जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है।इससे पहले तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पीएसए के तहत मामला दर्ज हो चुका है।
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के खिलाफ विवादास्पद जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हिरासत में बंद फैसल के खिलाफ शुक्रवार रात को पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की ‘‘एहतियातन हिरासत’’ की मियाद खत्म होने से महज कुछ ही घंटे पहले छह फरवरी की रात को दोनों नेताओं के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पीएसए के तहत दो प्रावधान हैं - लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
फैसल को पिछले साल 13 और 14 अगस्त की बीच रात में दिल्ली हवाईअड्डे पर इस्तांबुल के लिए उड़ान भरने से पहले रोक दिया गया था और उन्हें श्रीनगर ले जाया गया था, जहां उन्हें हिरासत में लिया गया था।
पूर्व नौकरशाह ने आईएएस से इस्तीफा देने के बाद ‘जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट’ पार्टी का गठन किया था।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की सरकार में जम्मू-कश्मीर के टिम्बर तस्करों पर कार्रवाई के लिए नागरिक सुरक्षा कानून (पीएसए) बना था। इसके तहत तनाव फैलाने, जनता को भड़काने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों को बिना ट्रायल के 3 माह के लिए हिरासत में रखने का प्रावधान है।
जरूरत पड़ने पर इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। आमतौर पर इसे आतंकियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों की गिरफ्तारी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन पहली बार इसके तहत मुख्यधारा के राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)