इजाज़त प्रवेश लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है।

राजद के मनोज झा ने कहा कि विधायी बहुमत संवैधानिक नैतिकता को तबाह करने का प्रयास कर रहा है। जामिया में जो कुछ भी हुआ उसे इतिहास भूलेगा नहीं।

उन्होंने 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया।

सिब्बल ने कहा कि सरकार के क़दम से जो हिंसा और दंगे भड़के हैं वह बेहद खतरनाक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह मामला यहां खत्म होने वाला नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि हिंसा कैसे हुई इसकी जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर ग़लत दावे करने का आरोप लगाया।

(भाषा से इनपुट के साथ)

Jamia Milia Islamia
Jamia Protest
Police lathicharge on students
opposition parties
BJP
CAB
CAA
Congress
ghulam nabi azad
CPM
CPI
Sitaram yechury
D.Raja
Narendra modi

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • उपेंद्र स्वामी
    अंतरिक्ष: हमारी पृथ्वी जितने बड़े टेलीस्कोप से खींची गई आकाशगंगा के ब्लैक होल की पहली तस्वीर
    13 May 2022
    दुनिया भर की: ब्लैक होल हमारे अंतरिक्ष के प्रमुख रहस्यों में से एक है। इन्हें समझना भी अंतरिक्ष के बड़े रोमांच में से एक है। इस अध्ययन के जरिये अंतरिक्ष की कई अबूझ पहेलियों को समझने में मदद
  • परमजीत सिंह जज
    त्रासदी और पाखंड के बीच फंसी पटियाला टकराव और बाद की घटनाएं
    13 May 2022
    मुख्यधारा के मीडिया, राजनीतिक दल और उसके नेताओं का यह भूल जाना कि सिख जनता ने आखिरकार पंजाब में आतंकवाद को खारिज कर दिया था, पंजाबियों के प्रति उनकी सरासर ज्यादती है। 
  • ज़ाहिद खान
    बादल सरकार : रंगमंच की तीसरी धारा के जनक
    13 May 2022
    बादल सरकार का थिएटर, सामाजिक-राजनीतिक बदलाव का थिएटर है। प्रतिरोध की संस्कृति को ज़िंदा रखने में उनके थर्ड थिएटर ने अहम रोल अदा किया। सत्ता की संस्कृति के बरअक्स जन संस्कृति को स्थापित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    असम : विरोध के बीच हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 3 मिलियन चाय के पौधे उखाड़ने का काम शुरू
    13 May 2022
    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल फ़रवरी में कछार में दालू चाय बाग़ान के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करके एक ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की घोषणा की थी।
  • पीपल्स डिस्पैच
    इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे
    13 May 2022
    टेली एसयूआर और पान अफ्रीकन टीवी समेत 20 से ज़्यादा प्रगतिशील मीडिया संस्थानों ने वक्तव्य जारी कर फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या की निंदा की है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License